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Alcohal Consumption: लंदन की यूनिवर्सिटी ने शराबी लोगों पर किया रिसर्च, सामने आया रिजल्ट- आखिर क्यों लग जाती है लोगों को शराब की लत

Alcohal Consumption: शराब पीने को चाहे समाज में कितना ही बुरा क्यों ना समझा जाता हो, लेकिन यह मानव समाज का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। कई लोगों में शराब पीने की जबरदस्त लत पाई जाती है, उनके लिए शराब जैसे अमृत होती है, और एक घूंट पीते ही वे किसी और दुनिया में पहुंच जाते हैं। लेकिन शराब पीते ही ऐसा क्यों हो जाता है? आइए जानते हैं।

Alcohal Consumption: शोधकर्ताओं ने 663 बच्चों के मस्तिष्क का किया अध्ययन, कुछ इस तरह आए रिजल्ट

हमारे आस पड़ोस में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कुछ ज़्यादा ही शराब पीते हैं। तो कुछ ऐसे होते हैं जो शराब का नाम सुनते ही सारा काम धाम जोड़कर पीने में जुट जाते हैं। कुछ ऐसे होते हैं जो पैग दर पैग पीने के बाद भी अपना होश नहीं गंवाते हैं। तो वहीं कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो शराब का सेवन करते ही ‘आनंद लोक’ में पहुंच जाते हैं। हर एक घूंट उनकी ख़ुशी को बढ़ाने लगती है। क्या आपने कभी सोचा है कि इन लोगों का व्यवहार ऐसा क्यों होता है? अब पहली बार ये बात सामने आई है कि ऐसे लोगों में एक खास तरह की समानता होती है। इस बारे में शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने पहली बार माना है कि कुछ लोगों में एक ख़ास तरह का जीन मौजूद होता है जिसके चलते वह कुछ ज्यादा ही शराब पीते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि लोगों को कैसे शराब की लत लग जाती है।

एक रिसर्च के मुताबिक, पियक्कड़ लोगों में शराब के लिए उमंग एक जेनेटिक लिंक की वजह से हो सकती है। किंग्स कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स ने प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (PNAS) में एक स्टडी पब्लिश की थी। Alcohal Consumption जिसमें बताया गया था कि RASGRF-2 नामक जीन लोगों में शराब पीने की खुशी पर असर डाल सकता है। यह रिसर्च जेनेटिक्स, ब्रेन केमिस्ट्री और शराब के साथ हमारे रिश्ते को उजागर करती है। इस स्टडी में डोपामाइन पर काफी ज्यादा ध्यान दिया गया है।

तो बढ़ जाता है डोपामाइन का लेवल Alcohal Consumption

डोपामाइन दिमाग में मजे और खुशी से जुड़ा एक न्यूरोट्रांसमीटर है। जब हमको कोई चीज मजेदार लगती है, जैसे- टेस्टी फूड खाना या फेवरेट म्यूजिक सुनना, तो डोपामाइन का लेवल बढ़ जाता है। इससे सुकून मिलने का अहसास हो सकता है। यह मजा देने वाली चीजों की आदत को बढ़ाता है। शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि RASGRF-2 जीन शराब पीने पर डोपामाइन के निकलने के तरीके से जुड़ा हो सकता है।

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शोधकर्ताओं ने 663 बच्चों के मस्तिष्क का किया अध्ययन Alcohal Consumption

रिसर्च यह बताती है कि जिन लोगों में यह जीन पाया जाता है उनमें शराब पीने के बाद डोपामाइन में ज्यादा इजाफा हो सकता है। जिससे मजा मिलने की संभावना बढ़ जाती है। इन शोधकर्ताओं ने 663 बच्चों के मस्तिष्क का अध्ययन किया। जिसमें यह सामने आया कि यह ख़ास जीन डोपामाइन के प्रवाह को बढ़ा देता है। डोपामाइन ऐसा रसायन है जो मानव मस्तिष्क में आनंद और ख़ुशी को नियंत्रित करता है।

कुछ इस तरह आए रिजल्ट Alcohal Consumption

लगभग 14 साल के इन बच्चों को कुछ इस तरह के काम दिए गए जिससे मस्तिष्क का वेंट्रल स्ट्रेटम वाला हिस्सा ज़्यादा सक्रिय हो, क्योंकि यह हिस्सा डोपामाइन निकालता है। दो साल बाद जब ये बच्चे 16 साल के हुए तब विशेषज्ञों की टीम ने इनके शराब सेवन की आदतों के बारे में आंकड़े जुटाए और पाया कि जिन बच्चों में आरएएसजीआरएफ़-2 जीन था, वह कहीं ज़्यादा सहजता से पी रहे हैं। यह खोज RASGRF-2 जीन और शराब के असर के बढ़े हुए मजे के बीच संभावित रिश्ते को जाहिर करती है।

