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Masik Shivaratri 2024: शिव भक्तों के लिए जुलाई का महीना है बहुत खास मालामाल हो जाएंगे ,करे ये उपाय

' मासिक शिवरात्रि’ देवों के देव महादेव एवं जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती को समर्पित (Masik Shivratri2024) का व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है।' मासिक शिवरात्रि’ इस बार आषाढ़ माह यानी 4 जुलाई गुरुवार को मनाई जाएगी।

Masik Shivratri 2024: जुलाई महीने में कब है मासिक शिवरात्रि? नोट करें शुभ मुहूर्त, महत्व एवं योग

Masik Shivratri 2024: शिवरात्रि का पावन पर्व हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। भगवान शंकर और और माता पार्वती की पूजा- अर्चना इस दिन विधि विधान से की जाती है।

धार्मिक मान्यता है कि देवों के देव महादेव एवं पार्वती की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं
साथ ही भगवान शिव की कृपा से घर में सुख और समृद्धि आती है।  मासिक शिवरात्रि पर अविवाहित लड़कियां शीघ्र विवाह और मनचाहा वर पाने के लिए व्रत रख भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा करते हैं

‘ मासिक शिवरात्रि’ देवों के देव महादेव एवं जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती को समर्पित (Masik Shivratri2024) का व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है।’ मासिक शिवरात्रि’ इस बार आषाढ़ माह यानी 4 जुलाई गुरुवार को मनाई जाएगी।

माना जाता है विवाहित महिलाओं को शिवरात्रि का व्रत रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर की प्राप्ति होती है। बेहद शुभ सहयोग इस बार शिवरात्रि पर बनने जा रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं। शिवरात्रि की सही तिथि, मुहूर्त और शुभ योग कौन-से हैं।

शुभ मुहूर्त

4 जुलाई को सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी शुरू होगी 5 जुलाई को सुबह 5 बजकर 57 पर इसका समापन होगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 4 जुलाई को मासिक शिवरात्रि है।

बन रहे हैं खास योग

ज्योतिषियों के अनुसार, आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ भद्रावास का योग निर्माण हो रहा है. भ्रदावास योग का निर्माण प्रात: 5 बजकर 54 मिनट से होगा और संध्या 5 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. इस समय में भगवान शिव की पूजा बहुत फलदाई होगी.भद्रा के स्वर्गवास के दौरान मानव समाज को शुभ फल मिलते हैं।

ऐसे करें मासिक शिवरात्रि पूजा

1)मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
सीधे हाथ में पानी और चावल लेकर व्रत और पूजा करने का संकल्प लें।

2- भोलेनाथ की पूजा के पहले सारी तैयारी करें।
पूजा घर में शाम 6 बजे से पहले शिवलिंग स्थापित करें और पूजा शुरू करें।

3- पूजा में शिवलिंग का विधि विधान से अभिषेक करें। अबीर, गुलाल, फूल, रोली, बिल्व पत्र, धतूरा, शमी, अक्षत अर्पित करें।

4- पूजा के बाद शिव चतुर्दशी व्रत की कथा पढ़ें और रात को जागरण करें।
अब अंतिम प्रहर की पूजा करें और भगवान शिव को भोग अर्पित करें और आरती करें।

मासिक शिवरात्रि की महिमा

मासिक शिवरात्रि का सनातन धर्म में खास महत्व है भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए यह दिन पूरी तरह से समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग यह व्रत श्रद्धा और समर्पण के साथ रखते हैं। भगवान शिव और माता पार्वती उन्हें सभी सांसारिक सुख, धन, समृद्धि आदि प्रदान करती हैं।

उन भक्तों के लिए यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। जो मनचाहे विवाह की कामना करते हैं। इस शुभ दिन पर उन्हें देवी पार्वती को श्रृंगार का सामान और भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाने की सलाह दी जाती है।

इन मंत्रों का करें जाप

शिव मूल मंत्र

ॐ नमः शिवाय॥

रूद्र मंत्र

ॐ नमो भगवते रूद्राय ।

रूद्र गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय

धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्

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