Adi Kailash Mysterious Places: ये हैं आदि कैलाश की रहस्यमयी जगहें, आज तक वैज्ञानिक भी नहीं पता लगा सके सच, देखें शानदार तस्वीरें…
Adi Kailash Mysterious Places: आदि कैलाश यात्रा करने के लिए हर साल बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। छोटा कैलाश के नाम से प्रसिद्ध है जगह अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता से भरी हुई है।
Adi Kailash Mysterious Places: पर्वत पर दिखाई पड़ती भगवान गणेश की आकृति, आज भी गांव कुटी में दिखते हैं पांडव महल के अवशेष
भारत में आस्था एक बड़ी भावना है। कई धर्म और उनसे जुड़े अनगिनत धर्मस्थल… जो ना सिर्फ इतिहास को अपने अंदर समेटे हैं बल्कि जिनकी मान्यता लाखों करोड़ों लोगों को जीवन पथ दिखाती है। रहस्यों से भरे कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां जा तो सकते हैं लेकिन ये यात्रा हर किसी के बस की बात नहीं है। Adi Kailash Mysterious Places ऐसी ही एक रोमांच और चुनौतियों से भरपूर यात्रा है आदि कैलाश पर्वत की। इस यात्रा में चुनौतियां भी हैं, रोमांच भी है और साथ ही बेहद खूबसूरत रास्तों से गुजरने का अनुभव भी। आज आपको आदि कैलाश यात्रा से जुड़ी हर बात बताएंगे ताकि आप जाना चाहें तो अपना सफर आराम से शुरू कर सकें…
करीब 6 हजार मीटर की ऊंचाई पर मौजूद आदि कैलाश को छोटा कैलाश भी कहा जाता है। उत्तराखंड में मौजूद आदि कैलाश पर्वत तिब्बत के कैलाश मानसरोवर जितना ही खूबसूरत और प्राकृतिक नजारों के बीच मौजूद है। Adi Kailash Mysterious Places खास बात तो ये है कि अगर कैलाश मानसरोवर जाना है तो यात्रियों को इसी रास्ते से होकर गुजरना होता है।
ऊं पर्वत का है अपना रहस्य Adi Kailash Mysterious Places
माना जाता है कि पृथ्वी के आठ पर्वतों पर प्राकृतिक रूप से ऊं अंकित है, जिसमें से एक को ही खोजा गया है और वह यही ऊं पर्वत है जो पिथौरागढ़ जिले में कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग के बीच में पड़ता है। इस पर्वत पर बर्फ इस तरह पड़ती है कि ओम का आकार ले लेती है। यात्री इस जगह को देखकर काफी आश्चर्य से भर जाते हैं। यहां आने के लिए पहले धारचूला से गूंजी आना पड़ता है, फिर ऊं पर्वत के दर्शन कर वापस गूंजी आकर आदि कैलाश की ओर प्रस्थान करते हैं। ऊं पर्वत की इस यात्रा के दौरान हिमालय के बहुत से प्रसिद्ध शिखरों के दर्शन होते हैं।
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पर्वत पर दिखाई पड़ती भगवान गणेश की आकृति Adi Kailash Mysterious Places
आदि कैलाश की यात्रा के दौरान ज्योलिंगकांग से कुछ दूरी पहले पड़ता है गणेश पर्वत। जिसमें बर्फ कम होने पर भगवान गणेश जैसी आकृति दिखाई देती है। यह पर्वत भी अपने आप में अदभुत है। गणेश पर्वत के सामने ही गणेश नाला भी है, जिसे पार करना काफी चुनौती भरा भी होता है। पर्वत पर गणेश भगवान की आकृति जून, जुलाई महीने में ज्यादा दिखाई पड़ती है। यह वह समय होता है, जब पर्वत शिखरों में बर्फ पिघलने लगती है। आदि कैलाश की यात्रा के दौरान गणेश पर्वत भी यात्रियों के लिए रहस्य ही बना रहता है।
मालपा गांव में आज भी दफन हैं कई शव Adi Kailash Mysterious Places
आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर मालपा नाम की जगह पड़ती है, कभी यहां पर एक बड़ी आबादी रहती थी। यह जगह कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग का एक पड़ाव हुआ करता था, लेकिन आज मालपा गांव का वजूद ही खत्म हो गया है। वजह बना 18 अगस्त 1998 को कुदरत का कहर। यहां हुए भूस्खलन से पूरा गांव ही मलबे में दब गया। जिसमें 60 कैलाश यात्रियों समेत 300 लोगों की जान चली गई, और आज भी कई शव यहां मलबे में ही दफन हैं।
अपने आप हो जाती है धान की खेती Adi Kailash Mysterious Places
आदि कैलाश पर्वत के पास इस जगह पर धान की खेती देखी जा सकती है, जो कि 14000 फीट की ऊंचाई पर खुद ही उगता है। इतनी ऊंचाई पर जहां कोई भी पौंधा नहीं उगता वहां धान का खुद ही उग जाना एक रहस्य ही है। स्थानीय लोगों की मान्यता के अनुसार पांडवों के अज्ञातवास में भीम ने इस जगह पर धान की खेती की थी, जिसके बाद से ही इस जगह पर हर साल धान खुद ही उग जाते हैं और खुद ही कट भी जाते हैं।
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आज भी गांव कुटी में दिखते पांडव महल के अवशेष Adi Kailash Mysterious Places
आदि कैलाश यात्रा पर पड़ने वाले अंतिम गांव कुटी में आज भी पांडव महल के अवशेष देखे जा सकते हैं। इस जगह का नाम भी पांडवों की माता कुंती के नाम पर पड़ा है और यहां उनकी पूजा भी की जाती है। कुटी गांव के सामने एक छोटा सा टापू है जिस पर किसी भी बाहरी व्यक्ति का जाना प्रतिबंधित है। ग्रामीणों के अनुसार यहां लंबे समय तक पांडवों ने महल बना कर निवास किया था, जिसके बाद ही सभी भाई कैलाश की ओर प्रस्थान कर गए। माता कुंती ने इसी गांव में अपने प्राण त्यागे जहां उन्हें अमृत्व का वरदान मिला था।
आदि कैलाश का पौराणिक महत्व Adi Kailash Mysterious Places
ऐसा माना जाता है कि आदि कैलाश भगवान शिव का स्थायी निवास स्थान है। जहां वे अपने शिष्यों की प्रार्थनाओं का उत्तर देते हैं। यह आस्था आदि कैलाश यात्रा का आधार बनती है, यह पवित्र तीर्थ यात्रा लाखों लोगों द्वारा व्यक्तिगत ज्ञान, इच्छाओं की संतुष्टि और आंतरिक परिवर्तन की तलाश में की जाती है। आदि कैलाश की यात्रा को एक महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा के रूप में देखा जाता है, जिसमें विभिन्न देशों से भक्त भगवान शिव की शरण, मार्गदर्शन और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भारत आते हैं। यह एक ऐसी यात्रा है जो भौतिक संसार से आगे बढ़कर एक गहन आध्यात्मिक खोज में विकसित होती है जो लोगों को उनकी भक्ति और विश्वास की आंतरिक दुनिया का पता लगाने की अनुमति देती है।
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