Sankashti Chaturthi 2025 Date: 2025 की संकष्टी चतुर्थी कब है? जानें शुभ मुहूर्त और लाभकारी उपाय
Sankashti Chaturthi 2025 Date, संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक विशेष व्रत है, जिसे हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इसे अखुरथ संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है।
Sankashti Chaturthi 2025 Date: संकष्टी चतुर्थी 2025, व्रत, तिथि और विशेष अनुष्ठान की जानकारी
Sankashti Chaturthi 2025 Date, संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक विशेष व्रत है, जिसे हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इसे अखुरथ संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और बाधाओं से मुक्ति चाहते हैं। 2025 में दिसंबर माह की संकष्टी चतुर्थी का महत्व भी विशेष है। यह व्रत आध्यात्मिक लाभ, मानसिक शांति और घर में खुशहाली लाने के लिए किया जाता है।
दिसंबर 2025 की संकष्टी चतुर्थी की तिथि और शुभ मुहूर्त
- तिथि: 5 दिसंबर 2025
- वार: शुक्रवार
- संकष्टी चतुर्थी व्रत समय: सूर्योदय से लेकर रात्रि 8:30 बजे तक
- चंद्रमा दर्शन: शाम 7:15 बजे तक
शुभ मुहूर्त में यह व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होने की संभावना बढ़ जाती है।
संकष्टी चतुर्थी का महत्व
संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश की पूजा के लिए अति महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे करने से व्यक्ति के जीवन से असफलता, दुख और बाधाएं दूर होती हैं।
मुख्य लाभ:
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: घर और कार्यालय में सुख-समृद्धि लाता है।
- विपरीत परिस्थितियों से मुक्ति: संकट और परेशानियों में राहत दिलाता है।
- धन और वैभव में वृद्धि: नियमित व्रत और पूजा से आर्थिक स्थिरता मिलती है।
- मानसिक शांति: तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है।
संकष्टी चतुर्थी का महत्व इस बात में भी है कि इस दिन चंद्रमा की पूजा और गणेश व्रत के साथ किया गया प्रत्येक उपाय विशेष फलदायक माना जाता है।
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कैसे करें संकष्टी चतुर्थी का व्रत
संकष्टी चतुर्थी का व्रत सरल है, लेकिन इसमें नियम और विधि का पालन करना लाभकारी माना जाता है।
- उपवास: संकष्टी चतुर्थी के दिन दिनभर फास्ट रखा जाता है। कुछ लोग केवल फल और दूध का सेवन करते हैं।
- गणेश पूजा: व्रती शाम को गणेश जी की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाकर पूजा करते हैं।
- संकष्टी व्रत कथा का पाठ: व्रत कथा सुनने से या पढ़ने से व्रत पूर्ण फलदायी होता है।
- प्रसाद: पूजा के बाद मोदक, फल और शहद का प्रसाद तैयार किया जाता है।
- चंद्रमा दर्शन: व्रती को चंद्रमा दर्शन करना अनिवार्य माना जाता है। अगर बाद में ही चंद्रमा दिखे तो व्रत पूर्ण माना जाता है।
विशेष उपाय और मंत्र
संकष्टी चतुर्थी को और भी अधिक फलदायक बनाने के लिए कुछ विशेष उपाय और मंत्र अपनाए जा सकते हैं:
- गणेश मंत्र:
- “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप व्रत के दौरान करें।
- दूध और मोदक अर्पण:
- गणेश जी को दूध और मोदक अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
- हल्दी और चावल से गणेश पूजा:
- हल्दी और चावल से गणेश जी की प्रतिमा को सजाना शुभ माना जाता है।
- संकष्टी व्रत कथा का पाठ:
- कथा सुनने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मानसिक शांति मिलती है।
- दान-पुण्य:
- इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दान करना अत्यंत लाभकारी होता है।
संकष्टी चतुर्थी के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- व्रत के दिन मांसाहार, मद्य और नशे वाले पदार्थों से परहेज करें।
- घर में पूजा करते समय साफ-सफाई और सकारात्मक वातावरण बनाए रखें।
- व्रत के दौरान सकारात्मक सोच और ध्यान करें, यह व्रत के फलों को और बढ़ाता है।
- व्रत तोड़ने से पहले कथा का पाठ और प्रसाद वितरण करना जरूरी है।
संकष्टी चतुर्थी 2025 का व्रत न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का भी एक महत्वपूर्ण साधन है।
- यह व्रत घर और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
- संकट और बाधाओं से मुक्ति दिलाता है।
- मानसिक और आध्यात्मिक शांति देता है।
- नियमित रूप से व्रत और पूजा करने से धन, वैभव और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
इस दिसंबर, 5 दिसंबर 2025 को संकष्टी चतुर्थी का व्रत कर आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली ला सकते हैं।
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