UP Vidhan Parishad Satra: यूपी विधान परिषद् के सत्र में सीएम योगी का विपक्ष को कड़ा जवाब
UP Vidhan Parishad Satra: किसी समस्या का समाधान इस बात पर निर्भर करता है कि आपका सलाहकार कौन है! स्वामी प्रसाद मौर्या ने भी लगाया आरोप
Highlights
- यूपी विधान परिषद् के सत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर साधा निशाना
- समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने भी लगाया बड़ा आरोप
- सुभाषपा के ओमप्रकाश राजभर भी पिछड़ों की बात करने से नहीं चूके
UP Vidhan Parishad Satra: उत्तर प्रदेश में इन दिनों विधानमंडल का सत्र चल रहा है। विधान परिषद में सत्र को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अंदाज़ में सत्र को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि, ” अब प्रदेश में 35 लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट आता है,आज उत्तर प्रदेश के पास बेहतर लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति है,आज बेहतर कनेक्टिविटी है,आज बेहतर हाइवे है।” अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भू- माफियाओं पर भी बात करने से नहीं चुके और उन्होंने कहा कि, “एंटी भू माफिया टास्क फोर्स का गठन किया गया जिसके माध्यम से लैंड बैंक बनाया गया और माफियाओं के कब्जे से ₹64000 हेक्टेयर से ज्यादा की भूमि को लिया गया और उसको लैंड बैंक के रूप में परिवर्तित कर दिया गया।” जैसा कि हम जानते हैं कि विगत कुछ महीनों से ‘रामचरितमानस’ को लेकर राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चाओं का बाजार खड़ा हुआ है। जिस पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के तरफ से भी टिप्पणी की गई थी।
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सदन में कहा कि, ” तुलसीदास जी की विरासत से देश-दुनिया आकर्षित होता है। उनके साथ जुड़ा है कि जब उन्होंने रामचरितमानस लिखना शुरु किया था तब उनकी पोथी चोरी हो जाया करती थी। समस्या देने वाले की हस्ती चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, जब ईश्वर की कृपा होती है तब कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। तुलसीदास जी एक महान संत थे।”
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में विभिन्न मुद्दों एवं पहलुओं पर लंबी चर्चा किया। इस दौरान अयोध्या और श्रीराम को लेकर भी उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि, “प्रभु श्रीराम को कोसने वाले को आज जनता ने कहां पहुंचा दिया है। यह सर्वविदित है, और कुछ लोग कहते थे कि अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता, आज अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर निर्माण हो रहा है।”
विपक्ष को निशाना बनाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विपक्ष के लोगों को सलाह देने से भी नहीं चुके। उन्होंने इस बारे में अपने संबोधन में कहा कि, “जब हम वसुधैव कुटुंबकम की बात कर रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी का संदेश देश-दुनिया में जा रहा है,तो वह जाति के की बात करते हैं,जब हम ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट की बात कर रहे थे तब वो जाति की बात कर रहे थे, जब हम जी -20 समिट की बात कर रहे थे तब वो जाति की बात कर रहे थे, किसी समस्या का समाधान इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपका सलाहकार कौन है, दुर्योधन का शकुनि था और अर्जुन का कृष्ण था, शकुनि को पालेंगे तो सत्यानाश होना ही होना है। “
इस दौरान चर्चा में संबोधन के क्रम में सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सीएम योगी के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की तरफ इशारा करते हुए कहा कि, “मंत्री जी आप भी पिछड़े समाज से ही आते हैं, पिछड़ी जाति के बेटी की शादी अनुदान को 20 हजार से बढ़ाकर 50 हजार होना चाहिए, पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा यह विभाग बना है, जिसकी आबादी 52 प्रतिशत है, जो कि यह अनुदान ऊँट के मुंह में जीरा है।” ओमप्रकाश राजभर ने पिछड़ों के मुद्दे को उठाने में कोई चूक नहीं किया।
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इसी बीच विपक्ष की तरफ से समाजवादी पार्टी के गठबंधन की विधायक डॉ पल्लवी पटेल ने भी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या पर निशाना लगाने में नहीं चूंकि।
वहीं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने सीएम योगी सरकार को आंड़े हाथों लेते हुए कहा कि, “किसान की लागत नहीं निकल पा रही है, इतना महत्वपूर्ण जब यह सिंचाई का बजट है तो मंत्री जी बैठना नहीं चाहिए था आपको, आपको पानी की व्यवस्था करनी चाहिए थी। पानी की व्यवस्था नहीं है। आप मई महीने में फसल कटने के बाद पानी नहीं दे पाये, जबकि पशुओं -पक्षियों को भी पानी की जरूरत होती है। “
वहीं अगर इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या की बात करें तो उन्होंने भी सीएम योगी सरकार पर आरोपों के कड़े प्रहार किए। उन्होंने कहा कि, “जब से भाजपा सरकार आई है, लगातार आरक्षण पर कुठाराघात करती जा रही है।”