Surya Arghya: किन लोगों को सूर्य देव को अर्घ्य नहीं देना चाहिए, जानें क्या हैं नियम और सूर्य उपासना का महत्व
Surya Arghya: धार्मिक ग्रंथ और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नियमित रूप से सूर्य देव को अर्घ्य देना सभी के लिए लाभकारी होता है, परंतु कुछ स्थितियों में सूर्य देव को अर्घ्य देने की मनाही होती है। वे कौन सी स्थितियां हैं, इस आर्टिकल में जानते हैं।
Surya Arghya: सूर्य देव को रोज सुबह अर्घ्य देने से भाग्य में होती है वृद्धि
ज्योतिष शास्त्र में भी सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है। साथ ही यह भी माना गया है कि कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होने पर व्यक्ति को जीवन में अपार धन-संपदा की प्राप्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार, रोजाना सूर्य देव जल को जल अर्पित करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत हो सकती है। Surya Arghya सूर्य देव ही एक प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देने वाले देवता हैं, जिनकी पूजा आराधना से कुंडली में कमजोर सूर्य को मजबूती मिलती है और उस व्यक्ति को जीवन में हर तरह की सफलता मिलती है।
यदि आप नियमित रूप से सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं तो आपको रोगों से भी मुक्ति मिलती है। सूर्य देव को हर व्यक्ति जल अर्पित कर सकते हैं, परंतु कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं जब सूर्य देव को अर्घ्य नहीं देना चाहिए। Surya Arghya कुछ ऐसा भी लोग हैं, जिन्हें सूर्य देव को जल देने की मनाही होती है। आइए जानते हैं कि वह लोग कौन हैं?
ये लोग न चढ़ाएं जल Surya Arghya
बिना स्नान के कभी भी सूर्य देव को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। साथ ही किसी व्यक्ति के परिवार पर सूतक लगा हो तब भी उसे सूर्य को अर्घ्य नहीं देना चाहिए। घर में किसी का जन्म होने या फिर मृत्यु होने की स्थिति में सूतक लगता है। यदि कोई व्यक्ति भीषण रोग से पीड़ित है, जिस कारण वह सूर्य अर्घ्य देने में असमर्थ है, तो ऐसी स्थिति में भी सूर्य को जल न दें। वहीं अगर कोई स्त्री रजस्वला है, तो उसे भी अर्घ्य देने से बचना चाहिए।
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सूर्य को जल चढ़ाने की विधि Surya Arghya
सबसे पहले सूर्योदय से पहले उठ जाएं। इसके बाद स्नान आदि से निवृत होकर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। इसके बाद एक लोटे में जल लेकर उसमें लाल चंदन, लाल फूल, कुमकुम और अक्षत आदि डाल दें। सूर्य अर्घ्य के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना बेहतर माना जाता है। इसके बाद सूर्य की ओर मुख करके दोनों हाथ से तांबे के पात्र पकड़ें और सूर्य देव को अर्घ्य दें। शुभ फलों की प्राप्ति के लिए इस दौरान ऊं सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते रहें।
सूर्य देव को जल चढ़ाने के फायदे Surya Arghya
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव को जल चढ़ाने के कुछ नियम बताए गए हैं। जिनके अनुसार सूर्य को अर्घ्य देने से मनुष्य के जीवन में आ रही परेशानियां धीरे-धीरे कम होने लगती हैं, बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है, तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं। उस व्यक्ति का समाज में मान सम्मान बढ़ता है और वह अपने क्षेत्र में झंडे तक गाड़ सकता है।
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इस समय दें सूर्य को जल Surya Arghya
शास्त्रों में माना गया है कि सूर्य को जल सूर्य उदय के एक घंटे के अंदर दे देना चाहिए, लेकिन आप अपनी दिनचर्या के अनुसार या अपनी सुविधा के अनुसार सूर्य को जल अर्पित कर सकते हैं। वैसे उगते सूर्य की आराधना जितनी जल्दी की जाए उतनी फलदायी होती है। सूर्य देव की आराधना भगवान श्री राम ने भी की थी। रविवार का दिन सूर्य पूजा के लिए उत्तम माना गया है। रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है। ऐसा माना गया है कि प्रत्येक रविवार अगर आप सूर्य देव की आराधना करते हैं या सूर्य पूजन करते हैं तो आपकी सभी परेशानियां दूर होती हैं।
ध्यान रखें ये नियम Surya Arghya
सूर्य को जल चढ़ाने से पहले कुछ नियमों को जानना भी जरूरी है। तभी आपको इसका पूर्ण फल प्राप्त हो सकता है। ध्यान रखें कि सूर्य को जल चढ़ाने के लिए हमेशा तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए। सूर्य देव जल चढ़ाते समय आपका मुख पूर्व की दिशा में होना चाहिए। तांबे के लोटे को कुछ इस प्रकार पकड़ें कि आपका हाथ सिर से लगभग आठ इंच ऊपर हो। जल चढ़ाते समय सूर्य की रोशनी जल को पार कर आपके शरीर पर पड़नी चाहिए।
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