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Hindu New Year: हिंदू नववर्ष का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

Hindu New Year: भारत में हिंदू नववर्ष का विशेष महत्व है। यह केवल एक नया साल शुरू होने का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

Hindu New Year: गुड़ी पड़वा और युगादि, भारत में नववर्ष की विविधता

Hindu New Year: भारत में हिंदू नववर्ष का विशेष महत्व है। यह केवल एक नया साल शुरू होने का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। हिंदू नववर्ष को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे कि विक्रम संवत, युगादि, गुड़ी पड़वा, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, और चेटी चंड। यह नववर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होता है, जो आमतौर पर मार्च-अप्रैल के महीने में आता है।

हिंदू नववर्ष का महत्व

हिंदू नववर्ष का संबंध भगवान ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना से जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसके अलावा, इस दिन से विक्रम संवत की गणना भी शुरू होती है, जिसे सम्राट विक्रमादित्य ने स्थापित किया था। इस दिन से चैत्र नवरात्रि की भी शुरुआत होती है, जो देवी दुर्गा की उपासना का महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन भक्त नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं।

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भारत में विभिन्न राज्यों में नववर्ष के नाम

भारत विविधताओं का देश है, और यहाँ हिंदू नववर्ष को अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है:

-गुड़ी पड़वा (महाराष्ट्र)

-युगादि (आंध्र प्रदेश और कर्नाटक)

-चेटी चंड (सिंधी समाज)

-संवत्सर पाड़वो (गोवा और कोंकण क्षेत्र)

-थपना (राजस्थान)

-वैशाखी (पंजाब, हालांकि यह कुछ दिन बाद आता है)

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हिंदू नववर्ष पर प्रमुख परंपराएं

1. गुड़ी की स्थापना: महाराष्ट्र में इस दिन घरों के बाहर गुड़ी (एक विशेष ध्वज) लगाया जाता है, जो समृद्धि और विजय का प्रतीक है।

2. विशेष पूजा-अर्चना: घरों में देवी-देवताओं की पूजा की जाती है और कलश स्थापना की जाती है।

3. नवरात्रि व्रत आरंभ: नौ दिनों तक माँ दुर्गा की पूजा की जाती है और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

4. स्वच्छता और सजावट: लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और रंगोली बनाते हैं।

5. मीठे व्यंजन: इस दिन पूरन पोली, श्रीखंड, खीर आदि विशेष व्यंजन बनाए जाते हैं।

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