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World Homeless Day: वर्ल्ड होमलेस डे 2025, बेघर लोगों के लिए आश्रय और सम्मान की पुकार

World Homeless Day, हर साल 10 अक्टूबर को दुनिया भर में वर्ल्ड होमलेस डे (World Homeless Day) मनाया जाता है।

World Homeless Day : वर्ल्ड होमलेस डे, जब सड़कें बन जाती हैं किसी का घर

World Homeless Day, हर साल 10 अक्टूबर को दुनिया भर में वर्ल्ड होमलेस डे (World Homeless Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य है बेघर लोगों (Homeless People) के प्रति जागरूकता फैलाना, उनके अधिकारों की रक्षा करना और समाज में उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर प्रदान करना। बेघर होना केवल एक सामाजिक समस्या नहीं बल्कि मानवीय संकट है, जो गरीबी, बेरोजगारी, युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं और सामाजिक असमानता जैसी परिस्थितियों से पैदा होती है।

वर्ल्ड होमलेस डे का इतिहास

वर्ल्ड होमलेस डे की शुरुआत वर्ष 2010 में हुई थी। यह विचार ऑस्ट्रेलिया के एक सामाजिक कार्यकर्ता Mark Horvath और उनकी टीम द्वारा शुरू किया गया था। इस आंदोलन की शुरुआत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए हुई, जहाँ दुनिया भर के लोगों को बेघरता (Homelessness) पर चर्चा और समाधान खोजने के लिए एक साथ जोड़ा गया। पहला वर्ल्ड होमलेस डे 10 अक्टूबर 2010 को मनाया गया, और तभी से यह दिन हर साल विश्व स्तर पर मनाया जा रहा है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को यह याद दिलाना है कि हर इंसान को छत और सुरक्षा का अधिकार है।

बेघरता क्या है?

बेघरता का अर्थ है — वह स्थिति जब कोई व्यक्ति या परिवार स्थायी आवास से वंचित होता है। ऐसे लोग सड़कों, रेलवे स्टेशनों, झुग्गियों, अस्थायी शरण स्थलों या खुले स्थानों में रहने को मजबूर होते हैं। बेघर लोग अक्सर सामाजिक, आर्थिक और मानसिक रूप से कमजोर होते हैं। उनके पास न तो सुरक्षित घर होता है और न ही जरूरी स्वास्थ्य या शिक्षा की सुविधा।

बेघर होने के प्रमुख कारण

गरीबी (Poverty): आर्थिक असमानता और बेरोजगारी सबसे बड़ा कारण है।

प्राकृतिक आपदाएं: बाढ़, भूकंप, तूफान या सूखे के कारण हजारों लोग घर खो देते हैं।

युद्ध और विस्थापन: संघर्षग्रस्त देशों में लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर होते हैं।

परिवारिक समस्याएं: घरेलू हिंसा, तलाक या परिवारिक विवाद भी लोगों को घर से बेघर बना देते हैं।

मानसिक बीमारियां और नशे की लत: मानसिक अस्थिरता या ड्रग्स के कारण कई लोग समाज से कट जाते हैं और बेघर जीवन जीते हैं।

महिलाओं और बच्चों की असुरक्षा: घरेलू हिंसा झेलने वाली कई महिलाएं अपने बच्चों के साथ घर छोड़ने को मजबूर होती हैं।

दुनिया में बेघर लोगों की स्थिति

संयुक्त राष्ट्र (UN) की रिपोर्ट के अनुसार —

दुनिया भर में 15 करोड़ से अधिक लोग बेघर हैं।

लगभग 1.6 अरब लोग ऐसे हैं जिनके पास स्थायी या सुरक्षित घर नहीं है।

अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका जैसे विकासशील क्षेत्रों में बेघरता की समस्या सबसे अधिक है।

भारत में भी बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर रहते हैं। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) के अनुसार, भारत में लगभग 18 लाख से ज्यादा लोग बेघर हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

भारत में बेघरता के समाधान के लिए प्रयास

भारत सरकार और कई गैर-सरकारी संगठन (NGOs) इस दिशा में काम कर रहे हैं।

दीनदयाल अंत्योदय योजना (DAY-NULM): इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में बेघर लोगों के लिए रैन बसेरे (Shelter Homes) बनाए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY): इस योजना के जरिए गरीब और बेघर लोगों को पक्का घर देने का लक्ष्य रखा गया है।

NGOs और समाजसेवी संस्थाएं: Shelter Associates, Uday Foundation, Smile India Trust जैसी संस्थाएं रोजाना सड़कों पर रहने वाले लोगों की मदद करती हैं।

वर्ल्ड होमलेस डे मनाने का उद्देश्य

इस दिन का मुख्य उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाना है।

लोगों में संवेदनशीलता बढ़ाना: ताकि वे बेघर लोगों को तिरस्कार से नहीं, बल्कि करुणा से देखें।

सरकारों को सक्रिय करना: ताकि हर नागरिक के लिए आवास और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

समाज को प्रेरित करना: कि वे सामूहिक रूप से दान, आश्रय और रोजगार जैसी सुविधाओं में सहयोग दें।

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हम क्या कर सकते हैं?

दान और सहयोग करें: पुराने कपड़े, कंबल या भोजन जरूरतमंदों को दें।

NGO से जुड़ें: बेघर लोगों की मदद करने वाले संगठनों से स्वयंसेवक बनें।

शिक्षा और रोजगार: किसी बेघर व्यक्ति या बच्चे को शिक्षा दिलाने या रोजगार से जोड़ने की कोशिश करें।

सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाएं: #WorldHomelessDay जैसे हैशटैग के जरिए लोगों को इस विषय से जोड़ें।

मानवीय व्यवहार अपनाएं: सड़कों पर रहने वाले लोगों से सम्मानपूर्वक बात करें, उन्हें इंसान समझें, समस्या नहीं।

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वर्ल्ड होमलेस डे का संदेश

यह दिन हमें यह सिखाता है कि इंसान की असली पहचान उसके घर या कपड़ों से नहीं, बल्कि उसकी मानवता से होती है। कोई भी व्यक्ति बेघर बनना नहीं चाहता, बल्कि परिस्थितियाँ उसे ऐसा बनने पर मजबूर कर देती हैं। अगर हम सब मिलकर थोड़ी सी संवेदना दिखाएं, तो कई लोगों का जीवन बदल सकता है। वर्ल्ड होमलेस डे एक ऐसा अवसर है जब हमें समाज के उस हिस्से की ओर देखना चाहिए जो अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। बेघर लोग भी हमारी तरह सपने देखते हैं, जीना चाहते हैं, और सम्मान की उम्मीद रखते हैं।

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