धार्मिक

Lord Ganesh Puja Tips: एक दूर्वा से भी प्रसन्न हो जातें हैं गणपति बप्पा, पूरी करते हैं भक्तों की मनोकामना, जानें पूजा का सही नियम

Lord Ganesh Puja Tips: गणपति बप्पा महादेव के ही पुत्र हैं। जैसे महादेव को प्रसन्न करना सबसे आसान माना गया है, ठीक उसी प्रकार बप्पा भी आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। रिद्धि-सिद्धि के दाता कहे जाने वाले भगवान गणेश की पूजा के लिए बुधवार का दिन उत्तम माना जाता है।

Lord Ganesh Puja Tips: ये हैं भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए सरल और प्रभावी मंत्र, 108 नामों का भी करें जाप

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है। किसी भी शुभ काम या पूजा को शुरू करने के लिए सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। देवता भी अपने कार्यों को बिना किसी विघ्न के पूरा करने के लिए गणेश जी की अर्चना सबसे पहले करते हैं। ऐसी मान्यता है कि गणेश जी की पूजा न केवल आपके कार्यों में आ रही अड़चनों को दूर करती है, बल्कि आपकी हर मनोकामना को भी पूरी करती है। ऐसे में अपनी इच्‍छा को पूरा करने के लिए आप गणेश जी के शरण में जा सकते हैं।

विघ्नहर्ता गणेशजी हमारे भाग्य विधाता भी हैं। इसलिए अगर आपकी खोई ख्वाहिश है और उसे पूरा करना चाहते हैं तो गणेशजी आपकी मदद जरूर करेंगे। दरअसल गणपति बप्पा महादेव के ही पुत्र हैं। जैसे महादेव को प्रसन्न करना सबसे आसान माना गया है, ठीक उसी प्रकार बप्पा भी आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। रिद्धि-सिद्धि के दाता कहे जाने वाले भगवान गणेश की पूजा के लिए बुधवार का दिन उत्तम माना जाता है।

भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए सरल और प्रभावी 11 मंत्र Lord Ganesh Puja Tips

॥ ऊं गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥

यह गणेश जी का सबसे सरल और प्रभावी मंत्र है। सच्चे मन और श्रद्धा से इस मंत्र का जाप करने से कार्य में आने वाली बाधाएं दूर होती है।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

अपना मुख पूर्व दिशा की ओर करके बैठ जाएं और इसके बाद 7 से 21 बार इस मंत्र का जाप करें। यदि आप किसी नए कार्य की शुरुआत कर रहे हैं तो हवन, पूजा, आरती से पहले इस मंत्र का जाप करें।

Lord Ganesh Puja Tips

॥ ऊं एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥

इस मंत्र के जाप से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

Read More:- Vaishakh Amavasya 2024: 8 मई को पड़ रहा वैशाख अमावस्या, जानें पूजा की सही विधि व मुहूर्त, इस कथा का जरूर करें पाठ

महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

इस मंत्र का जाप एक निश्चित संख्या यानी 1 से 10 माला जाप कर सकते हैं।

‘ऊं ऐं ह्वीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’

यह मंत्र बुध ग्रह से संबंधित है। कुंडली में बुध ग्रह दोष को दूर करने करे लिए इस मंत्र का बुधवार के दिन जाप करें।

‘ऊं नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।’

यह गणेश कुबेर मंत्र है आप प्रतिदिन इस मंत्र की एक माला यानी 108 बार जाप करें। इससे पैसों से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।

ऊं ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।

इस मंत्र के जाप से घर के सारे कलह-क्लेश दूर होते हैं। घर खुशियों से भरा रहता है और धन, धान्य संपत्ति, समृद्धि, वैभव, विद्या, पराक्रम, शांति की प्राप्ति होती है।

‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः’

इस मंत्र का जाप तब करें जब आप पूजा में भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ा रहे हों। भगवान गणेश को दूर्वा अतिप्रिय है। दूर्वा चढ़ाते समय इस मंत्र के जाप से बप्पा प्रसन्न होते हैं।

‘ऊं वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा’

इस मंत्र का जाप करने से विवाह में आ रही अड़चन दूर होती है। जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही हो, वो इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

ऊं श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

इस मंत्र के जाप से नौकरी-व्यवसाय से जुड़ी परेशानी दूर होती हैं।

We’re now on WhatsApp. Click to join

 

