Parliament Budget Session: संसद की माइक म्यूट, मचा हंगामा
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Parliament Budget Session: जाने, विपक्ष क्यों कर रहा है अदाणी मामले में जेपीसी की मांग?
- संसद में लोकसभा टीवी की माइक म्यूट होने से लोगों में चर्चा
- विपक्षी सांसदों ने की जेपीसी गठन करने की मांग
- पिछले पांच दिनों में सदन की कार्यवाही हंगामें की भेंट चढ़ी
इस देश के आम जनता की आवाज को ‘माइक’ के सहारे सुना-सुनाया जाता रहा है। संसद में इसी ‘माइक’ ने ढ़ेरों जननायकों की आवाज को बड़े प्यार से सुना। संसद से लेकर सड़क तक पर बोलने वाले किसी भी नेता के आवाज के साथ इस ‘माइक’ ने कभी भेदभाव नहीं किया। बापू से लेकर नेहरू तक, अटल से लेकर मोदी तक के दौर में ‘माइक’ की भूमिका जीवंत रही। ‘माइक’ आम आदमी की आवाज को खास आदमी तक भेजता रहा है।
जिस ‘माइक’ के कारण इस देश के एक से बढ़कर एक धुरंधर नेताओं को इस देश के आम लोगों ने सड़क से उठाकर संसद में बैठाया हो, भला उसी संसद में सबकी आवाज को जन-जन तक पहुंचाने वाली ‘माइक’ को मौन रहना पड़े तो आम आदमी को क्या संदेश मिलेगा है?
कल संसद की कार्यवाही में जब राहुल गांधी बोलने के लिए उठे तब लोकसभा टीवी का विडियो तो चलता रहा, पर ऑडियो मिनटों तक गायब रही। इस विषय पर देश के बुद्धिजीवियों में तमाम तरह की चर्चा चल रही है। देश के वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े कहते हैं कि, ” मैंने भी टीवी में कुछ दिनों तक काम किया है, पर माइक इतने देर तक कभी म्यूट नहीं हुई। लोकसभा टीवी की माइक मिनटों तक म्यूट रही है, इस पर विचार होनी चाहिए।”
उधर कर का राहुल गांधी का ट्वीट भी सुर्खियों में है, जिसमें वह संसद में अपने बोलने के बारे में कहा, ” प्रधानमंत्री अडानी के मुद्दे से डरे हुए हैं! वो नहीं चाहते मैं उनकी और उनके मित्र के रिश्ते की और पोल खोलूं। देखते हैं वो कल संसद में मुझे बोलने देंगे या नहीं।”
प्रधानमंत्री अडानी के मुद्दे से डरे हुए हैं! वो नहीं चाहते मैं उनकी और उनके मित्र के रिश्ते की और पोल खोलूं।
देखते हैं वो कल संसद में मुझे बोलने देंगे या नहीं। pic.twitter.com/O6wdESqUbO
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 16, 2023
संसद की कार्यवाही में इस बार शोर-शराबा बहुत जोरो पर है। विपक्ष जहां ‘जेसीपी’ के गठन की मांग कर रही है, वही सत्ता पक्ष ‘राहुल गांधी के विदेश में दिए गए भाषण’ पर माफी मंगवाने को लेकर अड़ी है। इस मसले में दोनों पक्ष एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं जिससे संसद की कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। संसद की कार्यवाही 5 दिनों तक केवल शोर-शराबा और हंगामें के भेंट चढ़ गई। इस मामले में न विपक्ष कम दिखा और न ही सत्ता पक्ष के लोग। वहीं, विपक्ष के नेता एकजुट होकर सदन के बाहर ‘जेपीसी के गठन की मांग’ और ‘मोदी-अदाणी भाई भाई’ के नारे के साथ डंटे दिखे। विपक्ष अपनी मोर्चाबंदी से पीछे हटने को तैयार नहीं है। उनकी अदाणी केस में जेपीसी की मांग जारी है। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। कांग्रेस सहित लगभग 17 पार्टियों के सांसदों ने गांधी जी की प्रतिमा के नीचे बैठकर मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया।
इन सब दृश्यों में सबसे दिलचस्प नजारा तब देखने को मिला जब कांग्रेस के सांसदों ने राहुल गांधी को संसद में बोलने की मांग की। राहुल गांधी ने कल संसद में बोलने की बात कही भी, पर उन्हें बोलने का मौका नहीं मिला। अब मनन करने वाला विषय यह है कि, शायद यह अभी तक के संसद की कार्यवाही का पहला मौका होगा जब सदन की कार्यवाही चल रही हो और लोगों तक, टीवी के माध्यम से सिर्फ विडियो दिखे पर अॉडियो न हो। ऐसा इत्तेफाक महज चंद सेकेंडों के लिए नहीं बल्कि मिनटों तक हुआ।
कांग्रेस के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट होता है कि, “नारे लगे – राहुल जी को बोलने दो… बोलने दो.. बोलने दो फिर ओम बिड़ला मुस्कुराए और सदन म्यूट हो गया। ये लोकतंत्र है?”
