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Lok Sabha Election 2024: नागालैंड के इन जिलों में नहीं पड़े एक भी वोट, 9 घंटे तक इंतजार करते रहे मतदान कर्मी
पॉलिटिक्स

Lok Sabha Election 2024: नागालैंड के इन जिलों में नहीं पड़े एक भी वोट, 9 घंटे तक इंतजार करते रहे मतदान कर्मी

शुक्रवार को नगालैंड के छह पूर्वी जिलों में मतदानकर्मी बूथों पर नौ घंटे इंतजार करते रहे, लेकिन इस क्षेत्र के चार लाख मतदाताओं में से एक भी मतदान करने नहीं आया। यहां तक कि पूर्वी नगालैंड के 20 विधानसभा क्षेत्रों के विधायक भी वोट देने नहीं पहुंचे।

Lok Sabha Election 2024: जानिए नागालैंड के 6 जिलों में क्यों नहीं पड़ा वोट? जानें क्या है पुरा मामला


Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के रण की शुरुआत हो चुकी है। शुक्रवार, 19 अप्रैल को पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर वोट डाले गए। इन तमाम सीटों पर मिलाकर लगभग 60% वोटिंग हुई लेकिन इनमें नागालैंड के 6 ऐसे भी जिले थे जहां एक भी वोटरों ने वोट नहीं डाला।

नागालैंड के किन 6 जिलों में एक भी वोट नहीं पड़े?

नागालैंड की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ। यहां वोटिंग परसेंट 57% ही रहा जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में ये 83% था। यानी वोटिंग परसेंट में 26% के आसपास की बड़ी गिरावट देखी गयी। बता दें, नागालैंड के पूर्वी भाग में बसे 6 जिलों- मोन, तुएनसांग, लॉन्गलेंग, किफिरे, नोकलाक और शामतोर- में लगभग 4 लाख वोटर हैं लेकिन उनमें से एक ने भी वोट नहीं डाला। दरअसल, ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ENPO) और कई आदिवासी संगठनों ने चुनाव के बहिष्कार और बंद का आह्वान किया था जिसको यहां के लोगों ने फॉलो किया।

9 घंटे तक इंतजार करते रहे मतदान कर्मी

नगालैंड के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आवा लोरिंग ने बताया कि 20 विधानसभा क्षेत्रों वाले इस क्षेत्र के 738 मतदान केंद्रों पर मतदान कर्मी सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मौजूद रहे। सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि इन 9 घंटों में कोई भी वोट डालने नहीं आया। 20 विधायकों ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। नगालैंड के 13.25 लाख मतदाताओं में से पूर्वी नगालैंड के 6 जिलों में 4,00,632 मतदाता हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य की राजधानी से करीब 41 किलोमीटर दूर तौफेमा में अपने गांव में वोट डालने के बाद पत्रकारों से कहा कि उन्होंने FNT के लिए ‘ड्राफ्ट वर्किंग पेपर’ स्वीकार कर लिया है, जिसे उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में सौंपा गया था।

यहां के विधायक भी नहीं दिए वोट

राज्य की 60 में से 20 विधानसभा सीटें, इन 6 जिलों में आती हैं। इन 20 विधानसभाओं के 20 विधायकों में से भी किसी ने वोट नहीं डाला।

सन्नाटा रहा पूर्वी नगालैंड में

चुनाव अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन और अन्य आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर पूर्वी नगालैंड की प्रमुख सड़कों पर लोगों या वाहनों की कोई आवाजाही नहीं थी। नागालैंड के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आवा लोरिंग ने कहा कि मतदानकर्मी सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक बूथों पर मौजूद रहे। सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि उन नौ घंटों में कोई भी वोट डालने नहीं आया।

ईएनपीओ मांग रहा अलग राज्य

ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ENPO) पूर्वी नगालैंड में आदिवासियों का सबसे बड़ा संगठन है। ईएनपीओ पूर्वी नगालैंड को नगालैंड से एक अलग राज्य- फ्रंटियर नगालैंड क्षेत्र- की मांग कर रहा है। ईएनपीओ 2010 से ही एक अलग राज्य की मांग कर रहा है। ईएनपीओ का यह आरोप है कि लगातार सरकारों ने इस क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास नहीं किया है। हालांकि, मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही एक स्वायत्त निकाय की सिफारिश कर चुकी है ताकि इस क्षेत्र को राज्य के बाकी हिस्सों के बराबर पर्याप्त आर्थिक पैकेज मिल सके।

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नगालैंड के सीईओ ने दिया नोटिस

नगालैंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) वायसन आर ने बंद को चुनाव के दौरान अनुचित प्रभाव डालने के प्रयास के रूप में देखते हुए ईएनपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया। उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 171सी की उपधारा (1) के तहत कहा, “जो कोई भी स्वेच्छा से किसी चुनावी अधिकार के स्वतंत्र प्रयोग में हस्तक्षेप करता है या हस्तक्षेप करने का प्रयास करता है, वह चुनाव में अनुचित प्रभाव डालने का अपराध करता है।” हालांकि, ईएनपीओ के अध्यक्ष त्सापिकीउ संगतम ने दावा किया कि यह धारा इस संदर्भ में लागू नहीं है।

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