Plastic Side Effects: स्लो पॉइजन है प्लास्टिक बोतल का पानी, ज्यादा सेवन से हो सकती है ये बिमारियां
प्लास्टिक इन दिनों हमारे रोजमर्रा के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। प्लास्टिक बैग से लेकर बोतल तक लोग कई तरीकों से प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि प्लास्टिक बोतल का इस्तेमाल आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे आप कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं जो जानलेवा तक साबित हो सकता है।
Plastic Side Effects: प्लास्टिक बॉटल में पीते हैं पानी तो हो जाएं सतर्क, जानलेवा हो सकता है साबित
Plastic Side Effects:प्लास्टिक न सिर्फ हमारे पर्यावरण, बल्कि हमारी सेहत के लिए भी काफी हानिकारक होता है। एक शोध के अनुसार पानी की एक बोतल में क्वार्टर मिलियन प्लास्टिक के पार्टिकल होते हैं और इनमें से 10% माइक्रोप्लास्टिक और 90% नैनोप्लास्टिक होते हैं। माइक्रोप्लास्टिक मानव शरीर के कई सिस्टम जैसे डाइजेस्टिव, रेस्पिरेटरी, एंडोक्राइन, रिप्रोडक्टिव और इम्यून सिस्टम को प्रभावित करते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे प्लास्टिक की बोतल में पानी के कुछ खतरनाक नुकसानों के बारे में, जो आपके लिए जानलेवा तक साबित हो सकते हैं।
प्लास्टिक बॉटल क्यों नुकसानदायक
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्लास्टिक कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और क्लोराइड से बना होता है। इनमें से बीपीए प्लास्टिक की पानी की बोतलें बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे हानिकारक केमिकल्स में से एक है। जब पानी को लंबे समय तक हाई टेंपरेचर पर रखा जाता है तो इसका लेवल कई गुना तक बढ़ जाता है, जिससे सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है।
बांझपन, लिवर की बीमारियों का खतरा
प्लास्टिक बोतल के इस्तेमाल को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्लास्टिक की पानी की बोतल जब गर्मी के संपर्क में आता है तो पानी में माइक्रो प्लास्टिकछोड़ने लगता है। ये सूक्ष्म प्लास्टिक कण शरीर में कई तरह की समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। इसकी ज्यादा मात्रा हार्मोन असंतुलन, बांझपन और लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर
गर्मी के संपर्क में आने पर बोतल का प्लास्टिक एक केमिकल रिलीज करता है, जिसे डायोक्सिन कहते हैं। इस केमिकल की वजह से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ सकता है।
लो स्पर्म काउंट और इनफर्टिलिटी
इनफर्टिलिटी इन दिनों एक आम समस्या बन चुकी है। साथ ही लो स्पर्म काउंट भी कई पुरुषों के लिए परेशानी की वजह बना हुआ है। इसके लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं, लेकिन प्लास्टिक बोतल में मौजूद थैलेट भी इसके लिए जिम्मेदार होता है।
हार्मोनल असंतुलन
प्लास्टिक बोतल में मौजूद बीपीए (बाई फिनायल ए) हार्मोनल असंतुलन की वजह बन सकता है। बीपीए से हार्मोनल असंतुलन ट्रिगर हो सकता है, जिसके कारण प्यूबर्टी भी जल्दी आती है और डायबिटीज की समस्या हो सकती है।
कमजोर इम्युनिटी
प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने की आपकी इम्युनिटी भी कमजोर हो सकती है। दरअसल, इसमें मौजूद माइक्रोप्लास्टिक हमारे ब्लड सर्कुलेशन में आ जाने के कारण शरीर की इम्युनिटी कम कर देते हैं।
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