Phulpati: नेपाल का Phulpati पर्व, फूलों और पत्तियों का उत्सव
Phulpati, नेपाल में दशैं (Dashain) पर्व को सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार माना जाता है। दशैं का दसवां दिन विशेष रूप से Phulpati के रूप में मनाया जाता है।
Phulpati : फुलपाती, नेपाली समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक
Phulpati, नेपाल में दशैं (Dashain) पर्व को सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार माना जाता है। दशैं का दसवां दिन विशेष रूप से Phulpati के रूप में मनाया जाता है। Phulpati का अर्थ है “फूलों और पत्तियों का जुलूस”, और यह दिन देवी दुर्गा की पूजा और पारंपरिक रीति-रिवाजों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। Phulpati को नेपाली कैलेंडर के अनुसार अषाढ़ या आश्विन मास में मनाया जाता है। यह दिन दशैं के उत्सव की शुरुआत का संकेत देता है और इसे सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
Phulpati का इतिहास और धार्मिक महत्व
Phulpati पर्व का इतिहास हिंदू धर्म और नेपाली परंपरा से जुड़ा हुआ है। इसे देवी दुर्गा और शक्ति पूजा से जोड़ा जाता है। लोककथाओं के अनुसार, Phulpati के दिन बांकेबिहारी, बांस और फूलों का पूजन किया जाता है। Phulpati का महत्व इस बात में है कि यह दशैं उत्सव की शुरुआत और देवी दुर्गा की शक्ति का प्रतीक है। इस दिन परंपरा के अनुसार सभी परिवार Phulpati सामग्री (पत्ते, फूल, गुड़, मसाले) लाते हैं और पूजा की जाती है।
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Phulpati के मुख्य रीति-रिवाज
1. Phulpati सामग्री
Phulpati का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है विशेष सामग्री जो पूजा के लिए लाई जाती है। इसमें शामिल होते हैं:
-तुलसी, शमी और आम के पत्ते
-फूल और गुड़
-मसाले और विशेष वस्तुएँ
2. जुलूस और यात्रा
Phulpati के दिन जुलूस और यात्रा का आयोजन किया जाता है। लोग Phulpati सामग्री को मंदिरों और पवित्र स्थानों तक ले जाते हैं। इसे धार्मिक श्रद्धा और उत्साह के साथ किया जाता है।
3. देवी दुर्गा की पूजा
Phulpati के दिन देवी दुर्गा और देवी शक्ति की पूजा की जाती है। लोग फूल, पत्तियाँ और गुड़ चढ़ाते हैं। पूजा का उद्देश्य है शक्ति, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति।
4. समाजिक और पारिवारिक आयोजन
Phulpati केवल पूजा तक सीमित नहीं है। यह दिन परिवार और समाज के लिए मिलन और उत्सव का अवसर होता है। लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं, मिठाई और व्यंजन बांटते हैं और खुशियाँ मनाते हैं।
Phulpati और दशैं का संबंध
Phulpati दशैं उत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा है। दशैं का मुख्य उद्देश्य है असुरों और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक। Phulpati की पूजा और जुलूस इस बात का संकेत देते हैं कि दशैं की शुरुआत हो चुकी है और शुभ कार्यों का समय आ गया है। दशैं के दौरान 15 दिन का पर्व चलता है और Phulpati इस उत्सव की सातवीं या आठवीं दिन की शुरूआत का प्रतीक माना जाता है।
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Phulpati के दौरान विशेष परंपराएँ
1. Phulpati सामग्री को घर लाना
परंपरा के अनुसार, सभी परिवार Phulpati सामग्री को घर लाते हैं और इसे पूजा स्थल पर सजाते हैं।
-फूलों और पत्तियों को सजाने की परंपरा शुभता और समृद्धि का प्रतीक है।
2. माता-पिता और बुजुर्गों का आशीर्वाद
Phulpati के दिन बच्चे और युवा बुजुर्गों से आशीर्वाद लेते हैं।
-यह आशीर्वाद स्वास्थ्य, सफलता और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।
3. व्यंजन और उत्सव
-Phulpati के दिन विशेष व्यंजन और मिठाइयाँ बनाई जाती हैं।
-यह दिन खुशियों, मिलन और परिवारिक एकता का प्रतीक है।
Phulpati का सांस्कृतिक महत्व
Phulpati केवल धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह नेपाली समाज और संस्कृति का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है।
-यह पारिवारिक एकता और समाजिक मेलजोल को बढ़ावा देता है।
-युवा पीढ़ी को परंपरा और संस्कृति से जोड़ने का कार्य करता है।
-यह पर्व स्थानीय कला, गीत और नृत्य के लिए भी अवसर प्रदान करता है।
Phulpati के आधुनिक पहलू
आजकल Phulpati परंपरा आधुनिक और शहरी जीवन में भी जीवित है।
-लोग सोशल मीडिया पर Phulpati की तस्वीरें और वीडियो साझा करते हैं।
-शहरों में बड़े समारोह और जुलूस आयोजित किए जाते हैं।
-स्कूल और संस्थान भी Phulpati उत्सव का आयोजन करते हैं ताकि बच्चों में परंपरा का ज्ञान बढ़े।
Phulpati केवल फूल और पत्तियों का उत्सव नहीं है, बल्कि यह धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व वाला पर्व है। नेपाल में यह दिन दशैं उत्सव की शुरुआत और देवी दुर्गा की पूजा का प्रतीक है। Phulpati के जुलूस, पूजा और परिवारिक उत्सव समाज में एकता, भाईचारा और खुशियों का संदेश देते हैं। यह पर्व यह भी याद दिलाता है कि परंपरा और संस्कृति का सम्मान करना हर नेपाली नागरिक की जिम्मेदारी है।
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