Premanand Ji Maharaj: ‘पापों का घड़ा कम या ज्यादा नहीं होता, बुरा करने पर परिणाम भी बुरा ही होगा’ – बोले प्रेमानंद जी महाराज
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज ने बताए कि कब तक मनुष्य के पाप का घड़ा भरता है। और इसके भरने पर मनुष्य को अत्यंत दुखद परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
Premanand Ji Maharaj: क्या सबके पाप के घड़े का साइज अलग-अलग होता है? प्रेमानंद महाराज जी से जानिए सच्चाई
वृंदावन में एक संत रहते हैं, जिनका नाम है स्वामी प्रेमानंद महाराज। प्रेमानंद महाराज के सत्संग सुनने को देश और विदेश से भारी संख्या में लोग आते हैं। साथ ही महाराज से अपने प्रश्न करते हैं, वहीं प्रेमानंद महाराज भी लोगों के प्रश्नों का उत्तर देते हैं। साथ ही अपने सत्संग के माध्य से लोगों को सही दिशा और मार्ग दर्शन देते हैं। वहीं आपको बता दें कि प्रेमानंद महाराज जी राधा रानी के अनन्य भक्त हैं। साथ ही महाराज जी के सत्संग में कई सेलिब्रिटी पहुंच चुके हैं। जिसमें राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, क्रिकेटर विराट कोहली, अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के नाम शामिल हैं। अभिनेता रवि किशन भी महाराज जी से मिल चुके हैं। वृन्दावन के श्रीहित प्रेमानन्द महाराज जी के बारे में आज कौन नहीं जानता? परम पूज्य प्रेमानंद महाराज जी, श्री हित प्रेमानंद ने नौवीं कक्षा में ही तय कर लिया था कि वह आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ेंगे। Premanand Ji Maharaj उन्होंने 13 साल की उम्र में अपनी मां को यह कहकर घर छोड़ दिया कि वह जा रहे हैं और ब्रह्मचर्य का पालन करने लगे।
कुछ दिन पहले एक भक्त महाराज के दरबार में आया और पूछा, महाराज जी, क्या सबके पाप का घड़ा अलग अलग साइज का होता है? भक्त के सवाल के जवाब में महाराज जी ने क्या कहा, आपको जरूर सुनना चाहिए। Premanand Ji Maharaj दरअसल एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें प्रेमानंद जी महाराज एक शख्स के सवाल का जवाब देते नजर आ रहे हैं। शख्स ने प्रेमानंद जी महाराज से पूछा कि क्या सबका पाप का घड़ा भी अलग-अलग साइज का होता है।
महाराज जी बोले- हर चीज की तय होती है लिमिट Premanand Ji Maharaj
इसका जवाब देते हुए प्रेमानंद जी महाराज ने कहा- नहीं ऐसा कुछ नहीं होता है। किसी चीज की एक लिमिट तय होती है। अगर आपने बहुत पुण्य किए हैं और आप छोटा-मोटा पाप कर रहे हैं तो आपका पुण्य आपको बचाता रहेगा। और जो पाप, आप कर रहे हो वो पाप के खाते में जमा होता जाएगा। जब आपका पुण्य का घड़ा नष्ट हो जाएगा और इस समय के बुरे कर्म और पुराने बुरे कर्म आपस में जुड़ जाएंगे तो फिर ब्लास्ट हो जाएगा। वो नीचे गिरता चला जाएगे।
झेलने पड़ सकते हैं दुखद परिणाम Premanand Ji Maharaj
ऊपर की दृष्टि से देखने पर ये स्पष्ट हो जाता है। इसमें ऐसा नहीं होता है कि किसी के पाप का घड़ा 5 लीटर का है तो किसा का 10 लीटर का है। ये सम्मलित होता है। अगर किसी ने पूर्व में कोई पुण्य किया है और अभी वो पाप करता है तो उसका पुण्य अभी फलकारी है। ऐसे में वो शख्स आपको मौजूदा समय में बहुत फलता-फूलता नजर आएगा। लेकिन जहां उसका पुण्य खत्म हो जाएगा तो इसका मतलब है कि उसके पाप का घड़ा भर गया है। ऐसे में शख्स को इसके दुखद परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं।
पापों का घड़ा कम या ज्यादा नहीं होता Premanand Ji Maharaj
महाराज जी ये भी कहते हैं कि जब भी आप देखते हैं कि कोई अच्छा व्यक्ति दुख भोग रहा है तो इसका मतलब है कि अभी वो अच्छा व्यक्ति अपने पिछले पापों की सजा भोग रहा है और साथ ही वो अपने अच्छे कर्मों से अपने आने वाले जीवन के लिए अच्छे कर्म भी इकट्ठा कर रहा है। ऐसा हर व्यक्ति के साथ होता है। किसी के भी पापों का घड़ा कम या ज्यादा नहीं होता, बस इसकी एक सीमा होती है कि आप एक बार में इतने ही पाप कर सकते हैं।
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बुरा करने पर परिणाम भी बुरा ही होगा Premanand Ji Maharaj
प्रेमानंद जी महाराज ने इस बात को समझाने के लिए महाभारत में युधिष्ठिर और दुर्योधन का उदाहरण लेते हुए बताया- जैसे दुर्योधन ने पाप किया। लेकिन इसके बाद भी वे कितना बढ़े, हस्तिनापुर पर राज किया और इंद्रप्रस्थ को अपने कब्जे में ले लिया। पांडवो को कारावास दिया, अज्ञातवास दिया। लेकिन इसके बाद भी क्या परिणाम हुआ। उन्हें काटकर फेंक दिया गया। सिंघासन तो आखिर में युदिष्ठिर जी को ही मिला। इसलिए हमें अपनी दृष्टि हमेशा परिणाम की ओर रखनी है। भले ही आप बहुत तप करें और कष्ट झेलें, लेकिन अगर आपने अच्छा काम किया है तो इसका परिणाम अंत में अच्छा ही मिलेगा। और जिसने बुरा काम किया है उसका परिणाम बुरा ही होगा।
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