सदस्य के बहुमत के बजाय वोटों का बहुमत है सच्चा लोकतंत्र : सत्यदेव चौधरी
आये दिन न जाने कितनी राजनीतिक पार्टियां बनती हैं और सभी पार्टियों का गठन एक जैसे मुद्दों और उद्देश्यों को लेकर किया जाता है।
इन सभी पार्टियों का प्रमुख उद्देश्य होता है भ्रष्टाचार से देश को आजादी दिलाना, गरीबी दूर करना और देश का विकास करना। लेकिन कैसे? तो इस सवाल का जवाब कोई राजनीतिक पार्टी नहीं देती। लेकिन ऐसे में एक ऐसी पार्टी का गठन किया गया है, जोकि भ्रष्टाचार का कारण और उसका निवारण एक ही स्थिति को मानता है।
सत्यदेव चौधरी
‘सत्य बहुमत पार्टी’ के नाम से एक राजनीतिक दल की स्थापना हुई है। तक़रीबन 6 महीने पुरानी सत्य बहुमत पार्टी का मुख्य उदेश्य ‘सदस्यों के बहुमत को प्रमुख न मान कर वोट के बहुमत को प्रमुख माना जाए और जिस पार्टी के पास सबसे ज्यादा वोट हों उसकी ही सरकार बनाई जाए।’
सत्य बहुमत पार्टी के अध्यक्ष और संयोजक ‘भाई सत्यदेव चौधरी’ से जब हमने उनकी इस पार्टी के इस विचार के बारे में सवाल किया और पूछा कि कैसे उनका यह विचार भ्रष्टाचार को खत्म करेगा तो उनका कुछ यह कहना था….
पार्टी के इस विचार के बारे में उन्होंने बताया, “मान लो पूरे देश में 543 सदस्यों के चुनाव में दो दल चुनाव के मैदान में खड़े हुए, पहले दल के 300 सदस्यों कुल 45 लाख वोट से जीत गए और दूसरे दल के 243 सदस्य कुल 55 लाख वोट से जीते। तो ऐसे में जिस पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिलें हो उसकी पार्टी की सरकार बनाई जाए, ये ही सच्चा लोकतंत्र है।”
सत्यदेव चौधरी
भ्रष्टाचार को कैसे ख़त्म करेगा यह विचार, “अपराध और भ्रष्टाचार के जन्म का कारण किसी व्यक्ति विशेष को न ठहराते हुए मेरे विचार में अपराध और भ्रष्टाचार का कारण केवल हमारी अपनी स्वीकार की हुई सरकार बनाने के लिए भ्रष्ट बहुमत की व्यवस्था है। सरकार बनाने के लिए हर राजनेता भ्रष्ट राजनीतिक पार्टी से चुनाव में अपना समर्थन लेकर स्वंय भ्रष्ट व्यवस्था का भाग बन जाते हैं। यदि बिना सदस्यों की राजनीति हो और वोटों के बहुमत से सरकार बनाई जाएं, तो भ्रष्ट बहुमत की राजनीति नही होगी और फिर अपराध व भ्रष्टाचार भी नहीं होगा।”
उन्होंने आगे कहा “भ्रष्टाचार की आवश्कता ही नहीं होगी, तो भ्रष्टाचार क्यों होगा। भ्रष्टाचार नहीं होगा तो अपराध भी नहीं होगा। भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त व्यवस्था में विकास ही विकास होगा।”