घर वापसी की जिम्मेदारी कश्मीरी पंडितों की : फ़ारूक़ अब्दुल्ला
जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने एक नेशनल कांफ्रेंस में कहा है की एक साल और बीत गया, लेकिन राज्य में कश्मीरी पंडितों को वापस लाने के कोशिशों में कोई प्रगति नहीं हुई है। कश्मीरी पंडितों के घाटी से विस्थापन को 26 साल हो गये है। पंडितों को अब भी वापस लौटने का बेहद इंतजार है। अब्दुल्ला ने पंडितों की घाटी में वापसी पर कहा की घाटी में वापस लौटने की जिम्मेदारी पंडितों की है।
साथ ही उस कांफ्रेंस में उन्होंने यह भी कहा “कोई कटोरा लेकर पंडितों के पास वापस लौटने की भीख मांगने नहीं जायेगा।” जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री रहते हुए अब्दुल्ला ने पहले भी कई बार पंडितों को वापस लाने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, मैं पहले भी कहता आया हूँ की अंतिम गोली के रुकने तक का इंतजार नहीं करना चाहिये और यहाँ से गये कश्मीर पंडितों में से अधिकतर लोगों ने अपना घर, अपनी जमीन बेच दी है। सिर्फ कुछ लोग वहाँ रुके हुए है। कोई भी आपके पास कटोरा लेकर भीख मांगने नहीं आएगा की आप वापस लौट आये और हमारे साथ ही रहे। ये पहल उन्हें खुद अपने आप ही करनी होगी। बातचीत में आगे कहा ‘मौजूदा सरकार से बहुत उम्मीदें थी। बाकी दलों पर तो केवल बातें बनाने के आरोप लग रहे थे, लेकिन कुछ भी नहीं बदला।’