शराब पीने के लिए लोग क्यों मचलते Alcohal Consumption

बिंज ड्रिंकिंग का मतलब वैसी शराबनोशी है जिसमें आप थोड़े समय में काफी ज़्यादा शराब पीते हैं और नशे में आ जाते हैं। प्रमुख विशेषज्ञ प्रोफेसर गुंटर स्कूमान ने बताया कि अब तक इस पहलू के पूरे सबूत नहीं मिले हैं कि इस ख़ास जीन के चलते ही लोग जमकर शराबनोशी करते हैं क्योंकि यह कई अन्य कारकों और दूसरे जीनों पर भी निर्भर करता है। इस नतीजे से यह ज़रूर पता लगाने में मदद मिलेगी कि कुछ लोग पीने के लिए कुछ ज़्यादा ही क्यों मचलते हैं।

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शराब के लिए होता है हद से ज़्यादा लालच Alcohal Consumption

इसके अलावा उन्होंने कहा कि कुछ लोगों में शराब के लिए हद से ज़्यादा लालच क्यों होता है, इसका पता चला है। इस खास जीन के चलते लोग शराब पीने के बाद ज्यादा आनंद महसूस करते हैं। हमने इस पूरे मसले को समझा है। किस तरह से यह जीन इंसानों के दिमाग पर असर डालता है और उससे कैसे मानव व्यवहार प्रभावित होता है। दरअसल RASGRF-2 जीन शराब पीने के बाद मस्तिष्क से निकलने वाले डोपामाइन को नियंत्रित करता है और इससे इंसान आनंद का अनुभव करता है।

शराब की लत से छुटकारा पाने में मिलेगी मदद Alcohal Consumption

यह रिसर्च बेहतर भविष्य की उम्मीद के दरवाजे खोलती है। अगर कोई भरोसेमंद जेनेटिक टेस्ट RASGRF-2 की मौजूदगी के आधार पर उन व्यक्तियों की पहचान कर सके जिनमें शराब की लत लगने का ज्यादा खतरा है, तो यह हेल्थ सर्विस के लिए एक अहम टूल साबित हो सकता है। जिन लोगों में शराबखोरी शुरू होने का रिस्क है, उनकी तुरंत पहचान हो सकती है। इससे शुरुआत में ही शराब से पीछा छुड़ाने में मदद दी जा सकती है।

ऐसे मिलेगी मदद Alcohal Consumption

ऐसा करने से कई लोगों को शराब पीने से रोका जा सकता है। इसके अलावा शराब पीने के बाद डोपामाइन रिलीज में RASGRF-2 की भूमिका को समझना शराब की लत से निपटने के लिए नई दवाओं के विकास का रास्ता खोलता है। ये दवाएं शराब के मदहोश करने वाले असर को बढ़ाने वाले सिस्टम को टारगेट करेंगी। इसके अलावा इन दवाओं से नशे की लत से जूझ रहे व्यक्तियों को उनकी तलब को कंट्रोल करने और उनकी निर्भरता को कम करने में मदद मिल सकती है।

शराब पीने से नुकसान Alcohal Consumption

  • दुनिया के कई हिस्सों में शराब पीना कल्चर का हिस्सा माना जाता है। लेकिन शराबखोरी कई सामाजिक बुराइयां भी लेकर आती है। शराब की लत न केवल शरीर को बर्बाद करती है, बल्कि कई घर भी इससे तहस-नहस हो जाते हैं। यह पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में दरार पैदा कर सकती है। महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा एक अहम उदाहरण, जो दिखाता है कि शराब पीने के बाद पति अपनी पत्नी और बच्चों को मारते-पीटते हैं।
  • वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में शराब पीने से दुनिया भर में लगभग 26 लाख लोगों की जान गई है। इनमें से 4.74 लाख मौतें तो शराबखोरी से पैदा हुई दिल की बीमारियों की वजह से हुई हैं। कम मात्रा में शराब पीना भी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है।
  • शराब की लत लीवर और दिल संबंधी बीमारियों समेत कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को दावत देती है। शराबखोरी को रोकने के लिए नए तरीके अपनाने होंगे। यह रिसर्च ऐसा करने में मदद कर सकती है, ताकि शराब से होने वाले स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक नुकसान से बचा जा सके।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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