Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत, नए साल पर निकली अटल अखाड़े की शोभायात्रा
Mahakumbh 2025, प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच, 1 जनवरी को श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़े ने भव्य शोभायात्रा के साथ मेला क्षेत्र में प्रवेश किया।
Mahakumbh 2025 : नए साल पर महाकुंभ का आगाज, अटल अखाड़े की शोभायात्रा बनी आकर्षण का केंद्र
Mahakumbh 2025, प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच, 1 जनवरी को श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़े ने भव्य शोभायात्रा के साथ मेला क्षेत्र में प्रवेश किया। इस अवसर पर सैकड़ों नागा साधु भस्म-भभूत लपेटे और अस्त्र-शस्त्र धारण किए हुए थे, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने।
रथ पर सवार
शोभायात्रा के दौरान, अटल अखाड़े के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज रथ पर सवार होकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दे रहे थे। उन्होंने विश्व शांति की कामना करते हुए महाकुंभ की भव्यता और सफलता की प्रार्थना की। शोभायात्रा में नागा साधुओं ने अस्त्र-शस्त्र चलाने के अपने कौशल का प्रदर्शन किया, जिससे भारतीय सनातन संस्कृति की झलक मिली। सड़क के दोनों ओर हजारों श्रद्धालु हाथ जोड़े नागा साधुओं का इंतजार कर रहे थे, जिन्होंने जयघोष के साथ साधु-संतों का स्वागत किया।
महाकुंभ मेला प्रारंभ
महाकुंभ मेला 13 जनवरी से प्रारंभ होने वाला है, और इससे पूर्व विभिन्न अखाड़ों के छावनी प्रवेश की परंपरा निभाई जा रही है। अटल अखाड़े की स्थापना 569 ईस्वी में आदि शंकराचार्य के निर्देश पर गोंडवाना में हुई थी, और वर्तमान में इसमें दो लाख से अधिक नागा संन्यासी हैं।
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भारत का सबसे बड़ा धार्मिक मेला
महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है, जो हर 12 वर्ष में प्रयागराज में आयोजित होता है। इसमें लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर स्नान करते हैं। राज्य और केंद्र सरकार द्वारा मेले की भव्यता और दिव्यता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। अटल अखाड़े की इस भव्य शोभायात्रा ने महाकुंभ मेले की आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर को और समृद्ध किया है, जिससे श्रद्धालुओं में उत्साह और भक्ति की भावना और प्रबल हुई है।