कब है Ashadha Purnima जाने स्नान, दान, व्रत का सही समय और दिन
Ashadha Purnima, जिसे गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में बहुत ही खास दिन माना जाता है। इस दिन को हर साल श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन अपने गुरु की पूजा करना, पवित्र नदी में स्नान करना और जरूरतमंदों को दान देना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इन कामों को करने से जीवन के दुख-दर्द कम होते हैं और सुख-शांति आती है।
स्नान, दान का क्या महत्व है Ashadha Purnima के दिन
Ashadha Purnima: आषाढ़ पूर्णिमा, जिसे गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है, हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह दिन सिर्फ पूर्ण चंद्रमा का प्रतीक नहीं है, बल्कि हमारे जीवन में गुरु के महत्व को समझने और सम्मान देने का खास मौका भी है। इस दिन पूजा-पाठ, दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि अगर कोई इस दिन सच्चे मन से अपने गुरु की पूजा करता है, तो उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
आषाढ़ पूर्णिमा कब है?
पंचांग के अनुसार, Ashadha Purnima 2025 की तिथि की शुरुआत 9 जुलाई 2025 को शाम 6:54 बजे से होगी और इसका समापन 10 जुलाई 2025 को शाम 5:47 बजे पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है। इसी कारण से Ashadha Purnima 2025 का पर्व 10 जुलाई को मनाया जाएगा।
आषाढ़ पूर्णिमा पर जरूर करें ये विशेष अनुष्ठान
Ashadha Purnima जिसे गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है, धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ तिथि मानी जाती है। इस दिन किए गए पूजा-पाठ, दान और साधना का विशेष फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं इस पावन अवसर पर कौन-कौन से अनुष्ठान अवश्य करने चाहिए।
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गुरु पूजा करें
गुरु पूर्णिमा के दिन अपने जीवन के आध्यात्मिक या शैक्षणिक गुरु की पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है। यदि संभव हो, तो गुरुओं के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लें। यह दिन गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का सर्वोत्तम अवसर होता है।
पवित्र स्नान और दान का महत्व
इस दिन पवित्र नदियों या तीर्थस्थलों में स्नान करना बेहद पुण्यदायक होता है। मान्यता है कि Ashadha Purnima के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है। स्नान के बाद अन्न, वस्त्र, धन या जरूरतमंदों को वस्तुएं दान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
व्रत और पूजा
इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। कई भक्त इस दिन व्रत रखते हैं। कहा जाता है कि व्रत रखने से मन की शुद्धि होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
ध्यान और साधना
Ashadha Purnima का दिन ध्यान, साधना और आत्मचिंतन के लिए भी अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन एकांत में बैठकर ध्यान करने से मानसिक शांति, एकाग्रता और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
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