Jose rizal biography: जोसे रिज़ाल की कहानी, कलम से लड़ी गई एक क्रांति
Jose rizal biography, José Protasio Rizal Mercado y Alonso Realonda का जन्म 19 जून 1861 को फिलिपींस के कैलम्बा, लैगुना में हुआ था। वे आठ भाई-बहनों में सातवें थे।
Jose rizal biography : कलम का सिपाही, जोसे रिज़ाल की प्रेरणादायक जीवन यात्रा
Jose rizal biography, José Protasio Rizal Mercado y Alonso Realonda का जन्म 19 जून 1861 को फिलिपींस के कैलम्बा, लैगुना में हुआ था। वे आठ भाई-बहनों में सातवें थे। उनका परिवार सामान्यतः सम्पन्न किसान वर्ग से था, जिसमें चीनी, स्पैनिश और टैगालोग नस्लों का मिश्रण था। उनकी माता Teodora Alonso Realonda एक शिक्षित और सशक्त महिला थीं, जिन्होंने José को बचपन में ही अल्फाबेट पढ़ाया और उसकी बुद्धिमत्ता का विकास किया।
शिक्षा और बहुमुखी प्रतिभा
Rizal ने अपनी शुरुआती शिक्षा बिनान और फिर मनीला के Ateneo Municipal de Manila में ली, जहां उन्होंने बाचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री उच्चतम श्रेणी में प्राप्त की (1877 में)। इसके बाद वे University of Santo Tomas में अध्ययन करने लगे, लेकिन वहां उन्हें रंगभेदी और दमनकारी माहौल का सामना करना पड़ा, जिससे उन्होंने स्पेन जाकर पढ़ाई जारी रखने का निर्णय लिया।
1882 में उन्होंने Madrid विश्वविद्यालय में शामिल होकर मेडिसिन और फिलॉसफी एंड लेटर्स दोनों विषयों में अध्ययन किया। 1884 में उन्हें मेडिसिन में “Licentiate” की उपाधि मिली, जबकि 1885 में उन्होंने फ़िलॉसफ़ी में “Licence” की डिग्री हासिल की। उन्होंने बाद में पेरिस और हेडलबर्ग में नेत्ररोग विशेषज्ञता भी प्राप्त की, क्योंकि उनकी माँ की दृष्टि खराब हो गई थी और वे उन्हें ठीक करना चाहते थे। Rizal बहुभाषाविद्, कवि, चित्रकार, मूर्तिकार, शिक्षक और वैज्ञानिक भी थे। वे लगभग 22 भाषाओं में पारंगत थे और अलग‑अलग क्षेत्रों में उज्जवल योगदान दिया ।
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लेखन कार्य और प्रचार आंदोलन
Rizal की दो प्रमुख उपन्यासें‘Noli Me Tangere’ (1887) और ‘El Filibusterismo’ (1891)ने फिलिपींस में स्पेनिश शासन की बुराइयों और साहित्यिक रूप से धार्मिक संस्थाओं की कठोरताओं की आलोचना की। ये उपन्यास फिलिपीनों में राष्ट्रीय चेतना जगाने का प्रमुख माध्यम बने और स्पेनिश अधिकारियों ने इन्हें प्रतिबंधित कर दिया। स्पेन में रहते हुए वे Propaganda Movement से जुड़े और केन्द्रीय समाचारपत्र La Solidaridad में लेख लिख कर सुधारवादी विचारों को बढ़ावा दिया। उन्होंने स्पेनिश शासन से फिलिपींस की प्रतिनिधित्व, प्रेस स्वतंत्रता, कानूनी समानता, और धार्मिक सुधार की मांग उठाई लेकिन अहिंसात्मक तरीके से।
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Liga Filipina और निर्वासन
1892 में फिलिपींस लौटने पर, उन्होंने Liga Filipina की स्थापना की, जिसका उद्देश्य नागरिक सुधार, शिक्षा, कृषि, और व्यापार को बढ़ावा देना था। हालांकि यह संस्था विरल समय तक चली, क्योंकि साधारण सुधारवादी होने के बावजूद, स्पेनिश शासन ने उन्हें तीन दिन बाद गिरफ्तार कर लिया और मिन्डानाओ के Dapitan द्वीप पर निर्वासित कर दिया। वहाँ उन्होंने अपनी चिकित्सकीय सेवा जारी रखी, स्कूल और जलयुक्ति प्रणाली बनाई, और समाज सुधार में सक्रिय रहे।
गिरफ्तारी, मुकदमा और मृत्यु
1896 में, फिलिपीन क्रांतिकारी संगठन Katipunan ने विद्रोह शुरू किया। यद्यपि Rizal का व्यवसायिक द्वार हिंसा विरोधी और अहिंसात्मक था और उनका संघटन Katipunan से नहीं था, फिर भी उन्हें विद्रोह के आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया। सैन्य अदालत ने उन्हें द्रोह और एक्सट्राजुडिशल कार्यों के आरोप में दोषी पाया और 30 दिसंबर 1896 को Bagumbayan (अब Rizal Park), मनीला में उन्हें फाँसी दे दी गई। उनकी मृत्यु ने फिलिपीनों में स्वतंत्रता की भावना को और मजबूती दी और उन्हें राष्ट्रीय नायक के रूप में याद किया जाने लगा।
विरासत और प्रभाव
Rizal को फिलिपीन का राष्ट्र‑नायक माना जाता है। उनकी मृत्यु का हर साल 30 दिसंबर को Rizal Day के रूप में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा मनाया जाता है, उनके साहित्य, तात्विक विचार और मॉडल‑नॉन‑वायलेंट आंदोलन आज भी असंख्य व्यक्तियों और आंदोलनों को प्रेरित करता है। उनकी पांडित्य, बहुमुखी प्रतिभा और देश‑प्रेम आज भी युवाओं में अनुकरणीय माना जाता है , José Rizal, एक डॉक्टर, लेखक, शहीद, और शांतिप्रिय विद्रोही, जिन्होंने अपने लेखन और सामाजिक दृष्टिकोण के माध्यम से राष्ट्र को स्वतंत्रता की राह दिखाई। उन्होंने जबरदस्त बहुमुखी प्रतिभा, नैतिक दृढ़ता, और देशभक्ति भाव दर्शाकर यह सिद्ध किया कि एक व्यक्ति भी पूरे समाज में जागृति ला सकता है। उनकी जीवनगाथा हमें यह सिखाती है कि शिक्षा, लेखन और अहिंसा के मार्ग का चयन करके भी बड़े बदलाव संभव हैं। उनका आदर्श आज भी याद दिलाता है: “देश प्रेम, मानवता, और न्याय”।
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