Ramdas Soren Death: झारखंड के नेता रामदास सोरेन का देहांत, नेताओं और जनता में दुख
Ramdas Soren Death, झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा, साक्षरता और निबंधन विभाग के मंत्री रामदास सोरेन का 15 अगस्त, 2025 की रात दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया।
Ramdas Soren Death : झारखंड से दुखद खबर, रामदास सोरेन का निधन
Ramdas Soren Death, झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा, साक्षरता और निबंधन विभाग के मंत्री रामदास सोरेन का 15 अगस्त, 2025 की रात दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रवक्ता कुणाल और उनके भतीजे विक्टर सोरेन ने इस दुखद खबर की पुष्टि की। रामदास सोरेन की अचानक मृत्यु से न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे राज्य की राजनीति और जनता में शोक का माहौल है।
गंभीर दुर्घटना के बाद अस्पताल में भर्ती
बताया जा रहा है कि 2 अगस्त को अपने घोड़ाबांधा स्थित पैतृक आवास में मंत्री रामदास सोरेन बाथरूम में गिर गए। गिरने का कारण ब्रेन हेमरेज था, जिससे उनकी स्थिति गंभीर हो गई। उन्हें तत्काल जमशेदपुर से दिल्ली के अपोलो अस्पताल में एयर एंबुलेंस के जरिए भर्ती कराया गया। 15 अगस्त तक उनके इलाज के दौरान उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ और शुक्रवार की रात उनके हार्ट में समस्या भी होने के कारण स्थिति और गंभीर हो गई, जिससे उनका निधन हो गया।
आखिरी सार्वजनिक कार्यक्रम: पौधारोपण
रामदास सोरेन ने अपनी अंतिम सार्वजनिक गतिविधि 1 अगस्त 2025 को की थी। उस दिन झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान रांची स्थित नव-निर्मित विधायक आवासीय परिसर में 76वें राज्यव्यापी वन महोत्सव के अंतर्गत आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने पौधारोपण करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश राज्यवासियों को दिया। सत्र के पहले दिन होने के बाद अगले दिन विधानसभा का सत्र होने के कारण वह देर रात अपने घोड़ाबांधा स्थित आवास लौटे। रांची से घर लौटते समय मंत्री रामदास सोरेन काफी खुशमिजाज थे, लेकिन अगले ही दिन ब्रेन हेमरेज की वजह से उनकी स्थिति गंभीर हो गई।
राजनीतिक करियर
रामदास सोरेन घाटशिला विधानसभा सीट से तीन बार विधायक निर्वाचित हुए। उनकी पहली जीत 2009 में झारखंड मुक्ति मोर्चा की टिकट पर हुई थी। उन्होंने उस समय कांग्रेस के नेता डॉ. प्रदीप कुमार बलमुचू को हराकर विधानसभा में अपनी पहचान बनाई। 2014 के विधानसभा चुनाव में वे भाजपा के लक्ष्मण टुडू से हार गए, लेकिन 2019 के चुनाव में जीतकर उन्होंने वापसी की। इस दौरान उन्हें उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग में मंत्री पद भी मिला। 2024 के विधानसभा चुनाव में रामदास सोरेन ने तीसरी बार जीत हासिल की और इस बार उन्हें स्कूली शिक्षा, साक्षरता और निबंधन विभाग का जिम्मा मिला।
पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के पुत्र को दी करारी शिकस्त
Ramdas Soren ने 2024 के विधानसभा चुनाव में घाटशिला सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को करारी शिकस्त दी। चम्पाई सोरेन कभी रामदास के अच्छे मित्र रहे, लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने अपने पुत्र को चुनाव में उतारा। इस चुनाव में रामदास सोरेन को 98,356 वोट मिले, जबकि बाबूलाल सोरेन को 75,910 वोट मिले। इस प्रकार 22,446 वोटों के अंतर से बाबूलाल की हार हुई। यह जीत रामदास सोरेन की राजनीतिक मजबूती और स्थानीय जनता में उनकी लोकप्रियता को दर्शाती है।

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व्यक्तित्व और योगदान
रामदास सोरेन न केवल एक कुशल नेता थे बल्कि अपने क्षेत्र और राज्य की सेवा में भी समर्पित रहे। उन्होंने शिक्षा, साक्षरता और निबंधन क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया। उनके कार्यकाल में शिक्षा और बच्चों के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया। उनका व्यवहार सरल, जमीन से जुड़ा और जनता के प्रति संवेदनशील था। वे न केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे राज्य की राजनीति में सक्रिय और प्रभावशाली भूमिका निभाते रहे।
शोक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
रामदास सोरेन के निधन पर झामुमो सहित अन्य राजनीतिक दलों और नेताओं ने दुख व्यक्त किया। उनकी असामयिक मृत्यु से राजनीति में एक खालीपन उत्पन्न हुआ है। उनकी याद में कई नेताओं ने सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्य के विभिन्न हिस्सों में उनके योगदान को याद करते हुए नेताओं और आम जनता ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनकी सेवा और कार्य हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे। रामदास सोरेन का निधन झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य और उनके क्षेत्रवासियों के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने शिक्षा, साक्षरता और समाज सेवा में जो योगदान दिया, वह सदैव याद किया जाएगा। उनकी व्यक्तिगत और राजनीतिक यात्रा यह सिखाती है कि ईमानदारी, मेहनत और जनता से जुड़ाव किसी भी नेता को लोकप्रिय और प्रभावशाली बना सकता है।
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