गणेश चर्तुथी के दौरान इन कामों को न करें, नहीं तो होगा अशुभ
10 दिन तक भगवान को घर मे रखा जाता है
पूरे देश में बड़े धूमधाम के साथ 25 अगस्त को गणेश चर्तुथी की शुरुआत हुई। अगले 10 दिनों तक लोग इनकी ही भक्ति में लीन रहेंगे।
हिंदू धर्म में गणेश भगवान को सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। प्रत्येक पूजा से पहले उनकी पूजा की जाती है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से भाद्रपद मास के चौथे दिन या शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रुप में मनाया जाता है। इसे भगवान गणेश का जन्मदिन भी कहा जाता है।
गणेश चर्तुथी के समय भक्तगण अपनी इच्छा के अनुसार गणेश भगवान को अपने घर में लाते हैं। जो 1 दिन के लिए, 3, 7, और 10 दिन के लिए अपने घर में लाते है। इसके बाद उन्हें विर्सजित कर देते हैं। इन दोनों दस दिनों में जब आप भगवान के अपने घर मे लाते हैं कुछ नियम को जरुर ध्यान रखे जिससे भगवान आपसे प्रसन्न हो जाएं और आपको सुख समृद्धि दें।
भगवान को कभी अकेला न छोड़े
जब भी आप भगवान की अपनी घर मे स्थापना करते है तो उन्हें कभी अकेला न छोड़े। कम से कम एक सदस्य जो हमेशा घर में जरुर रखें।
कुछ भी खाने से पहले भगवान के भोग लगाएँ
जी हां घर में कुछ भी खाने या पीने से पहले भगवान को भोग लगाएं। ऐसा करके आप भगवान को पहला स्थान देते हैं। जो अनिर्वाय और अच्छा भी है क्योंकि वह आपके घर के अतिथि हैं।
लहसून प्याज का प्रयोग न करें
मूर्ति की स्थापना के बाद घर में सब्जी में लहसून और प्याज का एकदम प्रयोग न करेंष। साथ ही औषिध के रुप में भी इन चीजों का प्रयोग न करें।
यौन गतिविधियों से बचे
जब घर मे भगवान गणेश की मूर्ति हो तब यौन गतिविधियों से दूर रहें और इस त्यौहार के दौरान ब्रम्हचर्य को पालन करें।
जुआ न खेलें
मूर्ति के स्थापना हो जाने के बाद न ही घर में और न हीं बाहर में जुआ खेलें। जुआ खेलना इस दौरान अशुभ माना जाता है। जबकि दीवाली मे यह शुभ माना जाता है।