जिन्दगी में कलम का महत्व
क + ल + म = कलम होता है| कलम वो है जिसके द्वारा हम अपने शब्द, अपने विचार एक कोरे काग़ज पर उतार पाते है, मतलब कि पैन और पैंसिल के माध्यम से| कलम शब्द बस तीन अक्षर का होता है, लेकिन इन शब्दों में बहुत ताकत है| अगर हम कलम शब्द के अक्षरों में उलट – फेर कर दें, म को पहले और ल को बाद में लिखें तो कमल शब्द बनता है और कमल एक फूल है जो कीचड़ में खिलता है| कमल फूल में इतनी ताकत नहीं कि वो किसी की मदद कर सके लेकिन कलम में इतनी ताकत है कि कीचड़ में पैदा हुए इंसान को महल में पहुंचा सकती है|
जिस व्यक्ति ने हाथ में कलम थामना सीख लिया हो, अगर वो चाहे तो जिन्दगी के कई मुकाम हासिल कर सकता है| आप को यह तो पता ही होगा कि पैन को पक्की कलम और पैंसिल को कच्ची कलम कहा जाता है, शायद इसलिए किसी ने सही कहा है ‘जब बच्चा बड़ा हो जाता है, तब उसकी पैंसिल लेकर उसके हाथ में पैन थमा दिया जाता है, ताकि वो समझ जाए कि अब उसकी गलतियों को मिटाना आसान नहीं होगा|’ कलम के दम पर हजारों लेखक लोगों के दिल पर राज कर रहे हैं और ना जाने कितने ही ऐसे लेखक होगों जिन्होनें कलम के दम पर ही इस देश में बदलाव की शुरूआत की होगी|‘ कलम सहारा तो शब्द ताकत है एक लेखक की|’
कलम की ताकत का अन्दाज़ा तो पूरी दुनिया ने 7 जनवरी 2015 को ही लगा लिया होगा जब पेरिस में चर्ली एब्दो मैग्जिन में आंतकी हमला हुआ था, उस दिन कलम आंतकवाद से भी डर कर पीछे नहीं हटी| शायद ही कोई और उदाहरण होगा जो कलम की ताकत को सही परिभाषित कर सकता है| अपनी कलम की स्याही से इस लेख को पूरा करते हुए एक लेखक के द्वारा स्याही की मंजिल ब्यां करती दो पंक्ति याद आ गई उस लेखक ने भी क्या खुब कहा है स्याही की मंजिल पर – ‘खुद – ब – खुद बिखरती है, तो दाग़ बनाती है, जब कोई बिखेरता है, तो अलफ़ाज़ बनाती है|’