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Parenting Tips: पैरेंट्स आपकी ये आदतें कर सकती हैं आपको अपने बच्चों से दूर, रहें सतर्क

Parenting Tips: पैरेंटिंग एक कला है जिसे समझना है हर पेरेंट्स के लिए जरूरी

Highlights –

  • माता-पिता अपने बच्चे की खुशियों  के लिए सब कुछ न्योछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
  • कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुई एक स्टडी के तहत 384 परिवारों पर अध्ययन किया गया, जहां पाया गया कि बड़े बच्चों को माता-पिता द्वारा ज्यादा ध्यान दिया जाता है, जबकि छोटे बच्चे में आत्मसम्मान की कमी पाई गई।

Parenting Tips : माता-पिता अपने बच्चे की खुशियों  के लिए सब कुछ न्योछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। लेकिन फिर भी कई बार दो बच्चों की आपस की बात  आपने सुनी होगी कि पापा छोटे बच्चे को ज्यादा प्यार करते हैं या बड़े को ज्यादा प्यार करते हैं। बच्चों को कई बार ऐसा महसूस होता है कि उनसे ज्यादा उनके भाई या बहन को उनके पैरेंट्स का प्यार मिल रहा है।

माता-पिता का प्यार दुनिया में सबसे ज्यादा सच्चा होता है। माता-पिता अपने बच्चे की खुशियों के लिए सब कुछ न्योछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

यहां तक कि कई बार सुनने में यह भी आता है कि पेरेंट्स हमेशा बड़े बच्चे की साइड लेते हैं और बात आती है छोटे बच्चे की, तो छोटे बच्चे की हर जिद को पूरा करते हैं।

अब सवाल आता है कि क्या माता-पिता भी अपने बच्चों में भेदभाव करते हैं? क्या माता पिता का प्यार भी बच्चों के लिए अलग-अलग होता है? पेरेंट्स होने के नाते आपके मन में भी इस तरह के सवाल आए ही होंगे। क्या सच में पेरेंट्स बच्चों में भेदभाव करते हैं या पेरेंट्स सारे बच्चों को एक सा प्यार करते हैं।

एक जैसा प्यार करना और अलग-अलग तरीकों से प्यार करने में अंतर होता है। कई बार बच्चे इस बात को नहीं समझ पाते। माता पिता का प्यार बच्चों के लिए बराबर होता है, लेकिन उसके तरीके अलग-अलग होते हैं जिसे कई बार बच्चे भेदभाव समझ लेते हैं। जैसे बड़े बच्चे के साथ माता-पिता कुछ गंभीर विषय पर बात कर सकते हैं, लेकिन छोटे बच्चों के साथ नहीं। ऐसे में छोटे बच्चे अपने आपको अलग-थलग महसूस करने लगते हैं।

माता-पिता अपने बच्चों को बेहद प्यार करते हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन कई बार माता-पिता यह नहीं समझ पाते कि किस बच्चे को किस तरह का प्यार चाहिए, जिसकी वजह से बच्चे ऐसा महसूस करने लगते हैं। माता-पिता को समझना चाहिए कि हर बच्चे को प्यार करने का तरीका अलग होता है। अपने बच्चों को अच्छी तरह समझकर बच्चों के मन की खटास को दूर किया जा सकता है।

ऐसा कहा जाता है कि छोटे बच्चों को ज्यादा प्यार किया जाता है। सामाजिक नियमों की तहत बड़े बच्चे को हमेशा जिम्मेदारियों का अहसास दिलाया जाता है। उन्हें किस तरह घर को संभालना है यह बचपन से सिखाया जाता है। वहीं छोटे बच्चों को छोटा समझ कर उनकी हर गलती को नजरअंदाज किया जाता है। इस सामाजिक व्यवहार की वजह से ही ऐसा माना जाता है कि छोटे बच्चों को ज्यादा प्यार किया जाता है।

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बड़े बच्चों को जिम्मेदारी का पाठ और छोटे बच्चों को प्यार दिया जाता है, वहीं बीच वाले बच्चे कहीं न कहीं अपने आपको अलग महसूस करते हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि उन्हें ना ही बड़े होने की जिम्मेदारी दी जाती है और ना छोटे होने का प्यार। ऐसे में बीच वाले बच्चे हमेशा अपने माता-पिता से कटा हुआ महसूस करते हैं। 1964 में अल्फ्रेड एडलर द्वारा प्रस्तुत किया गए सिद्धांत में भी मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम यानी बच्चे का अपने पेरेंट्स से कटा हुआ महसूस करने के बारे में बताया गया है।

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुई एक स्टडी के तहत 384 परिवारों पर अध्ययन किया गया, जहां पाया गया कि बड़े बच्चों को माता-पिता द्वारा ज्यादा ध्यान दिया जाता है, जबकि छोटे बच्चे में आत्मसम्मान की कमी पाई गई।

वैसे तो कहा जाता है कि माता-पिता के लिए सभी बच्चे समान होते हैं, लेकिन अमेरिका के विश्वविद्यालय में मनोचिकित्सा और बाल रोग की एक सहयोगी प्रोफेसर ने बीबीसी को बताया और रिसर्च का हवाला देते हुए कहा कि कुछ ऐसी महिलाएं होती हैं जो अपने बच्चों में पक्षपात दिखाती हैं। जो बच्चे महत्वाकांक्षी होते हैं और परिवार के साथ ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं, उन्हें माएं ज्यादा पसंद करती हैं।

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