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Heart Broken Syndrome: क्या है हार्ट ब्रोकेन सिंड्रोम? दिल टूटने पर दिखें ये लक्षण तो न करें नजरअंदाज, जरूर कराएं जांच

Heart Broken Syndrome: यहां हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम की बात हो रही है तो इसे पहले मेडिकली भाषा में समझना भी जरूरी है। डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट ब्रोकेन सिंड्रोम नाम से ऐसा लगता है कि जैसे कोई कपल बिछड़ गए हैं और उनका हार्ट ब्रोकेन हो गया है। आमतौर पर हार्ट ब्रोकेन शब्द का प्रयोग इसी कंडीशन में किया जाता है।

Heart Broken Syndrome: दिल टूटा है तो हो सकता है हार्ट डिजीज, ये हैं लक्षण

प्यार का इजहार और उसका कुबूलनामा दुनिया की सबसे बड़ी खुशियों में से एक होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक जगह जहां दो दिल जुड़े हैं। वहीं, कहीं न कहीं दो दिल अलग होकर बिछड़ भी रहे होते हैं। इस कंडीशन का सीधा असर दिल पर होता है। मेडिकली भाषा में इसे गंभीर माना जाता है। इस कंडीशन को हार्ट ब्रोकेन सिंड्रोम माना जाता है। हालांकि इस कंडीशन में पहुंचने यानि दिल टूटने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं।

बात यहां हार्ट ब्रोकेन सिंड्रोम की हो रही है तो इसे पहले मेडिकली भाषा में समझना भी जरूरी है। डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट ब्रोकेन सिंड्रोम नाम से ऐसा लगता है कि जैसे कोई कपल बिछड़ गए हैं और उनका हार्ट ब्रोकेन हो गया है। आमतौर पर हार्ट ब्रोकेन शब्द का प्रयोग इसी कंडीशन में किया जाता है। डॉक्टरों ने बताया कि कोई व्यक्ति दूसरे से अप्रत्याशित रूप से बिछड़ जाए और अचानक उसे इसकी जानकारी होने का सदमा लगे तो यह स्थिति हार्ट ब्रोकेन सिंड्रोम की होती है।

सट्रेस से रिलीज होते स्ट्रेस हॉर्माेन

ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम क्यों होता है, इसकी ठोस वजह पता नहीं चल पाई है। लेकिन इसका एक कारण यह माना जाता है कि स्ट्रेस की वजह से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं, जो दिल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि, यह नुकसान लंबे समय के लिए नहीं होता, लेकिन इसके कारण कुछ नुकसान तो सहने ही पड़ते हैं। ये स्ट्रेस हार्मोन किस तरह दिल को नुकसान पहुंचाते हैं, इसकी वजह ठीक तरीके से नहीं पता चल पाई है।

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खुद को संभालने की जरूरत

डॉक्टरों का कहना है कि केवल लवर के बिछड़ने से ही इस तरह का सिंड्रोम नहीं दिखता है। परिवार में किसी खास की अचानक मौत हो जाना, गंभीर बीमारी होना, ऑपरेशन से डरना, सड़क दुर्घटना, कोई बुरी खबर मिलना, आर्थिक रूप से बहुत अधिक नुकसान होने जैसी स्थिति में हार्ट ब्रोकेन सिंड्रोम की स्थिति बन जाती है। इस दौरान संभलने की जरूरत है।

दिल के फंक्शन्स में तकलीफ होती

इन कंडिशन के लक्षण लगभग एक जैसे होते है, जिस वजह से कई बार लोग इसे हार्ट अटैक से कंफ्यूज कर जाते हैं। लेकिन दोनों के कारण काफी अलग होते हैं। हार्ट अटैक ब्लॉक आर्टरीज की वजह से होता है, लेकिन ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम में ऐसा नहीं होता है। इस कारण से दिल को कोई परमानेंट डैमेज नहीं होता है और जल्दी ठीक भी हो जाता है। स्ट्रेस हार्मोन्स दिल के फंक्शन्स को प्रभावित करते हैं, जिस कारण से दिल के फंक्शन्स में तकलीफ होती है।

कैसे कर सकते हैं इससे बचाव?

ऐसा कोई तरीका नहीं है, जिससे इस कंडिशन से बचाव करने में मदद मिल सके। लेकिन स्ट्रेस मैनेजमेंट इस कंडिशन में प्रभावी हो सकता है। इसके साथ ही, हेल्दी लाइफस्टाइल भी काफी हद तक मददगार साबित हो सकती है। इसलिए मेडिटेशन, वॉकिंग, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज, बेहतर नींद और अपनी पसंद की एक्टिविटी में टाइम स्पेंड करना काफी फायदेमंद हो सकता है।

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इन लक्षणों को जरूर पहचानें

डॉक्टरों का कहना है कि इस कंडीशन में सीने में दर्द, सांस फूलना, चक्कर आना, पसीना अधिक आना, ब्लड प्रेशर लो होना, उल्टी आना, धड़कन का अनियमित होना, पीठ के कुछ हिस्से में अजीब सी बैचेनी होना शामिल होता है। ऐसी कंडीशन दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। वहीं, ये सिंड्रोम पुरुषों से अधिक महिलाओं को परेशान करता है। ऐसे व्यक्ति जिनमें हेड इंजरी, मिर्गी की बीमारी है तो उन्हें रिस्क अधिक होता है।

जरूर करा लें ये जांच

डॉक्टरों ने बताया कि हार्ट अटैक में ब्लड वेसेल्स में ब्लॉकेज देखने को मिलता है। लेकिन हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम में तनाव का दबाव होने से हार्ट वेसेल्स सिकुड़ती है। इसलिए इसमें किसी तरह का ब्लॉकेज नहीं पाया जाता है। इसकी जांच के लिए ईसीजी की जा सकती है। ब्लड टेस्ट में कार्डिएक मार्कर्स बीबी जांच कराई जा सकती है। इकोकार्डियोग्राफी, छाती का एक्स रे, कोरोनरी एंजियोग्राफी से हार्ट की स्थिति देखी जा सकती है। उसी के आधार पर डॉक्टर इलाज करता है।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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