World Samosa Day: वर्ल्ड समोसा डे 2025, कैसे बना समोसा भारत का नंबर-1 स्ट्रीट फूड?
World Samosa Day, भारतीय खानपान की पहचान बनने वाले समोसे का नाम सुनते ही हर किसी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।
World Samosa Day : 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है World Samosa Day? पूरी डिटेल्स जानें
World Samosa Day, भारतीय खानपान की पहचान बनने वाले समोसे का नाम सुनते ही हर किसी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। तली-भुनी कुरकुरी परत और मसालेदार आलू, मटर या कीमा भरावन वाला यह स्नैक न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में बेहद लोकप्रिय है। यही वजह है कि हर साल 5 सितंबर को ‘वर्ल्ड समोसा डे (World Samosa Day)’ मनाया जाता है। यह दिन इस खास डिश को समर्पित है, जिसने हर वर्ग और हर देश के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है।
समोसे का इतिहास
समोसे की लोकप्रियता भले ही भारत में सबसे ज्यादा है, लेकिन इसका इतिहास भारत से नहीं जुड़ा। माना जाता है कि समोसा सबसे पहले मध्य एशिया और मध्य-पूर्व से भारत आया। 10वीं शताब्दी में समोसे का जिक्र अरबी और फारसी लेखों में मिलता है। वहां इसे ‘संबूसा’ कहा जाता था। धीरे-धीरे यह भारत पहुंचा और यहां की मसालेदार भरावन और देसी तड़के के साथ नया स्वाद और पहचान पा गया। आज समोसा भारतीय स्ट्रीट फूड का बादशाह है।
समोसे की लोकप्रियता
समोसे की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह लगभग हर राज्य और हर गली-नुक्कड़ पर आसानी से उपलब्ध है। चाहे रेलवे स्टेशन हो, कॉलेज कैंटीन हो या फिर किसी शादी का फंक्शन समोसे के बिना कोई भी जलसा अधूरा लगता है। आलू के समोसे के अलावा अब पनीर, नूडल्स, चीज़, मिक्स वेज और यहां तक कि चॉकलेट समोसा भी लोगों की पसंद में शामिल हो गए हैं।
वर्ल्ड समोसा डे क्यों खास है?
‘वर्ल्ड समोसा डे’ का मकसद सिर्फ इस डिश के स्वाद का जश्न मनाना नहीं है, बल्कि यह दिन हमें भारतीय खानपान की विविधता और उसकी वैश्विक पहचान का एहसास भी कराता है। इस दिन कई देशों में फूड फेस्टिवल आयोजित किए जाते हैं, जहां अलग-अलग फ्लेवर और स्टाइल के समोसे पेश किए जाते हैं। सोशल मीडिया पर भी #WorldSamosaDay ट्रेंड करता है और लोग अपने फेवरेट समोसा रेसिपी और तस्वीरें शेयर करते हैं।
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स्वाद के साथ सेहत भी
अक्सर लोग समोसे को सिर्फ एक तैलीय स्नैक मानते हैं, लेकिन अगर इसे हेल्दी तरीके से बनाया जाए तो यह पौष्टिक भी हो सकता है। उदाहरण के लिए बेक्ड समोसा या एयर फ्राइड समोसा। इसके अलावा, समोसे में डाले गए आलू, मटर और मसाले कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और विटामिन का अच्छा स्रोत होते हैं। बस ध्यान रखने की जरूरत है कि इसे सीमित मात्रा में खाया जाए।
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समोसा और भारतीय संस्कृति
भारत में समोसा सिर्फ खाने की चीज़ नहीं है, बल्कि लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। बारिश के मौसम में गरमा-गरम चाय और समोसे का कॉम्बिनेशन हर भारतीय को लुभाता है। त्योहारों और खास मौकों पर भी समोसा सर्व किया जाता है। यहां तक कि दोस्ती और मेलजोल बढ़ाने में भी समोसा अहम भूमिका निभाता है कहावत है कि “समोसे और चाय पर हर चर्चा पक्की हो जाती है।” ‘वर्ल्ड समोसा डे’ हमें यह याद दिलाता है कि यह साधारण दिखने वाला स्नैक कितनी गहरी सांस्कृतिक और सामाजिक महत्ता रखता है। यह सिर्फ एक खाने की चीज नहीं बल्कि लोगों को जोड़ने का माध्यम है। चाहे आप कहीं भी हों, समोसे का स्वाद हमेशा दिल को खुश कर देता है। इसलिए 5 सितंबर को जब वर्ल्ड समोसा डे आए, तो एक समोसे का मजा जरूर लें और इस स्वादिष्ट विरासत का हिस्सा बनें।
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