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Rangbhari Ekadashi 2024: वैवाहिक जीवन में आ रही बाधा? तो रंगभरी एकादशी पर जरूर करें ये उपाय, रिश्ते में भर जाएगी खुशहाली

Rangbhari Ekadashi 2024: रंगभरी एकादशी 20 मार्च दिन बुधवार को है। उस दिन पुष्य नक्षत्र और रवि योग का सुंदर संयोग बनेगा। रंगभरी एकादशी के दिन कौन से उपाय करें, जिससे जीवन में सुख, सौभाग्य और खुशहाली आ जाए।

Rangbhari Ekadashi 2024: जानें कब है रंगभरी एकादशी, क्या है व्रत की मान्यता

पंचांग के अनुसार, वर्ष में कुल 24 एकादशी पड़ती है। इनमें से फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का अधिक महत्व है। इस एकादशी को रंगभरी एकादशी और आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है। रंगभरी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के संग भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि रंगभरी एकादशी पर कुछ उपाय करने से साधक को विशेष फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं रंगभरी एकादशी के दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में।

क्या है रंगभरी एकादशी का महत्व

ज्योतिषाचार्य का कहना है कि रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती को विवाह के बाद पहली बार काशी लेकर आए थे। तब उनके भक्तों ने उनका स्वागत रंग और गुलाल से किया था। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को हर साल रंगभरी एकादशी मनाई जाती है और उस दिन शिव जी की नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ और माता गौरी को पूजा में गुलाल अर्पित करते हैं। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सुहागनों को अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है और दांपत्य जीवन सुखमय होता है। जिनके वैवाहिक या प्रेम संबंध ठीक नहीं होते हैं, उनको भी रंगभरी एकादशी के दिन शिव और गौरी की पूजा करनी चाहिए।

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रंगभरी एकादशी के उपाय

  • यदि आपके वैवाहिक जीवन में कोई समस्या है तो आपको रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव को बेलपत्र, लाल या गुलाबी गुलाला और माता पार्वती को सिंदूर के साथ सुहाग की सामग्री अर्पित करें। इस उपाय को करने से दांपत्य जीवन सुखमय होगा और प्रेम संबंध भी मजबूत होंगे।
  • रंगभरी एकादशी वाले दिन आप भगवान शिव और माता पार्वती को पूजा के समय अक्षत जरूर अर्पित करें। इस बात का ध्यान रहे कि अक्षत के चावल टूटे हुए न हों। भगवान शिव को अक्षत चढ़ाने से धन और समृद्धि बढ़ती है।
  • जिन लोगों का विवाह होने में समस्या आ रही है, वे रंगभरी एकादशी के दिन व्रत रखकर माता पार्वती और शिव जी की पूजा करें। भगवान भोलेनाथ को 108 बेलपत्र और पीले फूल अर्पित करें। शिव और शक्ति का गठबंधन कराएं। उसके बाद शिव-शक्ति से शीघ्र विवाह के लिए प्रार्थना करें। आपकी मनोकामना पूरी होगी।
  • रंगभरी एकादशी के दिन श्री हरि और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। इस दौरान गुलाब जल में पीला चंदन और केसर मिलाकर तिलक लगाएं। माना जाता है कि इस कार्य को करने से साधक की सभी मनोकामना पूरी होती है।
  • आमलकी एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की पूजा के दौरान श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें और आंवला अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से इंसान को कर्ज की परेशानी से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

कब है रंगभरी एकादशी

रंगभरी एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, रंगभरी एकादशी तिथि का प्रारंभ 20 मार्च को रात 12 बजकर 21 मिनट से होगा और इसके अगले दिन 21 मार्च को सुबह 02 बजकर 22 मिनट पर तिथि समाप्त होगी। ऐसे में रंगभरी एकादशी का व्रत 20 मार्च को किया जाएगा।

रंगभरी एकादशी पूजा विधि (Rangbhari Ekadashi Puja Vidhi)

रंगभरी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत भगवान शिव और माता पार्वती के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। अब विधिपूर्वक भगवान शिव का जलाभिषेक करें और मां पार्वती जी को सोलह श्रृंगार अर्पित करें। शिवलिंग पर गुलाल, चंदन और बेलपत्र समेत विशेष चीजें अर्पित करें। इसके पश्चात उनकी आरती करें और रंगभरी एकादशी कथा का पाठ करें। अब भोग लगाएं और सुख-शांति की प्रार्थना करें। अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें और खुद भी ग्रहण करें।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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