Onam Festival 2025: ओणम 2025, फूलों, नौकाओं और सांस्कृतिक रंगों का उत्सव
Onam Festival 2025, ओणम दक्षिण भारत के राज्य केरल का एक प्रमुख और भव्य त्योहार है, जो हर साल अगस्त-सितंबर के महीने में मनाया जाता है।
Onam Festival 2025 : ओणम पर्व 2025, केरल की सांस्कृतिक विरासत की अनमोल धरोहर
Onam Festival 2025, ओणम दक्षिण भारत के राज्य केरल का एक प्रमुख और भव्य त्योहार है, जो हर साल अगस्त-सितंबर के महीने में मनाया जाता है। यह त्योहार केरल की सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और खुशहाली का प्रतीक है। ओणम मुख्य रूप से केरल के लोगों के लिए नई फसल के आगमन का जश्न है, लेकिन यह सबके लिए प्रेम, सौहार्द और भाईचारे का उत्सव भी है।
ओणम का महत्व
ओणम भगवान महाभारत के प्रसिद्ध पात्र राजा महाबली की याद में मनाया जाता है। कथा के अनुसार, राजा महाबली एक न्यायप्रिय और दयालु शासक थे, जिनके शासन काल में केरल में सुख-शांति और समृद्धि थी। उनकी लोकप्रियता और शक्ति से देवताओं को खतरा महसूस हुआ, इसलिए उन्होंने वामन अवतार के माध्यम से महाबली को पाताल लोक भेजा। लेकिन भगवान ने उनसे वादा लिया कि वे हर साल अपने प्रजाजनों से मिलने पृथ्वी पर आएंगे। ओणम उसी उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जब महाबली केरल की धरती पर लौटते हैं।
ओणम पर्व कब मनाया जाता है?
ओणम आमतौर पर मीनम राशि के अन्तर्गत आने वाले भरणी नक्षत्र पर मनाया जाता है, जो अगस्त या सितंबर महीने में पड़ता है। वर्ष 2025 में भी ओणम इसी अवधि में मनाया जाएगा, और यह केरल के हर घर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
ओणम की तैयारी और आयोजन
ओणम त्योहार लगभग दस दिनों तक चलता है। इसमें सबसे खास है ‘थिरुवोनम’ दिन, जिसे मुख्य दिन माना जाता है। इस दिन केरल के लोग नए वस्त्र पहनते हैं, अपने घरों को कूसुमा रंगोलियों से सजाते हैं, और परंपरागत भोजन ‘सादा ओणम साड्य’ का आयोजन करते हैं।
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ओणम के मुख्य आकर्षण
-पुझा और पूजा: लोग अपने घरों और मंदिरों में भगवान महाबली और देवी भवानी की पूजा करते हैं।
-सादा ओणम साड्य: यह विशेष भोजन कई प्रकार की शाकाहारी डिशों का मिश्रण होता है, जो केले की पत्तियों पर परोसा जाता है।
-नाव कट्टु (नाव की दौड़): केरल की प्रसिद्ध नाव दौड़ ओणम के दौरान आयोजित की जाती है, जो दर्शकों को बेहद रोमांचित करती है।
-कला और संस्कृति: केरल की पारंपरिक नृत्य और संगीत, जैसे कथकली और मोहिनीअट्टम, ओणम के उत्सव में चार चाँद लगाते हैं।
-फूलों की सजावट: ओणम पुक्कलम (फूलों की रंगोली) के लिए भी जाना जाता है, जिसमें सुंदर फूलों से रंग-बिरंगी सजावट की जाती है।
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ओणम का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
ओणम केवल धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह केरल के सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक भी है। यह त्योहार सभी धर्मों और जातियों के लोगों को एक साथ जोड़ता है। ओणम के दौरान सभी लोग पुराने मतभेद भुलाकर एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं। ओणम 2025 केरल की मिट्टी से जुड़े लोगों के लिए खुशियों, समृद्धि और सांस्कृतिक गर्व का संदेश लेकर आता है। यह त्योहार हमें अपने इतिहास, परंपराओं और एक-दूसरे के प्रति प्रेम को याद दिलाता है। केरल में और भारत के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोग ओणम को उत्साह से मनाकर अपने जीवन में खुशहाली और भाईचारे का संचार करते हैं।
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