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तमिलनाडू विधानसभा में विधायक अम्मा को नाम लेकर संबोधित नहीं कर सकते हैं
पॉलिटिक्स

तमिलनाडू विधानसभा में विधायक अम्मा को नाम लेकर संबोधित नहीं कर सकते हैं

अगर आपसे कोई यह कहे कि अब से विधानसभा में मुख्यमंत्री को उनके नाम से नहीं बुलाया जाएंगा, तो सुनने में कैसा लगेगा। है न थोड़ी असमंजस में डालने वाली बात।

हां, लेकिन आप जो सुन रहे है यह सही है तमिलनाडू के स्पीकर पी धनपाल ने कहा है कि “कोई भी विधायक मुख्यमंत्री को उनका नाम लेकर नहीं बुला सकता है। यह मेरी आज्ञा है।“

ऐसा होने के पीछे भी एक रोमांचक कहानी है। दरअसल तमिलनाडू विधानसभा में बजट की बहस के दौरान एआईडीएमके के विधायक पी एम नरसिंहमन ने डीएमके प्रमुख करुणानिधि का नाम ले लिया। सब यहीं सारा मामला बिगाड़ गया।

विपक्षी पार्टी के विधायक इस बात का विरोध करने लगे कि सत्ताधारी पार्टी के विधायक ने करुणानिधि का नाम क्यों लिया जबकि वह इतने बड़े नेता है।

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तमिलनाडू विधानसभा

डीएमके के विधायक स्पीकर से पूछने लगे कि यह सही है पूर्व मुख्यमंत्री का नाम ऐसे विधानसभा में लिया जाए। जवाब में स्पीकर ने कहा इसमें कोई बुराई नहीं है कि आप पूर्व मुख्यमंत्री का नाम ले रहे है।

लेकिन इस बात के आड़े डीएमके के विधायक जानना चाहते थे कि वह भी मुख्यमंत्री जयललिता का नाम ऐसे ले सकते हैं। लेकिन स्पीकर ने मुख्यमंत्री जयललिता का नाम लेने से इंकार कर दिया।

जिसके बाद डीएमके के विधायकों ने इसका विरोध किया और विधानसभा से बाहर चले गए। डीएमके के विधायक और विपक्ष के नेता एम के स्टालिन ने कहा कि विधानसभा के नियमों के अनुसार ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि विधायक मुख्यमंत्री का नाम नहीं ले सकते। जबकि भारतीय संविधान के अनुसार भी ऐसा नहीं है। यह फैसला पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है।

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