पंजाब में चुनाव प्रचार थमा, आइए जानें चुनाव प्रचार में क्या रहा खास
आइए जानें पंजाब चुनाव प्रचार में क्या रहा खास
पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव प्रचार गुरुवार को पांच बजे थम गया. प्रचार के दौरान सभी पार्टियों ने मतदाता को लुभाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी हैं. पंजाब में मतदान चार फ़रवरी को होने वाला हैं और इसमें करीब दो करोड़ मतदाता वोट देने वाले हैं. 22615 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जाएंगे.
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पंजाब चुनाव के मैदान में उतराने वाली बड़ी पार्टीः-
- शिरोमणी अकाली दल-बीजेपी का गठबंधन
- कांग्रेस
- आम आदमी पार्टी
अलग-अलग राजनीतिक दलों के कुल 1145 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है.
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पंजाब चुनाव प्रचार के दौरान कई दिलचस्प किस्से हुए. किसी नेता की जुबान फिसली तो किस पर आरोप लगा. आइए जानें, पंजाब में चुनाव प्रचार के दौरन हुए किस्सों के बारे में.
- पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल 11 जनवरी को लंबी विधानसभा के रत्ता खेड़ा में चुनाव के तहत आयोजित संगत दर्शन कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. तभी उन पर एक व्यक्ति ने जूता फेंका दिया. वो जूता एक सुरक्षाकर्मी से टकराकर सीएम के सिर में जा लगा था. जूता फेंकने वाले व्यकित को सुरक्षाकर्मियों ने फौरन ही गिरफ्तार कर लिया था.
- चुनाव प्रचार के दौरन पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल की फिसल गई थी जुबान. दरअसल, जलालाबाद में उपमुख्यमंत्री जनसभा को संबोधति कर रहे थे, उस दौरन वह बोले, पंजाब में तीनों पार्टियों में सबसे बुरी पार्टी अकाली दल है. लेकिन बाद में उन्होंने अपनी गलती को सुधार कर लिया था.
- आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान पर शराब पीकर जनसभा संबोधित करने पहुंचने के आरोप लगे थे. भगवंत मान जलालबाद से सुखबीर बादल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, वह एक दिन मोगा की पुरानी अनाज मंडी में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे, जब मान बोलने के लिए उठे तो वह 5 मिनट तक ऑडियंस को फ्लाइंग किस ही देते रहे और फिर लड़खड़ाकर गिर गए.
- पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल 9 जनवरी को जलालाबाद के कंदवाल गांव में रोड शो कर रहे थे, वहां उनके काफिले पर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया. सुखबीर और संबंधित अधिकारियों की गाड़ियां तेजी से आगे निकलने की वजह से उनका बचाव हो गया, मगर उनके समर्थकों की गाड़ियों में लोगों ने तोड़-फोड़ की. इसमें चार लोग जख्मी भी हो गए थे.
- दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 10 जनवरी को पंजाब के मोहाली में जनसभा करने पहुंचे थे. जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, कि पंजाब के मतदाता ये मानकर वोट करें, कि अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाना है. इस बयान के बाद जबदस्त राजनीति शुरू हो गई थी और आखिर में खुद अरविंद केजरीवाल ने यह कहा, कि पंजाब का ही कोई नेता यहां का सीएम होगा. मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं.
अब अगर हम पिछले कुछ हफ्तों में हुई घटनाओं पर नज़र डालें तो चुनाव के नतीज़े दिलचस्प आने की उम्मीद है. आम आदमी पार्टी पहली बार पंजाब के चुनावी मैदान में उतरी है और ऐसा लग रहा है, कि इसी वजह से पुरानी पार्टियों शिरोमणी अकाली दल-बीजेपी गठबंधन और कांग्रेस का चुनावी गणित बिगाड़ गया है. दरअसल, अकाली दल-बीजेपी गठबंधन और कांग्रेस के नेताओं ने आम आदमी पार्टी के ख़िलाफ़ आक्रमक बयानबाजी की. इस बयानबाजी से ये साफ हो रहा है, कि आप पुरानी पार्टियों को कड़ी चुनौती दे रही है.
राजनीतिक पार्टियों ने विरोधी दल की छवि को बिगाड़ने के लिए समर्थकों ने स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग का सहारा भी लिया. साथ ही चुनाव प्रचार के दौरान सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर ग़लत ख़बरों भी चलाई गई.
बात घोषणा पत्र की
राजनीतिक पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में मतदाताओं को आटा, चावल, दाल, देसी घी, चीनी और दूध जैसी चीजें और लाखों नौकरियां देने का वादा किया है, साथ ही राज्य से नशे का कारोबार ख़त्म करने और किसानों की कर्ज माफी की बात भी की. हर पार्टी का घोषणा पत्र करीबन एक जैसा ही रहा. घोषणा पत्र से ऐसा लगा, कि पंजाब बहुत गरीब राज्य है.