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Basant Panchami 2025: मां सरस्वती की पूजा के लिए सही दिशा, बसंत पंचमी पर अपनाएं यह वास्तु उपाय

Basant Panchami 2025, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है, विशेषकर शिक्षा और करियर में सफलता की प्राप्ति के लिए।

Basant Panchami 2025 : करियर में वृद्धि के लिए बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की मूर्ति किस दिशा में रखें?

Basant Panchami 2025, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है, विशेषकर शिक्षा और करियर में सफलता की प्राप्ति के लिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मां सरस्वती की प्रतिमा को निम्न दिशाओं में स्थापित करना शुभ माना जाता है।

मां सरस्वती की पूजा के लिए सही दिशा

पूर्व दिशा, यह सूर्योदय की दिशा होती है, जिसे ज्ञान और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। इस दिशा में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने से बुद्धि में वृद्धि होती है और शिक्षा में सफलता मिलती है। उत्तर दिशा, यह दिशा शांति, ज्ञान और समृद्धि की मानी जाती है। यहां प्रतिमा स्थापित करने से जीवन में समृद्धि और सकारात्मकता आती है।

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बसंत पंचमी पर अपनाएं यह वास्तु उपाय

उत्तर-पूर्व (ईशान कोण): यह दिशा ज्ञान, बुद्धि और रचनात्मकता का केंद्र मानी जाती है। यहां प्रतिमा स्थापित करने से करियर में सफलता और रचनात्मकता में वृद्धि होती है। यदि इन दिशाओं में स्थान की कमी हो, तो आप घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) को साफ करके वहां मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं।

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क़रीर में मिलेगी विर्धि

प्रतिमा स्थापित करते समय ध्यान रखें कि वह सफेद रंग की हो, क्योंकि सफेद रंग मां सरस्वती को प्रिय है। साथ ही, प्रतिमा के पास किताबें और वाद्य यंत्र (जैसे वीणा) रखना शुभ माना जाता है। इन उपायों को अपनाकर आप बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा से अपने करियर में सफलता की प्राप्ति कर सकते हैं।

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