पॉलिटिक्स

Darshan Singh Choudhary : ऐसे सांसद जो किसान आंदोलनों के दौरान सात बार गए जेल, आप भी जानिए उनके जीवन से जुड़े कुछ अहम बातें

दर्शन चौधरी का मानना है कि राजनीति केवल सत्ता तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि समाज और सरकार के बीच संवाद का माध्यम बननी चाहिए। उनका लक्ष्य है कि सरकारी योजनाएं अंतिम व्यक्ति तक पहुँचें, किसान आत्मनिर्भर बनें और युवा कौशल व रोजगार से जुड़ें।

Darshan Singh Choudhary : लोकसभा में उनके प्रश्न इन मुद्दों पर रहता है केंद्रित, जानिए उनके जन्म-शिक्षा और भी बहुत कुछ…


Darshan Singh Choudhary : होशंगाबाद-नरसिंहपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद और भाजपा किसान मोर्चा, मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दर्शन सिंह चौधरी ने हाल के वर्षों में क्षेत्रीय विकास, संगठन निर्माण और संसद में सक्रिय भागीदारी के ज़रिए एक मजबूत पहचान बनाई है। वर्ष 2024 के आम चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में 4,31,696 मतों से प्रचंड जीत दर्ज की।

दर्शन चौधरी का जन्म और उनकी शिक्षा

उनका जन्म 14 अक्टूबर 1975 को मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम ज़िले के चांदौन गांव में हुआ। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने दर्शनशास्त्र, अंग्रेज़ी, इतिहास, अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र जैसे विषयों में एम.ए. किया। दर्शनशास्त्र में गोल्ड मेडल प्राप्त करने के बाद उन्होंने बी.एड किया और वर्ष 1998 में शासकीय शिक्षक के रूप में सेवा प्रारंभ की।

किसान आंदोलनों के दौरान सात बार जेल गए

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से दशकों से जुड़े चौधरी संघ की विचारधारा से प्रेरित होकर अविवाहित जीवन जीते हुए राष्ट्र सेवा में समर्पित हैं। भारतीय किसान संघ में ब्लॉक अध्यक्ष से लेकर प्रदेश संयोजक तक की ज़िम्मेदारियाँ निभाते हुए वे सात बार किसान आंदोलनों के दौरान जेल भी गए। संगठनात्मक कार्यों में दक्षता के चलते उन्हें 2021 में भाजपा किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

सामाजिक कामों में लेते हैं हिस्सा

दर्शन सिंह चौधरी ने सामाजिक कामों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है। चूंकि वह एक टीचर थे, ऐसे में टीचर्स के अधिकारों की मांगों को लेकर विकासखंड से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए वह 7 बार जेल गए थे। इतना ही नहीं, उन्होंने सामूहिक आदर्श विवाह सम्मेलनों के माध्यम से 2200 लड़कियों की शादी भी करवाई है। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने राज्यभर में 3.62 लाख किलोमीटर की यात्रा की, 20,680 गांवों में किसानों और कार्यकर्ताओं से संपर्क किया और पंचायत स्तर तक संगठन की पहुंच बनाई। 262 किसान चौपालों के माध्यम से 28,500 किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया गया।

लोकसभा में उनके प्रश्न इन मुद्दों पर रहता है केंद्रित

लोकसभा में भी उन्होंने उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कराई है। चार सत्रों में उन्होंने 317 प्रश्न सबमिट किए, जिनमें से 75 प्रश्न सभा पटल तक पहुंचे और 19 बार सदन में बोलने का अवसर मिला। उनके प्रश्न कृषि, ग्रामीण विकास, रोजगार, आधारभूत संरचना, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहे।

Read More: Hindi News Today: पीएम मोदी को घाना के राष्ट्रीय सम्मान से किया गया सम्मानित, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री आज करेंगे मंत्रिमंडल का विस्तार

इन्होंने कई खेल प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक आयोजनों का भी संचालन किया

अपने संसदीय क्षेत्र में उन्होंने 421 विकास कार्यों का भूमि पूजन या लोकार्पण किया। 252 जनसंवाद कार्यक्रमों में लगभग 37,500 लोगों से सीधा संवाद किया गया। 54 हितग्राही सम्मेलनों के माध्यम से योजनाओं से जुड़े प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। रोजगार मेलों में 1,836 युवाओं का चयन हुआ और 82 महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों में 32,000 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। इसके अलावा, 84 खेल प्रतियोगिताएं और 565 धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजनों का भी संचालन किया गया।

We’re now on WhatsApp. Click to join.

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button