Kailash Mansarovar Yatra मे कितना खर्च आता है और कितना पैदल दूरी तय करना पड़ता है
Kailash Mansarovar Yatra: हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। यह पर्वत तिब्बत में स्थित है और इसके पास स्थित मानसरोवर झील को अत्यंत पवित्र माना जाता है। श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा होती है जो शरीर, मन और आत्मा को जोड़ती है। Kailash Mansarovar Yatra 30 जून को शुरु हुई है और अगस्त तक चलेगी। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक शांति देती है, बल्कि श्रद्धालुओं के अंदर आत्मबल, धैर्य और श्रद्धा की शक्ति को भी जाग्रत करती है। अगर आप इस यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो मानसिक और शारीरिक तैयारी के साथ उचित जानकारी और मार्गदर्शन बेहद आवश्यक है।
कितनी पैदल दूरी तय करनी पड़ती है?
Kailash Mansarovar Yatra में श्रद्धालुओं को पैदल चलकर कैलाश पर्वत की परिक्रमा करनी होती है, जिसे ‘कैलाश परिक्रमा’ कहा जाता है। यह परिक्रमा लगभग 52 से 55 किलोमीटर लंबी होती है और इसे आमतौर पर तीन दिनों में पूरा किया जाता है। ऊँचाई अधिक होने और ऑक्सीजन की कमी के कारण यह यात्रा काफी कठिन मानी जाती है। इसके अलावा भारत-तिब्बत सीमा के लिपुलेख पास तक पहुंचने के लिए भी यात्रियों को 7 से 10 किलोमीटर तक पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है। कुल मिलाकर पूरी यात्रा में 60 किलोमीटर से अधिक पैदल चलना होता है।
कितना खर्च आता है?
इस यात्रा में खर्च आपकी चुनी हुई यात्रा योजना और मार्ग पर निर्भर करता है। यदि आप भारत सरकार के माध्यम से लिपुलेख या नाथुला पास से यात्रा करते हैं, तो अनुमानित खर्च ₹1.8 लाख से ₹2.5 लाख तक हो सकता है। वहीं, नेपाल के रास्ते निजी ट्रैवल एजेंसियों के ज़रिए जाने पर खर्च ₹2.5 लाख से ₹3.5 लाख तक भी पहुंच सकता है। इस खर्च में वीज़ा, यात्रा परमिट, ट्रैवल, ठहरने, खाने-पीने, गाइड, मेडिकल सुविधाएं आदि शामिल होते हैं।
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धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
कैलाश पर्वत को चार धर्मों – हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। हिंदू मान्यता के अनुसार यह स्थान भगवान शिव और माता पार्वती का निवास है। मानसरोवर झील को ऐसा जल स्रोत माना जाता है जिसमें स्नान करने मात्र से पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जैन धर्म में इसे ऋषभदेव की निर्वाण भूमि माना गया है, वहीं तिब्बती बौद्ध धर्म में इसे महाचक्रसंवर का प्रतीक कहा गया है।
मानसरोवर झील भी जाते हैं श्रद्धालु
Kailash Mansarovar Yatra में जाने वाले श्रद्धालु केवल कैलाश पर्वत की परिक्रमा तक ही सीमित नहीं रहते, बल्कि वे पवित्र मानसरोवर झील तक भी अवश्य जाते हैं। यह झील समुद्र तल से लगभग 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र जल स्रोत माना जाता है। मान्यता है कि यहां स्नान करने और जल ग्रहण करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मानसरोवर झील का यह शांत, निर्मल और आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं को एक अलौकिक अनुभूति प्रदान करता है, जिसे शब्दों में बयां कर पाना कठिन है।
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