ऊं ह्रीं ग्रीं ह्रीं

यह मंत्र चार अक्षरों का सरल मंत्र है। आप भगवान गणेश की पूजा करते समय इस मंत्र का 108 जाप कर सकते हैं। इससे सुख-संपत्ति और समृद्धि मिलती है।

Lord Ganesh Puja Tips

गणेश जी के 108 नामों व मंत्रों का करें पाठ Lord Ganesh Puja Tips

गजानन: ऊं गजाननाय नमः।
गणाध्यक्ष: ऊं गणाध्यक्षाय नमः।
विघ्नराज: ऊं विघ्नराजाय नमः।
विनायक: ऊं विनायकाय नमः।
द्वैमातुर: ऊं द्वैमातुराय नमः।
द्विमुख: ऊं द्विमुखाय नमः।
प्रमुख: ऊं प्रमुखाय नमः।
सुमुख: ऊं सुमुखाय नमः।
कृति: ऊं कृतिने नमः।
सुप्रदीप: ऊं सुप्रदीपाय नमः।
सुखनिधी: ऊं सुखनिधये नमः।
सुराध्यक्ष: ऊं सुराध्यक्षाय नमः।
सुरारिघ्न: ऊं सुरारिघ्नाय नमः।
महागणपति: ऊं महागणपतये नमः।
मान्या: ऊं मान्याय नमः।
महाकाल: ऊं महाकालाय नमः।
महाबला: ऊं महाबलाय नमः।
हेरम्ब: ऊं हेरम्बाय नमः।
लम्बजठर: ऊं लम्बजठरायै नमः।
ह्रस्वग्रीव: ऊं ह्रस्व ग्रीवाय नमः।
महोदरा: ऊं महोदराय नमः।
मदोत्कट: ऊं मदोत्कटाय नमः।
महावीर: ऊं महावीराय नमः।
मन्त्रिणे: ऊं मन्त्रिणे नमः।
मङ्गल स्वरा: ऊं मङ्गल स्वराय नमः।
प्रमधा: ऊं प्रमधाय नमः।
प्रथम: ऊं प्रथमाय नमः।
प्रज्ञा: ऊं प्राज्ञाय नमः।
विघ्नकर्ता: ऊं विघ्नकर्त्रे नमः।
विघ्नहर्ता: ऊं विघ्नहर्त्रे नमः।
विश्वनेत्र: ऊं विश्वनेत्रे नमः।
विराट्पति: ऊं विराट्पतये नमः।
श्रीपति: ऊं श्रीपतये नमः।
वाक्पति: ऊं वाक्पतये नमः।
शृङ्गारिण: ऊं शृङ्गारिणे नमः।
अश्रितवत्सल: ऊं अश्रितवत्सलाय नमः।
शिवप्रिय: ऊं शिवप्रियाय नमः।
शीघ्रकारिण: ऊं शीघ्रकारिणे नमः।
शाश्वत: ऊं शाश्वताय नमः।
बल: ऊं बल नमः।
बलोत्थिताय: ऊं बलोत्थिताय नमः।
भवात्मजाय: ऊं भवात्मजाय नमः।
पुराण पुरुष: ऊं पुराण पुरुषाय नमः।
पूष्णे: ऊं पूष्णे नमः।
पुष्करोत्षिप्त वारिणे: ऊं पुष्करोत्षिप्त वारिणे नमः।
अग्रगण्याय: ऊं अग्रगण्याय नमः।
अग्रपूज्याय: ऊं अग्रपूज्याय नमः।

Read More:- Vastu Tips For Akshay Tritiya: अक्षय तृतीया से पहले घर से निकाल दें ये चीजें, माता लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न

अग्रगामिने: ऊं अग्रगामिने नमः।
मन्त्रकृते: ऊं मन्त्रकृते नमः।
चामीकरप्रभाय: ऊं चामीकरप्रभाय नमः।
सर्वाय: ऊं सर्वाय नमः।
सर्वोपास्याय: ऊं सर्वोपास्याय नमः।
सर्व कर्त्रे: ऊं सर्व कर्त्रे नमः।
सर्वनेत्रे: ऊं सर्वनेत्रे नमः।
सर्वसिद्धिप्रदाय: ऊं सर्वसिद्धिप्रदाय नमः।
सिद्धये: ऊं सिद्धये नमः।

