Bollywood Romantic Movies: ऑल टाइम बेस्ट हैं बॉलीवुड की ये 5 रोमांटिक फिल्में
बॉलीवुड में रोमांटिक फिल्मों का भरमार हैं। ऐसे में आज हम आपको बॉलीवुड की उन 5 रोमांटिक फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं।
Bollywood Romantic Movies: बॉलीवुड की ये 5 रोमांटिक फिल्में जिन्हें देख आज भी दिल में कुछ कुछ होता है
Bollywood Romantic Movies: बॉलीवुड यानी हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री, प्रेम कहानियों की इंडस्ट्री है। जितनी संख्या में रोमांटिक फ़िल्में हम बनाते हैं, शायद ही कहीं और बनती हों। जब दुनिया डीसी, मार्वेल के प्रपंच में फँसी है, तब भी बॉलीवुड अपनी प्रेम कहानियाँ बना कर खुश है। 1937 में के.एल. सहगल को लेकर बनी देवदास से लेकर हालिया फ़िल्मों तक, ना तो रोमांस बॉलीवुड को, ना ही बॉलीवुड को छोड़ सका है। आज हम नज़र डालेंगे बॉलीवुड की ऐसी ही 5 आइकॉनिक रोमांटिक फ़िल्मों पर।
मुग़ल-ए-आज़म
मुग़ल-ए-आज़म हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 5 अगस्त 1960 में प्रदर्शित हुई। यह फ़िल्म हिन्दी सिनेमा इतिहास की सफलतम फ़िल्मों में से है। इसे के आसिफ के शानदार निर्देशन, भव्य सेटों, बेहतरीन संगीत के लिये आज भी याद किया जाता है। मुग़ल-ए-आज़म की कहानी 16वीं सदी के एक ऐसे राजकुमार की है जिसे बादशाह की सभा में नाचने वाली लड़की अनारकली से प्रेम हो जाता है। बादशाह को यह बात पसंद नहीं आती है और राजकुमार बगावत पर उतर आता है। मुग़ल-ए-आज़म का नाम हम सबने सुना है। यह फ़िल्म अब कल्ट का दर्ज़ा ले चुकी है जो के आसिफ़ के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म में मधुबाला, पृथ्वीराज कपूर और दिलीप कुमार जैसे नामी-गिरामी कलाकारों ने काम किया था।
देवदास
देवदास भारतीय नाट्य रूमानी हिन्दी फिल्म है। इस फिल्म का निर्देशन संजय लीला भंसाली और निर्माण भरत शाह ने किया था। ये फिल्म शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर आधारित है। इसमें शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित मुख्य किरदार में हैं। इसे 12 जुलाई 2002 को सिनेमाघरों में दिखाया गया। बंगाली लेखक शरतचंद्र के इसी नाम के उपन्यास पर बनी फ़िल्म जिसे संजय लीला भंसाली ने बनाया और एक्टिंग करायी शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित से। देवदास को यह कल्ट है हासिल है कि अब भी किसी प्रेम में हारे आशिक़ को हम देखते हैं तो कहते हैं कि यह तो देवदास हो गया है। देवदास हालाँकि इससे पहले भी कई बार बनी है। 1936 में केएल सहगल देवदास बने तो वहीं फिर 1955 में ट्रैजडी किंग दिलीप कुमार भी पर्दे पर देवदास बनकर आये।
दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे
दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे 1995 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है, जो डीडीएलजे के नाम से भी प्रसिद्ध है। फिल्म का निर्देशन निर्माता और निर्देशक आदित्य चोपड़ा ने किया है। शाहरुख खान, काजोल और अमरीश पुरी फ़िल्म के प्रमुख कलाकारों में थे। फ़िल्म का पहला प्रदर्शन 19 अक्टूबर 1995 को हुआ और 20 अक्टूबर 1995 को इसे पूरे भारत में प्रदर्शित किया गया। दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे या डीडीएलजे दो ऐसे लोगों की रोमांटिक कहानी है जो हैं तो भारत के लेकिन यूरोप में रहते हैं, एक-दूसरे से वहीं मिलते हैं। उनमें पहली नज़र का प्यार तो नहीं है लेकिन धीरे-धीरे दोस्ती बढ़ती है और प्रेम का रूप धारण कर लेती है। डीडीएलजे का नाम ही काफी है। यह फ़िल्म लोगों के किस्सों-कहानियों की फ़िल्म बन चुकी है। यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित, काजोल-शाहरुख खान द्वारा अभिनीत इस फ़िल्म के आस-पास भी कोई फ़िल्म नहीं फटकती। मुंबई के एक सिनेमाहॉल में यह फ़िल्म जब लगी तो कभी उतरी ही नहीं।
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आशिकी
आशिकी 1990 की महेश भट्ट द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की संगीतमय प्रेम कहानी फिल्म है। राहुल रॉय, अनु अग्रवाल और दीपक तिजोरी प्रमुख भूमिका में हैं। यह इकलौती फिल्म है, जिसके लिए लोग एक्टर राहुल रॉय को याद किया जाता है। अनु अग्रवाल के साथ उनकी कैमिस्ट्री को लोगों ने खूब पसंद किया था। फिल्म में राहुल (राहुल रॉय) के पिता उनकी मां के होते हुए दूसरी शादी करते हैं, जिससे नाराज होकर राहुल शादी स्थल पर तोड़-फोड़ करते हैं। परिणाम स्वरूप उन्हें पुलिस जेल में डाल देती है। इस बीच अनु (अनु अग्रवाल) अपने हॉस्टल से भागती है, और पुलिस उसे पकड़कर पुलिस स्टेशन ले आती है. यही से शुरू होती है दोनों की प्रेम कहानी. इस फिल्म के गाने इसकी असली यूएसपी हैं. ‘जाने जिगर जानेमन…’, ‘मैं दुनिया भुला दूंगा…’, ‘तू मेरी जिंदगी है…’, ‘बस एक सनम चाहिए…’ जैसे गानों से कुमार सानु ने दिल जीत लिया।
साजन
साजन 1991 में बनी हिन्दी भाषा की प्रेम कहानी फिल्म है जिसका निर्देशन लॉरेंस डिसूजा द्वारा किया गया है और सलमान खान, संजय दत्त और माधुरी दीक्षित इसमें मुख्य भूमिकाओं में है। रिलीज होने के बाद फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी और इसका संगीत भी खूब सराहा गया था। यह फिल्म लव ट्रायंगल पर आधारित है, फिल्म की कहानी कुछ ऐसी है कि दो दोस्त होते हैं। आकाश वर्मा (सलमान खान) और अमन (संजय दत्त)। अमन गरीब विकलांग होता है, जिसे आकाश का परिवार पालता-पोषता है। अमन को लिखने का शौक होता है, जो उसे सागर के रूप में मशहूर कर देता है। इस सागर से पूजा सक्सेना यानी माधुरी दीक्षित चिट्टियों के ज़रिए संपर्क में होती हैं। इसी बीच उनके जीवन में आकाश वर्मा की एंट्री होती है, जो उन्हें दिल दे बैठता है। आगे अपने दोस्त अमन के लिए आकाश अपना प्यार कुर्बान कर देता है. इस फिल्म की कहानी से ज्यादा इसके गाने मशहूर हुए। फिर चाहे वो ‘जीये तो जीये कैसे…’ हो या फिर, ‘मेरा दिल भी कितना पागल है…’ हो। इसका निर्देशन लॉरेंस डिसूजा ने किया है।
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