International Music Day: अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस 2025 क्यों है खास? जानें पूरी जानकारी
International Music Day, संगीत केवल एक कला नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी सार्वभौमिक भाषा है जो दिलों को जोड़ती है, सीमाओं को मिटाती है और जीवन में समरसता लाती है।

International Music Day : संगीत का जादू, अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस पर मनाएं धुनों का उत्सव
International Music Day, संगीत केवल एक कला नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी सार्वभौमिक भाषा है जो दिलों को जोड़ती है, सीमाओं को मिटाती है और जीवन में समरसता लाती है। हर साल 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस (International Music Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य संगीत के महत्व को समझाना, इसकी शक्ति को सराहना और यह बताना है कि कैसे संगीत मानवीय भावनाओं, संस्कृतियों और समाजों को जोड़ने का कार्य करता है।
अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस मनाने का विचार पहली बार मशहूर वायलिन वादक और यूनैस्को (UNESCO) के इंटरनेशनल म्यूजिक काउंसिल के अध्यक्ष लॉर्ड येहूदी मेनुहिन (Yehudi Menuhin) ने वर्ष 1975 में रखा। उनका मानना था कि संगीत शांति, समझदारी और भाईचारे को मजबूत करने का सबसे सुंदर माध्यम है। तभी से हर साल 1 अक्टूबर को यह दिवस दुनिया भर में कंसर्ट्स, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और म्यूजिक फेस्टिवल्स के रूप में मनाया जाने लगा।
जीवन में संगीत का महत्व
संगीत मानव जीवन का अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
-तनाव से मुक्ति: मधुर संगीत सुनने से तनाव और चिंता कम होती है।
-रचनात्मकता में वृद्धि: कई लोग संगीत से प्रेरणा लेकर नए विचार और रचनाएं करते हैं।
-भावनाओं की अभिव्यक्ति: जब शब्द साथ नहीं देते, तब संगीत दिल की भावनाओं को व्यक्त करता है।
-चिकित्सीय महत्व: आज संगीत-चिकित्सा (Music Therapy) मानसिक स्वास्थ्य सुधार, अवसाद से लड़ने और रोगों से उबरने में उपयोगी साबित हो रही है।
संगीत: एक सार्वभौमिक भाषा
संगीत की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे किसी अनुवाद की आवश्यकता नहीं होती। इसकी धुनें और लय सीधे दिल को छू जाती हैं।
-भारतीय राग,
-अफ्रीकी ढोल की थाप,
-पश्चिमी सिम्फनी,
-जापानी लोकगीत –
ये सभी अपनी-अपनी शैली में अलग हैं, लेकिन इनका असर हर जगह समान रूप से होता है। यही कारण है कि संगीत को “Universal Language of Humanity” कहा जाता है।
दुनिया भर के संगीत की विविधता
दुनिया भर में संगीत के असंख्य रूप हैं, जो विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं की झलक प्रस्तुत करते हैं:
-पश्चिमी शास्त्रीय संगीत: बीथोवन, मोत्सार्ट और बाख जैसे महान संगीतकारों की धुनें आज भी अमर हैं।
-भारतीय शास्त्रीय संगीत: हिंदुस्तानी और कर्नाटकी संगीत, राग और ताल गहरी आध्यात्मिक अनुभूति कराते हैं।
-लोक संगीत: ग्रामीण और पारंपरिक गीत, जिनमें समाज की कहानियां और जीवन का दर्शन छिपा होता है।
-आधुनिक संगीत: जैज़, पॉप, रॉक, रैप, के-पॉप और ईडीएम आज युवाओं की पहली पसंद हैं।
-फ्यूजन संगीत: पारंपरिक और आधुनिक धुनों का मिलन, जो आज वैश्विक संगीत संस्कृति का प्रतीक है।
संस्कृति और पहचान में संगीत की भूमिका
हर संस्कृति में संगीत उसकी पहचान का आधार होता है। चाहे त्योहार हों, धार्मिक अनुष्ठान हों या पारिवारिक कार्यक्रम—संगीत हर जगह अहम भूमिका निभाता है।
-भारत में भजन और कव्वाली भक्ति और आध्यात्मिकता से जुड़े हैं।
-स्पेन में फ्लेमेंको नृत्य और संगीत सांस्कृतिक गौरव है।
-अफ्रीका में ढोल और पारंपरिक गीत समुदाय को एकजुट करते हैं।
-पश्चिमी देशों में चर्च के कोयर (Choir) धार्मिक अनुष्ठानों का अभिन्न हिस्सा हैं।
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संगीत और स्वास्थ्य
आज वैज्ञानिक रूप से भी सिद्ध हो चुका है कि संगीत स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
-हृदय की धड़कन को संतुलित करता है।
-नींद में सुधार करता है।
-अवसाद और चिंता को कम करता है।
-रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
-ध्यान और मेडिटेशन के लिए विशेष धुनें मानसिक शांति प्रदान करती हैं।
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अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस का महत्व
इस दिन का उद्देश्य केवल संगीत का आनंद लेना नहीं है, बल्कि यह समझना भी है कि संगीत कैसे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। यह दिन:
-कलाकारों और संगीतकारों के योगदान का सम्मान करता है।
-नई पीढ़ी को संगीत से जुड़ने और इसे सीखने के लिए प्रेरित करता है।
-विभिन्न देशों और संस्कृतियों को संगीत के माध्यम से जोड़ता है।
शांति, प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलाता है।
संगीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह जीवन की धड़कन है। यह इंसान की भावनाओं को अभिव्यक्त करने, संस्कृतियों को जोड़ने और समाज में एकता का संदेश देने का सशक्त माध्यम है। अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस हमें यह याद दिलाता है कि जब शब्द चुप हो जाते हैं, तब संगीत बोलता है। इसलिए हमें न केवल संगीत को सुनना चाहिए, बल्कि इसे जीवन का हिस्सा बनाकर इसकी शक्ति को महसूस करना चाहिए।
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