Sawan Somvar: पाना चाहते है शिव का आशीर्वाद तो, जाने कैसे करें 2025 सावन सोमवार का व्रत?
Sawan Somvar: सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे पवित्र और प्रिय माना जाता है। खासकर सोमवार के दिन, शिवभक्त व्रत रखकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।
Sawan Somvar : सावन सोमवार व्रत का रहस्य और पूजन विधि
Sawan Somvar: सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे पवित्र और प्रिय माना जाता है। खासकर सोमवार के दिन, शिवभक्त व्रत रखकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। इस व्रत को Sawan Somvar व्रत कहा जाता है। सावन में चार या पांच सोमवार होते हैं और प्रत्येक सोमवार का विशेष धार्मिक महत्व होता है। माना जाता है कि इस व्रत को श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को इच्छित फल देते हैं।
Sawan Somvar व्रत का महत्व
सावन मास को भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है। यह वह समय होता है जब प्रकृति हरी-भरी होती है और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है। शिव पुराण के अनुसार, इस माह में भगवान शिव कैलाश पर्वत से पृथ्वी पर आते हैं और अपने भक्तों की पूजा स्वीकार करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावन के सोमवार को ही माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। अंततः शिव ने पार्वती को स्वीकार किया। इसलिए कुंवारी कन्याएं अच्छे पति की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं।
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सावन सोमवार व्रत विधि
1. व्रत की पूर्व तैयारी
व्रत करने वाले व्यक्ति को एक दिन पहले ही सात्विक भोजन करना चाहिए और मानसिक रूप से संयमित रहना चाहिए। प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
2. पूजन सामग्री
-बेलपत्र
-दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल
भस्म, चंदन
-सफेद पुष्प
-भोग के लिए फल और मिठाई
-दीपक, अगरबत्ती, धूप
3. व्रत का नियम
-व्रती को दिनभर उपवास करना चाहिए। यदि पूरा दिन उपवास संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं।
-जल या दूध का सेवन किया जा सकता है।
-दिनभर “ॐ नमः शिवाय” या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

4. शिवलिंग का अभिषेक
-सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल से स्नान कराएं।
-फिर पंचामृत से अभिषेक करें।
-इसके बाद फिर से गंगाजल से स्नान कराकर बेलपत्र, फूल, धूप और दीप अर्पित करें।
-भोग लगाएं और आरती करें।
5. कथा और व्रत समाप्ति:
-सावन सोमवार की कथा सुनना आवश्यक माना गया है। इससे व्रत पूर्ण माना जाता है।
-शाम को भी शिव की पूजा की जा सकती है।
-अगले दिन व्रत का पारण करें, यानी ब्रह्मणों को भोजन कराकर या दान देकर व्रत को संपन्न करें।

2025 Sawan Somvar में रखे इन बातो ख़ास ध्यान
-बेलपत्र को उल्टा नहीं चढ़ाना चाहिए।
-शिवलिंग पर तुलसी दल नहीं चढ़ाते।
-व्रत के दिन झूठ न बोलें, क्रोध न करें और संयमित आचरण रखें।
-अगर व्रती महिला है तो मासिक धर्म के दौरान व्रत या पूजा न करें।
-कोशिश करें कि व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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