धार्मिक

Navratri special 2019 : जाने इन पौराणिक कथाओं के बारे में जो दर्शाती है माँ दुर्गा की शक्ति

Navratri special 2019 : क्यों मानते है माँ दुर्गा को शक्ति का प्रतीक?


नवरात्रि के दिनों में  लोग माँ दुर्गा की पूजा- आराधना करते है। नौ दिनों तक घरो और मंदिरों में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दिनों में घरों में कलश की स्थापना की जाती है और व्रत भी रखे जाते है। इन दिनों  माता के 9 अलग- अलग रूपों की पूजा की जाती है। इस साल 29 सितंबर से नवरात्रि शुरू हो रहे है । तो चलिए आज जानते है की आखिर क्यों मनाते  है नवरात्रि और हिन्दू धर्म क्या है इसकी मान्यता।

क्यों मानते है माँ दुर्गा को शक्ति का प्रतीक?  

अगर हिन्दू धर्म की कहानियों पर नज़र डाले तो नवरात्रि को मानने के दो वजह है या ये कहे की ऐसी दो पौराणिक कथाएं है जो माता की शक्तियों को दर्शता है। महिसासुर नाम का राक्षस था जो ब्रह्मा जी का बहुत बड़ा भक्त था और उसने कड़ी तपस्या से ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर दिया था. उसकी तपस्या से प्रसन्न हो कर ब्रह्मा ने उन्हें वरदान दिया की तीनो लोक में कोई भी देवता, दानव या पृथ्वी पर कोई भी उसे मार नहीं पायेगा।
यह वरदान पा कर महिसासुर ने तीनो लोक में आतंक मचा दिया था और इसे परेशान हो कर सारे देवता ब्रह्मा, विष्णु और महेश के साथ मिलकर उन्होंने शक्ति के रूप में माँ दुर्गा को जन्म दिया। उसके बाद माँ दुर्गा और महिसासुर का 9 दिन तक घमासान युद्ध हुआ और माँ ने इस युद्ध में उसका वध कर दिया। इस कथा को बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत के लिए भी याद किया जाता है।
ऐसी ही एक और कथा है जो ये दर्शाती है कि हम नवरात्रि क्यों मनाते है। इस कहानी के अनुसार भगवान श्री राम जब लंका पर आकर्मण करने वाले थे उसे पहले उन्होंने शक्ति की माता मॉ भगवती कि आराधना की थी। रामेश्वरम में उन्होंने ने 9 दिन तक माता की पूजा- आराधना की थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न हो कर माता ने उन्हें लंका पर विजय होने का आशीर्वाद दिया था। दंसवे दिन श्री राम ने लंका नरेश रावण को हारा कर विजय प्राप्त की और इस दिन को विजय दशमी के रूप में मनाया जाता है। तो यह थी वो पौराणिक कथाएँ  जिसकी वहज से हम नवरात्रि मानते है। जब किसी घर में कलश की स्थापन की जाती उस वक़्त खाने पीने पर भी ध्यान दिया जाता है जैसे प्याज़ का सेवन पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है और कुछ खास प्रकार के पकवान बनाए जाते है।
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