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Russia-Ukraine crisis: अमन और शांति पर ऐसे कोट्स जो चाहिए आपको पढ़ने

Russia-Ukraine crisis : सम्राट अशोक से जॉर्ज वाशिंगटन तक, जिन्होंने युद्ध के लिये सबकी सोच ही बदल डाली


Russia and Ukraine crisis: दुनिया का युद्ध से बहुत पुराना रिश्ता रहा है। युद्ध एक लम्बे समय तक चलने वाली लड़ाई है जो सामन्यत: दो देशों के बीच आपसी मतभेद के कारण उत्पन्न होती है। रूस औऱ यूक्रेन(Rusia-Ukraine conflict) इसका जीता-जागता उदाहरण है। दोनों देशों के बीच चल रही जंग ने न ही मात्र मानवता को शर्मशार किया है बल्कि पूरी दुनिया को उथल-पुथल कर रख दिया है।

युद्ध मात्र हिंसा फैलाने की प्रवृति को जागृत करता है। आज तक न किसी का युद्ध से कछ भला हुआ है न ही किसी के साथ कुछ अच्छा। उल्टा युद्ध ने हज़ारों-लाखों लोगों की जानें ली हैं, न जाने कितने मासूमों की दुनिया उजारी है।

इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें तो हम ये पायेंगे कि मात्र सत्ता स्थापित करने के लिये ही युद्ध ने इस संसार में जन्म लिया।

जब-जब युद्ध का ऐलान हुआ है तब – तब मानवता को ही हानि पहुँची है। बात अगर यूक्रेन और रूस की करें तो मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूक्रेन और रूस की खूनी जंग में 24 फरवरी से अब तक रूस के 500 सैनिक अपनी जान गँवा चुके हैं। यूक्रेन ने युद्ध में अपनी जान गँवा चुके सैनिकों की ताजा संख्या तो नहीं बताई लेकिन इतना ज़रूर कहा है कि अब तक उनके 2000 नागरिकों की मौत हो चुकी है।

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कोई भी राष्ट्र आपसी लड़ाई-झगड़े से समृद्ध नहीं हो सकता। युद्ध को लेकर महाभारत काल से ही अलग – अलग विचार सामने आ चुके हैं। कहते हैं युद्ध को स़दैव ही आखिरी विकल्प रखा जाता है।

Russia-Ukraine crisis

दुनिया में अमन और शाँती की बात को हमेशा ही तवज्जों दिया जाता रहा है। कलिंगा युद्ध के बाद सम्राट अशोक के जंग को लेकर विचार पूरी तरह से बदल गये। जब सम्राट अशोक ने लाखों लोगों की आहुतियाँ देखी, मरे लोगों के सगे – सम्बंधियों को विलाप करते देखा, युद्ध के बाद राज्य में हुई हानी को देखा उनका दिल पसीज गया। उन्होंने सब छोड़ – छाड़ कर बौद्ध धर्म अपना लिया।

सम्राट अशोक ने कहा था ‘सबसे महान जीत प्रेम की होती है ये हमेशा के लिये दिल जीत लेती है’। सम्राट अशोक जैसे ही दुनिया में कई लीडर्स हुये जिनमें समाज को एकजुट लेकर चलने की क्षमता थी। जो यह मानते रहें हैं कि युद्ध मानवता के लिये खतरा है।

आज हम दुनिया के पाँच व्यक्तित्व को आपके सामने पेश करेंगे जिन्होंने युद्ध को लेकर अपने विचार रखें हैं।

सबसे पहले हैं भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी। बापू का भारत की स्वतंत्रता में बहुत बड़ा हाथ है। उन्होंने भारत की आज़ादी पाने के लिये कभी युद्ध का साथ नहीं दिया। वह प्रेम और सरलता में विश्वास रखने वाले थे।

1. “मैं शत्रुता को समाप्त करने की अपील करता हूं, इसलिए नहीं कि आप लड़ने के लिए बहुत थक गए हैं, बल्कि इसलिए कि युद्ध मूल रूप से बुरा है। -महात्मा गाँधी

फादिया फकीर ब्रिटिश लेखक और शिक्षाविद हैं, जो मानविधाकर मुद्दों में शामिल है। युद्ध को लेकर उनका कहना है।

2. आप दूसरे की मिट्टी पर खड़े देश को आजाद नहीं करते- फादिया फकीर

मार्टिन एमिस एक ब्रिटिश उपन्यासकार हैं। उनके विचार युद्ध को लेकर बहुत सरल हैं।

3. “गोलियों को याद नहीं किया जा सकता है। उनका आविष्कार नहीं किया जा सकता है। लेकिन उन्हें बंदूक से बाहर निकाला जा सकता है।”मार्टिन एमिस

अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन ने युद्ध के विषय में कहा है-

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4. सभी राष्ट्रों के प्रति अच्छे विश्वास और न्याय का अनुपालन कीजिए। सभी के साथ शांति और सामंजस्य बनाए रखें।” जॉर्ज वाशिंगटन

मदर टेरेसा को कौन नहीं जानता। उनका यह विचार आज भी लोग याद कर भाव – विभुर हो उठते हैं।

5. “मुझसे एक बार पूछा गया था कि मैं युद्ध विरोधी प्रदर्शनों में भाग क्यों नहीं लेता। मैंने कहा था कि मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा, लेकिन जैसे ही आपकी शांति समर्थक रैली होगी, मैं वहां पहुंच जाऊंगा।– मदर टेरेसा

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