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Ganesh chaturthi: गणेश चतुर्थी 2025, घर पर सही तरीके से पूजा करने की विधि

Ganesh chaturthi, गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को पड़ता है।

Ganesh chaturthi : गणेश चतुर्थी पूजा टिप्स, मोदक, फूल और मंत्र सहित

Ganesh chaturthi, गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को पड़ता है। गणेश जी को संकट हरता, बुद्धि और समृद्धि देने वाला देवता माना जाता है। इस दिन घरों और सार्वजनिक स्थानों में सुंदर पंडाल सजाए जाते हैं और भक्त विधिपूर्वक पूजा करते हैं। गणेश चतुर्थी की पूजा में षोडशोपचार विधि को विशेष महत्व दिया जाता है। ‘षोडश’ का अर्थ है सोलह और ‘उपचार’ का अर्थ है भेंट या सेवा। यानी पूजा में 16 प्रकार के भेंट और सेवा शामिल होते हैं।

1. ध्यान और शांति

पूजा शुरू करने से पहले शांत जगह पर बैठकर भगवान गणेश का ध्यान करें। मन को एकाग्र करके पूजा का आरंभ करें।

2. अर्घ्य (जल अर्पण)

गणेश जी को जल अर्पित करें और उन्हें शुद्ध करने का भाव रखें।

3. स्नान और स्वच्छता

पूजा स्थान और गणेश प्रतिमा को साफ करें। मिट्टी, फूल और जल से मूर्ति का स्नान करें।

4. वस्त्र और अलंकरण

गणेश जी को नई वस्त्र, मोती, आभूषण और फूलों से सजाएं।

5. धूप और दीपक

धूप और दीपक जलाकर पूजा स्थान को शुभ बनाएं। दीपक की रौशनी बुरी ऊर्जा को दूर करती है।

6. फूल अर्पण

सुगंधित फूल और पुष्पांजलि अर्पित करें। लाल और पीले फूल विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।

7. चंदन और अक्षत

गणेश जी के माथे पर चंदन का तिलक और अक्षत (चावल) अर्पित करें।

8. नैवेद्य

फ्रूट्स, लड्डू, मोदक और अन्य मिठाई गणेश जी को अर्पित करें। मोदक को भगवान गणेश का प्रिय माना जाता है।

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9. संगीत और मंत्र

गणेश मंत्र जैसे “ॐ गण गणपतये नमः” का जाप करें। भजन और कीर्तन से वातावरण को पवित्र बनाएं।

10. तिलक और आसन

भक्त स्वयं तिलक और आसन ग्रहण कर, गणेश जी के सामने बैठें।

11. नैवेद्य वितरण

पूजा के बाद नैवेद्य का प्रसाद घर के सभी सदस्य और मेहमानों में बांटें।

12. प्रार्थना और आशीर्वाद

गणेश जी से सफलता, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्रार्थना करें।

13. पूजा स्थल की सफाई

पूजा समाप्त होने के बाद स्थान को स्वच्छ करें और पूजा सामग्री व्यवस्थित रखें।

14. संकल्प और व्रत

यदि व्रत कर रहे हैं तो संकल्प लें और पूरे दिन हल्का आहार लें।

15. धन एवं वस्त्रदान

गणेश चतुर्थी पर धन या वस्त्र का दान करना पुण्यदायक माना जाता है।

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16. समापन और विसर्जन

वास्तविक गणेश चतुर्थी में 1 से 10 दिन बाद मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। विसर्जन से पहले पूरे परिवार के साथ पुनः पूजा और भजन करें। गणेश चतुर्थी पर षोडशोपचार विधि से की गई पूजा जीवन में बुद्धि, सुख और समृद्धि लाती है। सही विधि और भक्ति भाव से पूजा करने से गणेश जी के आशीर्वाद से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

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