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Guruvar Vrat Katha: गुरुवार व्रत में जरूर करें इस कथा का पाठ, वैवाहिक जीवन में आएगी मधुरता, कुछ उपायों से दूर होंगी सभी समस्याएं

Guruvar Vrat Katha: बहुत से लोग अपने जीवन में सुख शांति और मनोकामना की पूर्ति के लिए गुरुवार व्रत रखते हैं। व्रत कथा के नियम अनुसार इस दिन व्रत के दौरान पीले रंग का कपड़ा पहने, पीला भोजन करें, भगवान विष्णु को पीले भोग चढ़ाएं, विष्णु जी और केले के पौधे या पेड़ का पूजन कर व्रत कथा पढ़ें।स

Guruvar Vrat Katha: विष्णु भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए गुरुवार को करें ये उपाय

बहुत से लोग अपने जीवन में सुख शांति और मनोकामना की पूर्ति के लिए गुरुवार व्रत रखते हैं। व्रत कथा के नियम अनुसार इस दिन व्रत के दौरान पीले रंग का कपड़ा पहने, पीला भोजन करें, भगवान विष्णु को पीले भोग चढ़ाएं, विष्णु जी और केले के पौधे या पेड़ का पूजन कर व्रत कथा पढ़ें। Guruvar Vrat Katha मान्यता है कि बृहस्पतिवार व्रत कथा के पाठ से जीवन में सुख समृद्धि आती है। आज के इस लेख में हमने बृहस्पतिवार व्रत कथा का संपूर्ण पाठ बताया है, इसे आप गुरुवार के दिन पढ़ सकते हैं। इस पाठ और कुछ उपायों को करने से वैवाहिक जीवन में आ रहीं सारी बाधाएं दूर होंगी। साथ ही आप धनवान भी बन जाएंगे। तो आइए कथा और उपायों के बारे में जानते हैं विस्तार से-

गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले निवृत्त होकर पीले रंग के वस्त्र पहनें। इसके बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कें। इसके बाद पूजा घर में श्रीहरि विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। फिर पीले रंग के गंध-पुष्प और अक्षत चढ़ाएं। इसके बाद चना-गुड़ और मुनक्का चढ़ाकर विधि- विधान से पूजन शुरू करें। Guruvar Vrat Katha इसके बाद धर्मशास्तार्थतत्वज्ञ ज्ञानविज्ञानपारग। विविधार्तिहराचिन्त्य देवाचार्य नमोऽस्तु ते॥ मंत्र का जप करें। इसके बाद व्रत की कथा अवश्य पढ़ें। कथा पढ़ने के बाद केले के पेड़ पर जल चढ़ाएं। आप चाहें तो कथा का शाम की पूजा में भी पाठ कर सकते हैं।

गुरुवार व्रत कथा Guruvar Vrat Katha

प्राचीन काल में एक ब्राह्मण रहता था, वह बहुत निर्धन था। उसके कोई संतान नहीं थी। उसकी पत्नी बहुत मलीनता के साथ रहती थी। वह स्नान भी न करती थी और किसी देवता का पूजन न करती, इससे ब्राह्मण देवता बड़े दुःखी थे। बेचारे बहुत कुछ कहते थे किन्तु उसका कुछ परिणाम न निकला। बृहस्पति भगवान की कृपा से ब्राह्मण की पत्नी गर्भवती हुई। और उसने सुंदर कन्या को जन्म दिया। कन्या बड़ी होने पर सुबह स्नान करके विष्णु भगवान का जाप व बृहस्पतिवार का व्रत करने लगी। अपने पूजन-पाठ को समाप्त करके विद्यालय जाती तो अपनी मुट्ठी में जौ भरके ले जाती और पाठशाला के मार्ग में डालती जाती। तब ये जौ स्वर्ण के हो जाते तो लौटते समय उनको बीन कर घर ले आती थी।

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बृहस्पति देव ने पूरी की इच्छा Guruvar Vrat Katha

एक दिन वह बालिका सूप में उस सोने के जौ को फटककर साफ कर रही थी कि उसके पिता ने देख लिया और कहा हे बेटी! सोने के जौ के लिए सोने का सूप होना चाहिए। दूसरे दिन बृहस्पतिवार था। इस कन्या ने व्रत रखा और बृहस्पति देव से प्रार्थना करके कहा कि मैंने आपकी पूजा सच्चे मन से की हो तो मेरे लिए सोने का सूप दे दो। बृहस्पति देव ने उसकी प्रार्थना स्वीकार कर ली। रोजाना की तरह वह कन्या जौ फैलाती हुई जाने लगी जब लौटकर जौ बीन रही थी तो बृहस्पति देव की कृपा से सोने का सूप मिला। उसे वह घर ले आई और उसमें जौ साफ करने लगी। परन्तु उसकी मां का वही ढंग रहा।