Lord Ganesh Puja Tips
पञ्चहस्ताय: ऊं पञ्चहस्ताय नमः।
पार्वतीनन्दनाय: ऊं पार्वतीनन्दनाय नमः।
प्रभवे: ऊं प्रभवे नमः।
कुमारगुरवे: ऊं कुमारगुरवे नमः।
अक्षोभ्याय: ऊं अक्षोभ्याय नमः।
कुञ्जरासुर भञ्जनाय: ऊं कुञ्जरासुर भञ्जनाय नमः।
प्रमोदाय: ऊं प्रमोदाय नमः।
मोदकप्रियाय: ऊं मोदकप्रियाय नमः।
कान्तिमते: ऊं कान्तिमते नमः।
धृतिमते: ऊं धृतिमते नमः।
कामिने: ऊं कामिने नमः।
कपित्थपनसप्रियाय: ऊं कपित्थपनसप्रियाय नमः।
ब्रह्मचारिणे: ऊं ब्रह्मचारिणे नमः।
ब्रह्मरूपिणे: ऊं ब्रह्मरूपिणे नमः।
ब्रह्मविद्यादि दानभुवे: ऊं ब्रह्मविद्यादि दानभुवे नमः।
जिष्णवे: ऊं जिष्णवे नमः।
विष्णुप्रियाय: ऊं विष्णुप्रियाय नमः।
भक्त जीविताय: ऊं भक्त जीविताय नमः।
जितमन्मधाय: ऊं जितमन्मधाय नमः।
ऐश्वर्यकारणाय: ऊं ऐश्वर्यकारणाय नमः।
ज्यायसे: ऊं ज्यायसे नमः।
यक्षकिन्नेर सेविताय: ऊं यक्षकिन्नेर सेविताय नमः।
गङ्गा सुताय: ऊं गङ्गा सुताय नमः।
गणाधीशाय: ऊं गणाधीशाय नमः।
गम्भीर निनदाय: ऊं गम्भीर निनदाय नमः।
वटवे: ऊं वटवे नमः।
अभीष्टवरदाय: ऊं अभीष्टवरदाय नमः।
ज्योतिषे: ऊं ज्योतिषे नमः।
भक्तनिधये: ऊं भक्तनिधये नमः।
भावगम्याय: ऊं भावगम्याय नमः।
मङ्गलप्रदाय: ऊं मङ्गलप्रदाय नमः।
अव्यक्ताय: ऊं अव्यक्ताय नमः।
अप्राकृत पराक्रमाय: ऊं अप्राकृत पराक्रमाय नमः।
सत्यधर्मिणे: ऊं सत्यधर्मिणे नमः।
सखये: ऊं सखये नमः।
सरसाम्बुनिधये: ऊं सरसाम्बुनिधये नमः।
महेशाय: ऊं महेशाय नमः।
दिव्याङ्गाय: ऊं दिव्याङ्गाय नमः।
मणिकिङ्किणी मेखालाय: ऊं मणिकिङ्किणी मेखालाय नमः।
समस्त देवता मूर्तये: ऊं समस्त देवता मूर्तये नमः।
सहिष्णवे: ऊं सहिष्णवे नमः।
सततोत्थिताय: ऊं सततोत्थिताय नमः।
विघातकारिणे: ऊं विघातकारिणे नमः।
विश्वग्दृशे: ऊं विश्वग्दृशे नमः।
विश्वरक्षाकृते: ऊं विश्वरक्षाकृते नमः।
कल्याणगुरवे: ऊं कल्याणगुरवे नमः।
उन्मत्तवेषाय: ऊं उन्मत्तवेषाय नमः।
अपराजिते: ऊं अपराजिते नमः।
समस्त जगदाधाराय: ऊं समस्त जगदाधाराय नमः।
सर्वैश्वर्यप्रदाय: ऊं सर्वैश्वर्यप्रदाय नमः।
आक्रान्त चिद चित्प्रभवे: ऊं आक्रान्त चिद चित्प्रभवे नमः।
श्री विघ्नेश्वराय: ऊं श्री विघ्नेश्वराय नमः।

गणपति की पूजा में हर दिन रखें इन चीजों का ध्यान Lord Ganesh Puja Tips

सिंदूर

Lord Ganesh Puja Tips

भगवान गणेश की पूजा में हर रोज सिंदूर अर्पित करना चाहिए। सिंदूर सौभाग्य और मंगल का प्रतीक माना जाता है और गणेशजी के माथे पर सिंदूर लगाने से इनकी प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। सिंदूर शिव के तेज से उत्पन्न हुए पारे से बना है। जब आप गणेशजी को सिंदूर चढ़ाएं तो इस मंत्र (सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्।।) का जप करें।