नारे लगे – राहुल जी को बोलने दो… बोलने दो.. बोलने दो
फिर ओम बिड़ला मुस्कुराए और सदन म्यूट हो गया।
ये लोकतंत्र है? pic.twitter.com/LL84TP30X6
— Congress (@INCIndia) March 17, 2023
इस विषय पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि, ” सत्तारूढ़ पक्ष की तरफ से निरंतर और लगातार नारेबाजी हो रही थी और यदि लोकसभा टेलीविजन का ऑडियो बंद था तो अध्यक्ष जी को इस विषय को अपने संज्ञान में लेना चाहिए। और यह पता करना चाहिए कि जब हाउस चल रहा है तब लोकसभा टीवी का ऑडियो क्यों बंद था?”
वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही पांचवें दिन भी नहीं चल पाई, क्योंकि यहाँ भी ‘हंगामा था बरपा’ का कारण दिखा। यहां गौर करने वाली बात है कि संसद जैसे महत्वपूर्ण संस्था जहाँ से देश के आवश्यक मुद्दों के साथ अन्य महत्वपूर्ण अवयवों का भविष्य तय होता है उसकी कार्यवाही इन पांच दिनों में सिर्फ 75 मिनट ही चल सकी।
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पहली दृष्टि में यही प्रतीत होता है कि सांसदों ने भी कार्यवाही न चलने देने का मन बना लिया है। संसद के बजट-सत्र का पांचवां दिन भी रोज की तरह हंगामें की भेंट चढ़ गया। ऐसा लगता है, जैसे मानो पक्ष-विपक्ष ने पहले से ही सांठ-गांठ कर लिया है कि चाहे जो कुछ भी हो जाए, हम इस सदन की कार्यवाही को चलने ही नहीं देंगे। दोनों अपनी-अपनी ढ़पली, अपना-अपना राग अलाप रहे हैं। आम आदमी के मुद्दे पर कौन बात करने का जतन करे।
वहीं, राहुल गांधी ने संसद के सदन में अपने लंदन वाले संबोधन को लेकर माफी नहीं मांगी। तभी उसी दौरान बीजेपी के सांसद बेल में उतर आए और उन लोगों ने कहा, जब तक राहुल गांधी माफी नहीं मांगेंगे इसी तरह से सदन में हंगामा चलता रहेगा। दूसरी तरफ, विपक्ष के सांसदों को भी इस समय ‘बापू’ की जमकर याद आ रही है। विपक्ष के सांसदों बापू की प्रतिमा के नीचे धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि, जब तक जेपीसी का गठन नहीं हो जाता, तब तक हम अपनी मांग पर टिके रहेंगे।
अब यह दृश्य और भी रोचक बन गया है। देखना है कि बीजेपी की एनडीए और कांग्रेस की नेतृत्व वाली विपक्ष जनता के अन्य मुद्दों पर बात करने के लिए शांतिपूर्ण सदन की कार्यवाही कब शुरू करेंगे?
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