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Pitru Paksha 2022: इन उपायों से प्रसन्न करें अपने पितरों को, दूर होना पितृ दोष और मिलेगा उनका आशीर्वाद

Pitru Paksha 2022: जाने श्राद्ध के दौरान अपने पितरों को प्रसन्न करने के सरल उपाय


Highlights

  •  जाने इस साल कब से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष
  • क्या होता है पितृदोष, जाने इसके कारण
  • जाने श्राद्ध के दौरान पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

Pitru Paksha 2022: हमारे देश में पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों की आत्माओं को संतुष्ट करने के लिए श्राद्ध की परंपरा सदियों से चली आ रही है। मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष शुरु होते ही हमारे पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं। पितृ पक्ष के 15 दिनों में पूर्वजों के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है साथ ही साथ पूरी श्रद्धा के साथ उन्हें याद किया जाता है।

जिससे प्रसन्न होकर वे अपने वंशजों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाएं रखते है साथ ही उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी देते हैं। हर साल पितृ पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक चलता है इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर तक चलेगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान पितरों के लिए कई ऐसे धार्मिक कार्य एवं उपाय किए जाते हैं  जो उन्हें संतुष्ट करके हमें उनका आशीर्वाद दिलाने में सहायक होते हैं। हमारे देश में कई ऐसे तीर्थ स्थल है जहां जाकर पिंडदान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं जैसे हरिद्वार, प्रयागराज, गया आदि। लेकिन इस पितृपक्ष के दौरान आपको कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। अन्यथा आपके पितृ नाराज हो सकते है और पितृदोष का कारण बन सकते है। हमारे ज्योतिष शास्त्र में भी इस पितृदोष के बारे में बताया गया है। जिसका सीधा अर्थ हमारे पितरों की नाराजगी से होता है इसके कारण आपको कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।

जाने क्या होता है पितृदोष

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग अपने पितरों का सम्मान नहीं करते हैं, उनके निमित्त तिल, कुश, जल के साथ दान नहीं करते हैं और उन्हें नाराज कर देते हें, उन्हें यह दोष लगता है। इतना ही नहीं या फिर जो लोग अपने पूर्वजों या बुजुर्गों का अपमान करते है या फिर उनके लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते है, उन्हें भी पितृदोष लगता है। मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान आपके पितृ किसी भी रूप में आपके घर में आ सकते हैं इसलिए इस दौरान किसी भी व्यक्ति के प्रति अपने मन में बुरे विचार ना लाएं और न ही किसी का अपमान करें।

जाने श्राद्ध के दौरान पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

दीवार पर तस्‍वीर लगाएं: कहा जाता है कि घर हो या कार्य स्‍थल आपको वहां पर अपने पितरों की हंसती-मुस्‍कुराती हुई तस्‍वीर लगानी चाहिए। लेकिन ध्‍यान रखें कि तस्‍वीर दक्षिण-पश्चिम की दीवार या कोने में ही लगाएं। इससे आपको पितरों का आर्शीवाद मिलता है।

प्रणाम से करें अपने दिन की शुरुआत: आपको अपने दिन की शुरुआत करने से पहले अपने पितरों की तस्‍वीर को प्रणाम करना चाहिए। इसके बाद उसपर फूल-माला चढ़ानी चाहिए। उसके बाद धूपबत्‍ती जलाएं और उनका आर्शीवाद लें। ऐसा करने से पीतरों को अच्‍छा लगता है और वह प्रसन्‍न होते हैं।

जयंती और बरसी मनाएं: आपको अपने पितरों की जयंती और बरसी मनाना कभी भी नहीं भूलना चाहिए। इस दिन आपको कोई न कोई आयोजन जरूर करना चाहिए। भले ही छोटा सा करें लेकिन उन्‍हें याद जरूर करें। साथ ही उनकी याद में गरीबों को खाना और मिठाईयां जरूर बांटे। इससे उनकी कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहती है।

प्‍याऊ बनवाएं: अगर आप अपने पितरों को प्रसन्‍न करना चाहते है तो आपको अपने पितरों के नाम पर प्‍याऊ बनाना चाहिए। कहते हैं कि इससे उन्‍हें काफी प्रसन्‍नता मिलती है। इसके अलावा उनके नाम पर शमशान में बैठने की व्‍यवस्‍था करवाएं। आप चाहो तो कोई चबूतरा बनवा सके है या फिर चबूतरा बना हो तो उसके ऊपर शेड भी डलवा सकते हैं।

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