Ganga Dussehra : गंगा दशहरा का त्यौहार
Ganga Dussehra, गंगा दशहरा को गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है। यह कुंभ मेले की तरह एक आध्यात्मिक स्नान पर्व है, जो गंगा के धरती पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है।
Ganga Dussehra : जानिए गंगा दशहरा के बारे में
Ganga Dussehra, गंगा दशहरा को गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है। यह कुंभ मेले की तरह एक आध्यात्मिक स्नान पर्व है, जो गंगा के धरती पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है। हिंदू धार्मिक कैलेंडर के अनुसार, माना जाता है कि इसी दिन पावन गंगा स्वर्ग से सीधे पृथ्वी पर उतरी थीं। गंगा दशहरा का पर्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व दस दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें नौ दिन पूर्व से इसकी तैयारियाँ होती हैं।
उत्तरी और पूर्वी भारत में प्रमुख उत्सव
यह उत्सव मुख्य रूप से उत्तर और पूर्वी भारत में मनाया जाता है, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में, क्योंकि इन राज्यों में गंगा नदी प्रवाहित होती है। इस दिन हरिद्वार, वाराणसी, गढ़मुक्तेश्वर, ऋषिकेश, प्रयागराज (इलाहाबाद) और पटना जैसे स्थानों पर श्रद्धालु गंगा के घाटों पर एकत्रित होते हैं। भक्तजन गंगा आरती करते हैं, जिसमें दीपक जलाकर नदी की पूजा की जाती है।
गंगा स्नान का महत्व
ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति पवित्र हो जाता है और सभी बीमारियों से मुक्ति प्राप्त करता है। संस्कृत में “दश” का अर्थ दस और “हरा” का अर्थ नाश करना होता है, इसलिए इन दस दिनों में गंगा स्नान करने से दस प्रकार के पापों या दस जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।
यमुना नदी की पूजा और पतंगबाजी
इसी दिन यमुना नदी की भी पूजा की जाती है। श्रद्धालु मथुरा, वृंदावन और बटेश्वर में यमुना स्नान करते हैं और तरबूज व खीरा अर्पित करते हैं। इस अवसर पर पतंगबाजी प्रतियोगिताएँ भी आयोजित होती हैं। यमुना नदी को दिव्य शक्तियों का प्रतीक माना जाता है।
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पारंपरिक पेय और भोग
गंगा दशहरा के दौरान विभिन्न स्थानों पर लस्सी, शरबत और शिकंजी जैसे पारंपरिक पेय पदार्थ वितरित किए जाते हैं, जो गर्मी के मौसम में लोगों को राहत देते हैं।
-हरिद्वार में विशाल आयोजन
-2017 में, हरिद्वार में लगभग 15 लाख श्रद्धालु इस उत्सव में शामिल हुए थे।
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घाटों पर विशेष परंपराएँ
गंगा दशहरा के अवसर पर घाटों पर कई विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं, जैसे:
1. दीपदान – जिसमें तेल के दीपक गंगा में प्रवाहित किए जाते हैं।
2. महाआरती – पटना के गांधी घाट पर विशाल गंगा आरती की जाती है।
3. विशाल पुष्पांजलि – पटना के अदालत घाट पर 1100 मीटर लंबी माला गंगा में अर्पित की जाती है।
गंगा दशहरा आस्था, पवित्रता और आध्यात्मिक उत्थान का पर्व है, जो भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को दर्शाता है।
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