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World Toilet Day: क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड टॉयलेट डे? जाने टॉयलेट डे की थीम, इतिहास और महत्व।

World Toilet Day: जाने क्यों 19 नवंबर को मनाया जाता है वर्ल्ड टॉयलेट डे

  • जाने कैसे शुरुआत हुई वर्ल्ड टॉयलेट डे की
  • जाने क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड टॉयलेट डे
  • जाने क्या है इस साल वर्ल्ड टॉयलेट डे की थीम

World Toilet Day: हर साल पूरी दुनिया में 19 नवंबर को वर्ल्ड टॉयलेट डे यानी की विश्व शौचालय दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में स्वच्छता के लिए किए जा रहे प्रयासों को प्रोत्साहित करने का एक तरीका है। इस दिन लोगों को शौचालय के महत्व को समझाने के लिए कई तरह के जागरूकता अभियान भी चलाए जाते है। स्वच्छता को लेकर लगातार किए जा रहे प्रयासों के बावजूद भी आज भी  लोगों के पास शौचालय नहीं है, जो कि आज हर व्यक्ति का मूलभूत अधिकार है साथ ही साथ ये आपको स्वस्थ रखने में काफी मदद करता है। तो चलिए आज हम आपको विश्व शौचालय दिवस पर इसकी थीम, इतिहास और महत्व के बारे में बताते है।

जाने कैसे शुरुआत हुई वर्ल्ड टॉयलेट डे की

आपको बता दें कि वर्ल्ड टॉयलेट डे की शुरुआत 19 नवंबर 2001 को, सिंगापुर के एक परोपकारी व्यक्ति ‘जैक सिम‘ द्वारा की गई थी। हालांकि साल 2013 में इससे संयुक्त राष्ट्र संगठन द्वारा आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र विश्व शौचालय दिवस घोषित किया गया। उसके बाद डब्ल्यूटीओ ने सार्वजनिक संदेश देने में आसानी हो इसके लिए इसका नाम विश्व शौचालय दिवस नाम चुना।

जाने क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड टॉयलेट डे

वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को खुले में शौच करने से रोकना और शौचालय के मानव अधिकार को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना और समझाना है। साथ ही साथ वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाए जाने का मुख्य कारण स्वच्छता, स्वास्थ्य और सुरक्षा की नीति को मजबूत करना भी है और हमारे खुले में शौच करने से होने वाले नुकसान से सभी लोगों को आगाह करना भी है। घर से बाहर खुले में शौच जाने के कारण महिलाओं के यौन शोषण में आई वृद्धि को समाप्त करना और शौच से उन्हें फैलने वाली अस्वछता से होने होने वाले संक्रमणों से बचाव के उद्देश्यों से विश्व स्तर पर वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाया जाता है।

जाने क्या है इस साल वर्ल्ड टॉयलेट डे की थीम

इस साल वर्ल्ड टॉयलेट डे की थीम “स्वच्छता और भूजल” है यह विषय भूजल पर स्वच्छता संकट के प्रभाव पर केंद्रित है साथ ही साथ इस साल का अभियान है ‘अदृश्य को दृश्यमान बनाना‘ जो अपर्याप्त स्वच्छता प्रणाली के चलते मानव अपशिष्ट के नदियों, झीलों और मिट्टी में फैलने से भूमिगत जल संसाधनों के प्रदूषित होने पर केन्द्रित हैं। अगर हम पिछले साल की बात करें तो पिछली साल वर्ल्ड टॉयलेट डे की थीम “शौचालयों का महत्व” रखी गई थी। इस अभियान को चलाने का मकसद दुनिया के कई हिस्सों में शौचालयों की जरूरत को नजरअंदाज करने तथा इससे स्वास्थ्य, अर्थशास्त्र और पर्यावरण पर होने वाले विनाशकारी परिणामों को रेखांकित करना हैं।

जाने वर्ल्ड टॉयलेट डे का महत्व

आज के समय पर न सिर्फ भारत में अपितु पूरी दुनिया में स्वच्छता पर काफी जोर दिया जा रहा है, जिसका सीधा संबंध टॉयलेट डे से है। इसके होने से स्वच्छता और निजता दोनों का अभाव नहीं होता है। WHO/UNICEF संयुक्त निगरानी कार्यक्रम की रिपोर्ट के अनुसार आज भी लगभग 360 करोड़ लोग टॉयलेट से वंचित है। ऐसे में इस पर सरकार को और ज्यादा तेजी से काम करना चाहिए। जिससे की साल 2030 तक सभी के लिए शौचालय सुनिश्चित हो सकें।

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