दूर्वा Lord Ganesh Puja Tips

Lord Ganesh Puja Tips

गणेशजी को प्रसन्न करने के लिए हर रोज पूजा में दूर्वा घास अर्पित करनी चाहिए। दूर्वा को दूब भी कहते हैं और यह गणेशजी को बहुत प्रिय है। गणेश पूजा में हर रोज 21 दूर्वा को एकसाथ इकट्ठी करके एक गांठ बनाएं और फिर 21 गांठें गणेशजी की मस्तक पर चढ़ाएं। इससे भक्तों की मनोकामना पूरी होती है और सभी विघ्न दूर होते हैं।

Read More:- Shiv Rudrashtakam: तुरंत फल देता है भगवान शंकर का श्री शिव रुद्राष्टकम, सात दिन लगातार पाठ करने से शत्रुओं पर प्राप्त होती है विजय

शमी के पत्ते Lord Ganesh Puja Tips

Lord ganesh puja tips

गणेशजी की पूजा में आप शमी के पत्ते भी चढ़ा सकते हैं। भगवान गणेश को शमी के पत्ते चढ़ाने से बुद्धि तेज होती है और सभी क्लेशों का नाश होता है। साथ ही मानसिक शांति भी मिलती है। आमतौर पर देखा जाता है कि शमी के पत्ते शनिदेव को चढ़ाए जाते हैं लेकिन गणेशजी को भी शमी के पत्ते पसंद आते हैं। मान्यता है कि जिस घर में शमी का पेड़ होता है, उसके घर में कभी किसी तरह की परेशानी नहीं होती है।

मोदक Lord Ganesh Puja Tips

Lord Ganesh puja tips

गणेशजी को लड्डू या मोदक बेहद प्रिय है और आप भगवान गणेश को इनका भोग लगा सकते हैं। शास्त्रों में मोदक के बारे में वर्णन करते हुए लिखा है, आनंद या खुशी। वहीं भगवान गणेश को भी हमेशा खुश रहने वाला माना जाता है। इसलिए गणेशजी को मोदक का भोग लगाया जाता है, जिससे भगवान जल्दी प्रसन्न होते और मोदक या लड्डू चढ़ाने से ज्ञान की भी प्राप्ति होती है।

लाल फूल Lord Ganesh Puja Tips

lord ganesh puja tips

भगवान गणेश की पूजा में लाल फूलों का काफी अधिक महत्व बताया गया है और अगर फूल गुड़हल को हो तो ज्यादा अच्छा। गुड़हल का फूल गणेशजी की पूजा में शामिल करने से शुभ लाभ की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी कष्टों को भगवान दूर करते हैं।

अक्षत Lord Ganesh Puja Tips

Lord gandesh puja tips

भगवान गणेश की पूजा में अक्षत जरूर अर्पित करने चाहिए। ध्यान रहे कि चावल टूटा और उबला हुआ न हो। सूखा चावल गणेशजी को नहीं चढ़ाया जाता क्योंकि गणेशजी का एक दांत परशुरामजी से युद्ध में टूट गया था। जिसकी वजह से सूखा चावल खाने में गणेशजी को तकलीफ होती है क्योंकि उनको चबाना पड़ता है। इसलिए गणेशजी को गीला चावल चढ़ाया जाता है। ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और कर्ज की समस्या से भी मुक्ति मिलती है। चावल को गीला करें और फिर ‘इदं अक्षतम ऊं गं गणपतये नमः‘ मंत्र को बोलते हुए तीन बार गणेशजी को चावल चढ़ाएं।

लड्डू Lord Ganesh Puja Tips

lord ganesh puja tips

गणेश जी को लड्डू खाना बड़ा पसंद है। ये उनके प्रिय व्यंजनों में से एक है। अगर आपके मन में कोई भी ख्वाहिश है तो आप गणेश मंदिर जाकर विघ्‍नहर्ता को लड्डूओं को भोग लगा सकते हैं। गर्मियों में गणेश जी को मूंग के दाल के लड्डू और सर्दियों में गणेश जी को तिल के लड्डू का भोग लगाना चाहिए।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
Back to top button