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Global Handwashing Day: हाथ धोने की आदत ही स्वास्थ्य की कुंजी, ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे 2025

Global Handwashing Day, हर साल 15 अक्टूबर को विश्वभर में ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे (Global Handwashing Day) मनाया जाता है। यह दिन स्वच्छता और स्वास्थ्य के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है।

Global Handwashing Day : विश्व स्वास्थ्य दिवस के बाद स्वास्थ्य सुरक्षा का दूसरा अहम दिन, ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे

Global Handwashing Day, हर साल 15 अक्टूबर को विश्वभर में ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे (Global Handwashing Day) मनाया जाता है। यह दिन स्वच्छता और स्वास्थ्य के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। स्वच्छ हाथ हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उपाय हैं। सही तरीके से हाथ धोने की आदत न केवल संक्रामक बीमारियों से बचाव करती है, बल्कि बच्चों और वयस्कों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है।विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ (UNICEF) ने इस दिन को मान्यता दी है ताकि हर व्यक्ति, विशेषकर बच्चे, स्वच्छ हाथ रखने के महत्व को समझें और इसका पालन करें।

ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे का इतिहास

ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे की शुरुआत 2008 में हुई। इसे पहली बार UNICEF और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा मनाया गया। इसका उद्देश्य बच्चों, स्कूलों और समुदायों में स्वच्छता के महत्व को फैलाना था।
साल 2008 से लेकर आज तक हर साल इस दिन को अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है। इस दिन के आयोजन का मुख्य संदेश है कि “स्वच्छ हाथ स्वास्थ्य की कुंजी हैं”।

हाथ धोने का महत्व

हमारे हाथ दिनभर कई सतहों और वस्तुओं को छूते हैं। इन सतहों पर बैक्टीरिया और वायरस रहते हैं, जो हमारी त्वचा और शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
स्वच्छ हाथ रखने के फायदे:

  1. बीमारियों से बचाव: जैसे जुकाम, फ्लू, हैजा, डायरिया और कोविड-19।
  2. स्वस्थ बच्चों की वृद्धि: स्कूल जाने वाले बच्चों में सही हाथ धोने की आदत से बीमारी की दर घटती है।
  3. समुदाय में स्वास्थ्य सुरक्षा: रोगजनक जीवाणु दूसरों तक फैलने से रोकते हैं।
  4. आत्मविश्वास और सामाजिक स्वास्थ्य: स्वच्छ हाथ सामाजिक दृष्टि से भी आत्मविश्वास बढ़ाते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, साबुन और पानी से हाथ धोने से लगभग 50% संक्रमणों को रोका जा सकता है।

सही तरीके से हाथ धोने की प्रक्रिया

हाथ धोना केवल पानी से हाथ धोने तक सीमित नहीं है। इसे सही तरीके से करना आवश्यक है:

  1. साबुन लगाएं – साबुन की मदद से हाथों पर मौजूद गंदगी और जीवाणु हटते हैं।
  2. कम से कम 20 सेकंड रगड़ें – हथेलियों, अंगुलियों, नाखूनों और कलाई तक धोएं।
  3. स्वच्छ पानी से धोएं – हाथों पर साबुन के निशान न रहें।
  4. साफ तौलिये से सुखाएं – या हवा से सुखाएं।

स्कूल और घर में बच्चों को इस प्रक्रिया का पालन कराना बेहद जरूरी है।

ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे की थीम

हर वर्ष इस दिन को विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे 2025 की थीम है – “चेंज मेकर्स: हैंडवॉशिंग में बदलाव लाने वाले” (Change Makers: Leading the Handwashing Movement)। इस थीम का उद्देश्य यह है कि हम अपने आसपास के समुदाय, स्कूल और घर में हाथ धोने की आदत को बढ़ावा दें और इसे सामाजिक रूप से मान्यता दिलाएं।

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भारत में हाथ धोने की जागरूकता

भारत में स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के तहत हाथ धोने की आदत को बढ़ावा दिया गया है।
स्कूलों में बच्चों को नियमित रूप से हैंडवॉशिंग प्रोग्राम और प्रतियोगिताओं के माध्यम से शिक्षा दी जाती है।
इसके अलावा, टीवी, सोशल मीडिया और सरकारी अभियान के जरिए लोगों को हाथ धोने की आदत अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। भारत में अभी भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सही तरीके से हाथ नहीं धोते। इसलिए ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे का महत्व और भी बढ़ जाता है।

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हाथ धोने के सामाजिक और आर्थिक लाभ

हाथ धोने की आदत सिर्फ स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी है।

  1. रोगों से कम अनुपस्थिति: बच्चों और कर्मचारियों के स्कूल या कार्यस्थल में कम छुट्टियाँ होती हैं।
  2. स्वास्थ्य व्यय में कमी: अस्पताल जाने और दवाओं पर खर्च कम होता है।
  3. समाज में जागरूकता: समुदाय में स्वच्छता और सुरक्षा की संस्कृति बढ़ती है।
  4. महामारी नियंत्रण: हाइजीनिक प्रथाएं रोगों के फैलाव को रोकती हैं।

हाथ धोने की आदत को जीवन का हिस्सा बनाना

हाथ धोना केवल दिन में एक बार नहीं बल्कि रोज़मर्रा की आदत बनानी चाहिए।

  • भोजन से पहले और बाद में
  • शौचालय के उपयोग के बाद
  • सार्वजनिक स्थानों को छूने के बाद
  • बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद

इन समयों पर हाथ धोने से बीमारियों के फैलाव को रोका जा सकता है। ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे 2025 हमें यह याद दिलाता है कि स्वच्छ हाथ, स्वस्थ जीवन की नींव हैं। यह दिन केवल जागरूकता बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि सतत स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्रेरित करने का अवसर भी है। हमारे छोटे-छोटे कदम, जैसे नियमित रूप से हाथ धोना, पूरे समुदाय और समाज के स्वास्थ्य में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

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