राजपुत्र को पसंद आई कन्या Guruvar Vrat Katha

एक दिन की बात है कि वह कन्या सोने के सूप में जौ साफ कर रही थी। उस समय उस शहर का राजपुत्र वहां से होकर निकला। इस कन्या के रूप और कार्य को देखकर मोहित हो गया तथा अपने घर आकर भोजन तथा जल त्याग कर उदास होकर लेट गया। राजा को इस बात का पता लगा तो अपने प्रधानमंत्री के साथ उसके पास गए और बोले हे बेटा तुम्हें किस बात का कष्ट है? किसी ने अपमान किया है अथवा और कारण हो सो कहो मैं वही कार्य करूंगा जिससे तुम्हें प्रसन्नता हो।

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राजकुमार के साथ हो गया कन्या का विवाह Guruvar Vrat Katha

अपने पिता की राजकुमार ने बातें सुनी तो वह बोला मुझे आपकी कृपा से किसी बात का दुःख नहीं है किसी ने मेरा अपमान नहीं किया है परन्तु मैं उस लड़की से विवाह करना चाहता हूं जो सोने के सूप में जौ साफ कर रही थी। यह सुनकर राजा आश्चर्य में पड़ गया और बोला कि हे बेटा! इस तरह की कन्या का पता तुम्हीं लगाओ। मैं उसके साथ तेरा विवाह अवश्य ही करवा दूंगा। राजकुमार ने उस लड़की के घर का पता बतलाया। तब मंत्री उस लड़की के घर गए और ब्राह्मण देवता को सभी हाल बतलाया।

ब्राह्मण के घर आ गई दरिद्रता Guruvar Vrat Katha

ब्राह्मण देवता राजकुमार के साथ अपनी कन्या का विवाह करने के लिए तैयार हो गए तथा विधि-विधान के अनुसार ब्राह्मण की कन्या का विवाह राजकुमार के साथ हो गया। कन्या के घर से जाते ही पहले की भांति उस ब्राह्मण देवता के घर में गरीबी का निवास हो गया। अब भोजन के लिए भी अन्न बड़ी मुश्किल से मिलता था। एक दिन दुःखी होकर ब्राह्मण देवता अपनी पुत्री के पास गए। बेटी ने पिता की दुःखी अवस्था को देखा और अपनी मां का हाल पूछा। तब ब्राह्मण ने सभी हाल कह दिया।

कन्या ने पिता को दिया धन Guruvar Vrat Katha

कन्या ने बहुत सा धन देकर अपने पिता को विदा कर दिया। इस तरह ब्राह्मण का कुछ समय सुखपूर्वक व्यतीत हुआ। कुछ दिन बाद फिर वही हाल हो गया। ब्राह्मण फिर अपनी कन्या के यहां गया और सारा हाल कहा तो लड़की बोली कि हे पिताजी! आप माताजी को यहां लिवा लाओ। मैं उसे विधि बता दूंगी जिससे गरीबी दूर हो जाए। वह ब्राह्मण देवता अपनी स्त्री को साथ लेकर पहुंचे तो अपनी मां को समझाने लगी। हे मां तुम प्रातःकाल प्रथम स्नानादि करके विष्णु भगवान का पूजन करो तो सब दरिद्रता दूर हो जाएगी।

सुख भोगकर स्वर्ग को हुए प्राप्त Guruvar Vrat Katha

उसकी मां ने एक भी बात नहीं मानी और प्रातः काल उठकर अपनी पुत्री के बच्चों की जूठन को खा लिया। इससे उसकी पुत्री को भी बहुत गुस्सा आया और एक रात को कोठरी से सभी सामान निकाल दिया और अपनी मां को उसमें बंद कर दिया। प्रातःकाल उसे निकाला तथा स्नानादि कराके पाठ करवाया तो उसकी मां की बुद्धि ठीक हो गई और फिर प्रत्येक बृहस्पतिवार को व्रत रखने लगी। इस व्रत के प्रभाव से उसके मां बाप बहुत ही धनवान और पुत्रवान हो गए। बृहस्पति देव के प्रभाव से इस लोक के सुख भोगकर स्वर्ग को प्राप्त हुए।

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गुरुवार के दिन करें ये उपाय Guruvar Vrat Katha

  • यदि आपके विवाह में देर हो रही हो तो गुरुवार के दिन पीले रंग की चीजों का इस्तेमाल करें। इस दिन पीले रंग का वस्त्र धारण करें। साथ ही स्नान के पानी में एक चुटकी हल्दी डालें। वहीं यदि आप व्रत रखते हैं तो पीले फलों का ही सेवन करें।
  • गुरुवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान के बाद ‘ऊं बृ बृहस्पते नमः’ मंत्र का जाप करें। इस दिन पूजा के बाद बृहस्पतिवार की व्रत कथा भी पढ़ें। ऐसा करने से धन-संपदा में वृद्धि होती है।
  • गुरुवार के दिन विष्णु भगवान और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करें। इस दिन विष्णु जी के साथ के मां लक्ष्मी की पूजा करने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है। साथ ही घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।
  • गुरुवार के दिन आटे की लोई में चने की दाल, गुड़ और हल्दी मिलाकर गाय को खिलाएं। साथ ही इस दिन किसी निर्धन व्यक्ति को चने की दाल, केला, पीले वस्त्र आदि दान करें।
  • गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए हर गुरुवार के दिन अपनी कलाई में या गर्दन पर हल्दी का छोटा सा टीका लगा लें। ऐसा करने से कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होगा। साथ ही व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलेगी।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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