दोस्तों से ज्यादा क्यों है ‘ख़ास दोस्त’ की अहमियत
दोस्त और ख़ास दोस्तों में क्यों होता है इतना फर्क ?
ख़ास दोस्त से आपको लग रहा होगा की हम गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के अहमियत की बात करंगे लेकिन ऐसा हर ख़ास रिश्ता गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड में ही नहीं होता बल्कि खास दोस्तों के साथ भी होता है. दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो दो लोगो को एक दसरे से कनेक्ट करता है लेकिन ख़ास दोस्त वो है जिनके साथ हमारा रिश्ता वक़्त के साथ ओर भी गहरा हो जाता है.
आपके दोस्त कही भी बन सकते है जैसे घर के आस-पास, स्कूल, कॉलेज, या ऑफिस. आप उनके साथ घूमते है, बाहर खाते है इसलिए दोस्त तो बहुत होते है लेकिन उनमें ख़ास दोस्त कोई एक ही होता है जिसके साथ आपका रिश्ता बहुत गहरा होता है. आप उसके साथ अपनी छोटी से बड़ी बात भी शेयर करते है. उसके साथ वो आप हर मोमेंट्स शेयर करते है जो आप और किसी के साथ शेयर नहीं करते है.
दोस्ती सिर्फ बराबर के उम्र वालो में ही नहीं होती, बल्कि किसी भी उम्र के लोगो के साथ हो सकती है चाहे वो उम्र में आपसे छोटे हो या उम्र से आपसे बड़े. दोस्ती के भी अपने एक उसूल होते है. दोस्ती में एक दूसरे को समझना बहुत ज़रूरी होता है, बात–बात पर सॉरी या थैंकयू कहने की जरूरत नहीं होती.
अपनी लाइफ में आप दोस्त तो बहुत सारे बनाते है, कुछ अच्छे भी बनते है कुछ बूरे भी लेकिन जो आपके ख़ास दोस्त होते है उनको हमेशा पकड़ कर रखे. कभी खोए ना क्यूंकि वैसे दोस्त आपको बार-बार नहीं मिलते है, कई बार होता है की हम एक दोस्त की बातो में आकर अपना दूसरा दोस्त खो बेठते है. आप लेकिन ये गलती कभी ना करे, अपने आस-पास देखे लोगो को पहचाने की कौन आपका अच्छा दोस्त है और कौन आपका ख़ास दोस्त. अब आप सोचंगे की ख़ास दोस्त को केसे पहचाने जो आपके ओर दोस्तों से हो अलग.
जाने ये ख़ास बाते जो आपके ख़ास दोस्त में होनी चाहिए?
- जो आपकी छोटी से बड़ी बातो को समझे
- जो आपको सही राय दे
- आपके अच्छे –बूरे वक्त में आपका साथ दे
- जिस पर आप बिना हिचक के भरोसा कर सके
- जो आपको अपने जरूरत पर याद ना करे
- वो दोस्त जो आपकी तरक्की से ना जले.
ख़ास दोस्तों में ये ख़ास बाते होनी चाहिए जो आपके और दोस्तों से अलग होनी चाहिए.