बाहरी सुंदरता नहीं, आपको चाहिए हुनर कुछ बनने के लिए
हुनर की कद्र करे
हम एक ऐसी दुनिया में जी रहे है जहाँ अच्छी शक्ल और सुन्दर रंग रूप को किसी भी काम के लिए काफी माना जाता है। अब लोगों को कौन समझाए की हर काम शक्ल से नहीं पर अक्ल से होता है। अब किसी भी काम को करने के लिए किसी व्यक्ति को वो काम आने भी चाहिए और उसे उस कम का हुनर हो। अगर सुंदरता ही हर चीज़ के लिए महत्वपूर्ण होता तो शायद आज कल हर कोई प्लास्टिक सर्जरी करवा रहा होता या पारलर में घंटों बिता रहा होता।
फिल्मों की बात करी जाए तो उसके लिए सुन्दर होना महत्वपूर्ण है। पर यहाँ भी सिर्फ सुंदरता काम नहीं आती। आपकी सुन्दर शक्ल के अलावा आपको अच्छी एक्टिंग भी आनी चाहिए। अब अगर किसी व्यक्ति को एक्टिंग आती ही नहीं होगी तो वो भला एक्टर कैसे बन सकता है। कोई भी व्यक्ति अपना पैसा किसी ऐसे पर नहीं लगाएगा जिसको कोई काम ही ना आता हो।
यहाँ पढ़ें : भाव व्यक्त करने के लिए कला की ज़रूरत
आज की तारीख में हर कोई सफल होना चाहता है। हर कोई चाहता है की उसे कुछ समय में बहुत नाम और शौहरत मिल जाए। पर ये तो मुमकिन नहीं है। कुछ पाने के लिए आपको बहुत मेहनत करनी होती है। इतनी मेहनत की आप ऐड़ी चोटी का जोर लगा कर, ज़मीन आसमान एक कर दे। तब जाकर मिलती है सफलता। पर इस सफर में आप कई बार गिरते है, ठोकर भी खाते है और रास्ता भी भटक जाते है। आपको बस करना ये है कि बिना हार माने वापिस उठ कर अपनी मंज़िल की तरफ बढ़ना है।
अपनी मंज़िल पहचानने के लिए, सबसे पहले खुद की पसंद और अपने रुझान को समझे। अपने हुनर को पहचाने। एक बार आप अपने हुनर को पहचान गए, आपका सफर वही से शुरू हो जाता है। आपका चेहरा या आपका रंग आपको कहीं नहीं ले कर जाएगा। वो सिर्फ और सिर्फ आपका हुनर और आपका जज़्बा होता है जो आपको आपकी मंज़िल तक पहुँचाता है।
तो क्या हुआ अगर आप एक दो बार हार गए, जीत फिर भी आपकी होगी। बस याद रखे की आपका हुनर ही आपकी पहचान है। मेहनत बहुत करनी होगी, तभी बात आगे बढ़ेगी वरना आपका हुनर भी आपके किसी काम नहीं आएगा। हर हार से कुछ सीखना होगा और हर जीत की चका चौंध से खुद को बचाना होगा। ये कामयाबी का सफर थोड़ा मुश्किल ज़रूर है, पर यहाँ चेहरे मुरझा जाएंगे और बचेगी तो बस आपका काम और आपका हुनर।