शादी के बाद पहला करवाचौथ क्यों होता है हर लड़की के लिए खास, यहाँ जानें
जानिए क्या है करवाचौथ की कथा और कैसे मनायें पहला करवाचौथ
शादी के बाद सुहागनों को लिए हर व्रत और त्योहार खास होता है। उसी में से एक बहुत खास व्रत है करवाचौथ का व्रत। ये व्रत औरतें अपने पति की लम्बी उम्र की कामना के लिए रखती है। नवविवाहित औरतों के लिए ये व्रत काफी अहम होता है। वैसे तो काफी लड़कियाँ शादी के पहले भी व्रत रखती है लेकिन शादी के बाद पहला करवाचौथ व्रत काफी खास होता है। औरतें इस दिन सबसे खूबसूरत और खास दिखना चाहती हैं। जिनका पहला करवा चौथ होता है वे दुल्हन की तरह तैयार होती हैं। लाल रंग का जोड़ा शगुन के तौर पर माना जाता है। इसके अलावा कई और रंग हैं जो इस दिन पहने जाते हैं। जिनका पहला करवा चौथ है उन्हें कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्यों होता है सुहागनों के लिए पहला करवाचौथ खास?
लड़की के साथ साथ उसके ससुराल वालो के लिए भी करवाचौथ स्पेशल होता है। सुबह सरगी के साथ दिन की शुरुआत होती है। उसके बाद पूरे दिन तरह-तरह के व्यंजन बनते हैं और मिठाईयां भी बनती है। दूध और फेनी की मिठाई सब से खासतौर से बनाई जाती है। दुल्हन की तरह ही नवविवाहिता तैयार होती हैं। ससुराल वाले अपनी बहू को कुछ खास चीजें देती हैं जैसे जोड़ा और गहने। लेकिन कई लोगों में उनके माइके से जोड़े और तोहफों आने का रिवाज भी होता है।
शाम को स्त्रियां पूजा करके चंद्रमा को अर्क देकर अपने पति की पूजा करती हैं और उनके हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं।
व्रत की कथा:
वैसे तो काफी कहानियां है जो करवाचौथ व्रत के समय सुनी जाती है। जो सबसे प्रसिद्ध कहानी है वो है सावित्री और यमराज की कहानी। दरसअल, सावित्री ने यमराज से अपने पति के प्राणों की भीख मांगी थी औरकुछ खाए पिए वो सारा दिन तपस्या करती थी ताकि वो उनके पति को वापस लाये ।सावित्री से हार मान कर यमराज ने उनके पति को वापस कर दिया था, इसलिए करवाचौथ मनाते है और यही वजह है की इस दिन औरतें भूखी और प्यासी रहती है।
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क्यों पूजते है चाँद को ?
करवाचौथ में चंद्र को अर्क देने के बाद ही औरतें कुछ खा और पी सकती है। अब ऐसे में आप सोच रहे होंगे की चांद की पूजा क्यों की जाती है ? तो लंका कांड में एक कथा है जब भगवान राम समु्द्र पार करके लंका पहुंचे तो उन्होने चांद पर पड़ने वाली छाया के बारे में बताया कि विष और चंद्रमा दोनों ही समुद्र मंथन से निकले थे जिस कारण से चंद्रमा विष को अपना भाई मानते है इस कारण से विष को अपने ह्रदय में स्थान दे रखा है। इसी कारण से करवा चौथ के दिन महिलाएं चांद की पूजा करती हैं और पति से दूर न रहने की कामना करती हैं।
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