Parenting Tips for Raising Teenagers: अपने टीनएज बच्चों को कुछ ऐसे सिखाएं फैट शेमिंग और बॉडी शेमिंग से डील करना
Parenting Tips for Raising Teenagers: 4 तरीके जिससे आप अपने टीनएज बच्चे को सीखा सकते है फैट शेमिंग और बॉडी शेमिंग से डील करना
Highlights:
· टीनएज में हार्मोनल बदलाव के कारण बच्चे के शरीर में आने लगते है कई बदलाव
· कुछ इस तरह आप अपने बच्चों को सीखा सकते है फैट शेमिंग और बॉडी शेमिंग से डील करना
Parenting Tips for Raising Teenagers: टीनएज एक ऐसी उम्र होती है जब बच्चों में कई तरह के हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं और बच्चे इन बदलावों को देख और महसूस कर पाते है। फिर चाहे वो उनकी बॉडी की शेप में हो, हो फिर अनचाहे बाल, या फिर हो स्किन में हो रहे बदलाव, बच्चे सभी चीजों को अच्छे से नोट करते है। टीन्स और प्रीटीन्स वो उम्र होती है जब बच्चे सबसे ज्यादा अपने लुक्स पर ध्यान देने लगते है।
आज के सोशल मीडिया के दौर में बच्चे किशोरावस्था में कदम रखने के पहले ही कॉन्शियस हो जाते हैं। आज के समय पर बच्चे किशोरावस्था में पहुंचने से पहले ही अपनी बॉडी को लेकर सजग होने लगे है। यहां तक की 10 साल का बच्चा भी अपने लुक्स को नोटिस करने लगता है। ऐसे में जब बच्चे अपने लुक्स या फैट को एक्सेप्ट नहीं कर पा रहे होते हैं तो वही दूसरी तरफ परिवार के लोगों और दोस्तों से मिल रहे कमेंट उनके आत्मविश्वास को हिला कर रख देते है।
ऐसे में माता पिता का काम होता है कि वो अपने बच्चे को समझाएं और उन्हें फैट शेमिंग और बॉडी शेमिंग से डील करना सिखाए। तो चलिए जानते है इसके लिए पेरेंट्स क्या कर सकते है।
अपने बच्चे से बातें करें: लड़के हो या फिर लड़कियां दोनों में प्यूबर्टी की शुरुआत टीनएज के पहले प्री टीन सालों में ही शुरू हो जाती है और लड़कियों के शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते है। जिन्हे बच्चे समझते नहीं है लेकिन माता पिता को इस समय अपने बच्चों से बात करनी चाहिए और उन्हें ये समझना चाहिए कि ये बदलाव नैचुरल हैं और इसे सकारात्मक तरीके से देखना चाहिए। इस समय आपको बच्चों को समझना चाहिए कि इस समय पर वजन बढ़ना या फिर अनचाहे बालों का आना बिलकुल नैचुरल है ये सबके साथ होता है क्योंकि ये हमारी ग्रोथ का हिस्सा है।
हेल्दी लाइफस्टाइल: इस उम्र में आपको अपने बच्चों को एक हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए एंकरेज करना चाहिए। क्योंकि एक हेल्दी लाइफस्टाइल न सिर्फ हेल्दी बॉडी के लिए बल्कि पॉजिटिव माइंड के लिए भी बहुत जरूरी है।
इंटरनेट का बहुत ज्यादा एक्सपोज़र न करें: टीनएज की उम्र में आपको अपने बच्चों को बहुत ज्यादा इंटरनेट एक्सपोज़र नहीं करने देना चाहिए। अपने देखा होगा कि इस उम्र में बच्चे बहुत जल्दी किसी भी चीज की तरफ आकर्षित होने लगते है। इस उम्र में बॉलीवुड सेलेब्स और मॉडल्स की तस्वीरें उन्हें अपनी ओर आकर्षित करती है।
हालांकि वो तस्वीरें कैमरा एंगल, मेकअप, प्रॉपर लाइट और फैंसी कपड़ों के साथ क्लिक की होती है लेकिन बच्चे इस बात को समझ नहीं पाते और खुद भी उनकी तरह दिखने की कोशिश करते है।बच्चों की हर नेगेटिव बात का दे पॉजिटिव जवाब: आपको हमेशा अपने बच्चे को समझना चाहिए कि एक इंसान के तौर पर उनके लुक्स से कहीं ज्यादा अनमोल उनका दिल होता है। भले किसी व्यक्ति की सूरत अच्छी न हो लेकिन उसकी सीरत अच्छी होनी चाहिए।
अगर अपना बच्चा आपको कभी अपने किसी दोस्त की कमिया बताता है या फिर किसी भी बुराई करता है तो एक पेरेंट्स होने के नाते आपको उससे समझना चाहिए कि वो गलत है और किसी भी व्यक्ति की कमियां देखने से अच्छा है उसकी खूबियां देखे। आपको अपने बच्चे को समझना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता। कमियां सभी लोगों में होती है।
Conclusion: टीनएज एक ऐसी उम्र होती है जब बच्चों में कई तरह के हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं जिन्हे बच्चे एक्सेप्ट नहीं कर पाते है। और कई बार वो गलत रास्ते पर चले जाते है। या फिर अजीबो गरीब हरकत करने लगते है। कई बार तो बच्चों को अपने दोस्तों के बीच में बॉडी शेमिंग की समस्या भी झेलनी पड़ती है। इस लिए आपको हमेशा अपने बच्चे का ध्यान देना चाहिए और समय समय पर उससे अच्छी और बुरी बीचों से डील करना सीखना चाहिए।