Navratri 2021: आज है शारदीय नवरात्रि का पांचवा दिन, मां स्कंदमाता की ऐसे करे पूजा अर्चना
Navratri 2021: जाने क्यों इस बार मां स्कंदमाता की पूजा 3 बजे से पहले सम्पन्न करें
Navratri 2021: आज है शारदीय नवरात्रि का पांचवा दिन और आज की जाती है मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना। आपको बता दें कि इस बार शारदीय नवरात्रि में एक दिन घट रहा है इसलिए इस बार नवरात्रि नौ दिन नहीं बल्कि 8 दिन रहेंगे। यानि इस बार दो नवरात्रि एक ही दिन आ रही है। आज यानि 11 अक्टूबर को पंचमी नवरात्रि केवल दोपहर 3 बजकर 4 मिनट तक ही रहेगा। इसलिए सभी लोगों को पांचवें नवरात्रि की पूजा 3 बजे से पहले ही सम्पन्न कर लेनी चाहिए। पांचवें नवरात्रि को मां स्कंदमाता की अराधना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार मां अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन्हें यश, बल, धन के साथ संतान सुख की प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं। तो चलिए आज हम आपको शारदीय नवरात्रि के पांचवा दिन पर मां स्कंदमाता के पूजा अर्चना के बारे में बताते हैं।
माँ स्कंदमाता को भगवान कार्तिकय की माँ के रूप में पूजा जाता है
आपको बता दें कि मां स्कंदमाता का ये स्वरूप अत्यंत निराला है। मां स्कंदमाता की चार भुजाएं होती है। आपको बता दें कि मां स्कंदमाता की दो भुजाओं में कमल के फूल होते हैं और एक भुजा से मां अपने भक्तों को आशीर्वाद दे रही होती हैं जबकि चौथी भुजा से पुत्र स्कंद को गोद में लिया हुआ होता है। मां स्कंदमाता की सवारी शेर है आपको बता दें कि मान्यताओं के अनुसार पुत्र कार्तिकय यानि स्कंद की मां होने ही वजह से ही इनकी मां स्कंदमाता है यानि मां स्कंदमाता को भगवान कार्तिकय की मां के रूप में पूजा जाता है।
जाने माँ स्कंदमाता की पूजा विधि
आपको बता दें कि मां स्कंदमाता को पीला व सफेद रंग बहुत ज्यादा पसंद होता है। मान्यताओं के अनुसार अगर आप पीला व सफेद रंग के कपड़े पहन कर मां स्कंदमाता की पूजा करते है तो इससे मां बहुत ज्यादा प्रसन्न होती हैं। आपको इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान करके साफ कपड़े पहन कर और मंदिर में मां की तस्वीर के सामने दीपक जलाना चाहिए। उसके बाद आपको अग्यारी करनी चाहिए और उसके बाद उसमें लौंग का जोड़ा, कपूर, घी चढाना चाहिए। बता दें कि नवरात्रि में पूजा के दौरान आपको दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अच्छा माना जाता है। उसके बाद आपको मां की आरती करनी चाहिए और मां को भोग लगाना चाहिए। भोग के दौरान आप मां को केले या दूध की खीर का भोग लगा सकते हैं।
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माँ स्कंदमाता की पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इतना ही नहीं मान्यता है कि जो भी भक्त संतान सुख के लिए पूरे विधि विधान से मां की पूजा करता है तो उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं इसके साथ ही यश, बल और धन में भी वृद्धि होती है।
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