जानिए के क्यों मल्टीटास्किंग हो सकती आपके लिए गलत
मल्टीटास्किंग : सही या गलत
मल्टीटास्किंग एक ऐसी चीज़ है जो हमारी दिनचर्या और जीवनशैली का हिस्सा बन चूका है। वो इसलिए क्योंकि हमारे पास समय कम होता है और काम ज़्यादा। और समय बचाने के लिए भी लोग बहुकार्य करते हैं। उदाहरण तहत – खाना बनाते या खाते हुए फोन का प्रयोग करना या ऑफिस का काम करना, कहीं चलते हुए मैसेज करना या ऑफिस में मीटिंग के दौरान ईमेल चेक करना, यह सभी उदाहरण बहुकार्य दर्शाते हैं।
अचंभे की बात नहीं होगी अगर आप कुछ और काम करते हुए यह आर्टिकल पढ़ रहे हो तो। यह अब आपके और हमारे व्यवहार में आ चुका है। जानते है कि क्या मल्टीटास्किंग हमारे लिए सही है या गलत है :-
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- मल्टीटास्किंग करने से हम थोड़े समय में ज्यादा काम कर सकते हैं। हम इस क्रिया से सीखते हैं कि कैसे अपने समय का प्रयोग किया जाए।
- मल्टीटास्किंग करने से हम ज्यादा बोर नहीं होते और बचे हुए समय को सही ढंग से प्रयोग में ला सकते हैं।
- एक समय में ज्यादा काम करने से, हम सभी कामों पर सही ढंग से ध्यान नहीं लगा पाते, जिसकी वजह से हम कुछ न कुछ गलती कर देते हैं।
- आपका जितना समय मल्टीटास्किंग करने से बचता है, उतनी ही संभावना समय बेकार जाने की भी होती है।
- आप एक समय में ज्यादा काम तो कर लेते हैं पर, हर काम में कुछ न कुछ गलती हो जाती है और वह काम बहुत ही बढ़िया ढंग से नहीं हुआ होता।
देखा जाए तो हर चीज की तरह मल्टीटास्किंग के भी फायदे और नुकसान है, पर जितने के फायदे हैं उतने ही इसके नुकसान है। गौर से देखा जाए तो नुकसान थोड़े ज्यादा है। इसका असर हमारे काम और हम पर पड़ता है। मल्टीटास्किंग करने से लोगों में तनाव बढ़ जाता है और वह ज्यादा व्याकुल रहते है। वह थोड़े समय में ज्यादा काम तो कर लेते हैं, पर उस काम में अपना पूरा नहीं दे पाते। उनको एक काम के बाद दूसरा काम होता है जिसके कारण उनके पास अपने लिए समय नहीं बचता और सारा समय काम में ही निकल जाता है। और जब काम में कोई गलती हो जाए तब तनाव और परेशानी बढ़ जाती है।
हर काम को करने के लिए एक व्यक्ति को शांत दिमाग से सोचना पड़ता है। बहुकर्य करने में दिमाग शांत नहीं होता। इसलिए हम ना तो ढंग से सोच पाते है और ना ही अपना काम अपनी पूरी क्षमता से कर पाते है। तभी, मल्टीटास्किंग हमारे लिए गलत है।