Gender Equality: जाने क्या होता है जेंडर इक्वलिटी, घर से कैसे कर शुरू होती है जेंडर इक्वलिटी की बातें?
Gender Equality: घर पर जेंडर इक्वलिटी बनाये रखने के लिए ध्यान रखें ये बातें
- Highlights:
- जाने क्या होता है जेंडर इक्वलिटी
- जाने जेंडर इक्वलिटी को कायम रखने में कौन मुख्य भूमिका निभाता है
- घर पर जेंडर इक्वलिटी के लिए ध्यान रखें ये बातें
Gender Equality: जेंडर इक्वलिटी का मतलब होता समाज में महिलाओं और पुरुषों को समान अधिकार मिलना। उनके बीच में किसी भी तरह का कोई भी भेदभाव न होना। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण अभी हमारे समाज में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है आज के समय पर भी हमारे समाज में जेंडर इनक्वालित्य एक बेहद ही आम बात है। जन्म से लेकर मौत तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक आपको हर जगह जेंडर इनक्वालित्य नजर आ ही जाएगी। हमारे देश में इस जेंडर इनक्वालित्य को कायम रखने में सामाजिक और राजनीतिक पहलू बहुत बड़ी भूमिका निभाते है।
अगर हम वर्ल्ड इकनोमिक फोरम द्वारा साल 2017 के ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स की बात करें, इसके अनुसार भारत 144 देशों की लिस्ट में 108 नंबर पर आता हैं। इससे आप साफ तोर पर अंदाजा लगा सकते है कि हमारे देश में लैगिंक भेदभाव की जड़ें कितनी मजबूत और गहरी है। अभी हमारे देश में रोजगार के क्षेत्र में जेंडर इक्वलिटी लाने के लिए समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 लागू किया जा चूका है।
लेकिन हम कितनी भी कोशिस क्यों न कर लें तब तक हमारे समाज में जेंडर इक्वलिटी नहीं आ सकती, जब तक इसकी शुरुआत घर से नहीं होती। समाज में सभी लोग जेंडर इक्वलिटी की बात करते है लेकिन घर पर उसी बात को भूल जाते है। और घर पर अपने बच्चों के बीच ही इनक्वालित्य करते रहते है इस लिए अगर आप समाज में बदलाव चाहते है तो इसकी शुरुआत आपको अपने घर से ही करनी पड़ेगी। तो चलिए आज हम आपको घर पर जेंडर इक्वलिटी बनाये रखने के कुछ तरीके बताने जा रहे है।
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जिम्मेदारियों का समान बंटवारा
आज भी हमारे देश में महिलाओं को घर की हर जिम्मेदारियों से बांध कर रखा जाता है। तो वही पुरुषों को घर के बाहर के काम सौंपे जाते है। जो की बिल्कुल गलत है महिला हो या पुरुष दोनों में घर की जिम्मेदारियों समान रूप से बटी होनी चाहिए। पुरुषों को भी घर के कामों में हाथ बटवाना चाहिए तो वही महिलाओं को भी घर के बाहर की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
पितृसत्ता से जुड़ी रीति रिवाजों पर सवाल करना
अगर आप अपने घर पर जेंडर इक्वलिटी का माहौल बना सकते है तो आप समाज में भी बदलाव की उम्मीद कर सकते है। इस लिए आपको घर पर होने वाली छोटी छोटी इनक्वालित्य पर ध्यान देना चाहिए और सवाल करना चाहिए। साथ ही आपको बाल-विवाह, दहेज प्रथा जैसी चीजों पर भी अपनी आवाज उठानी चाहिए। आज के समय पर भले ही हमारे देश का संविधान इन चीजों पर रोक लगाता है लेकिन बता दें कि यहीं पितृसत्ता का सबसे बड़ा कारण है। इस लिए इसके खिलाप आपको अपने स्तर पर आवाज उठानी चाहिए।
घर में हर चीज़ का समान बंटवारा होना
अपने अपने घर पर या फिर अपने घर के पास पास ये जरूर देखा होगा कि अक्सर लोग अपने बेटे को बेटी से बेहतर स्कूल में पढ़ाते है बेटे को बेटी की तुलना में ज्यादा जेब खर्च देते है और बेटियों को घर के कामों में मदद करने के लिए कहते है जबकि घर के बेटे को ऐसा कुछ करने के लिए नहीं कहा जाता है। जो की गलत है ये चीजे ही हमारे समाज में जेंडर इनक्वालित्य लाते है इस लिए आपको इन चीजों को नकार देना चाहिए।
महिलाओं से जुड़ी चीजों पर, घर में खुलकर बात करना
अपने देखा होगा कि घरों पर अक्सर लोग महिलाओं से जुड़ी चीजों पर बात करने से बचते रहते है। फिर चाहे वो महिलाओं के पीरियड्स की बात हो या फिर मूड स्विंगस की या फिर हो उनके गर्भावस्था की। अक्सर लोग इन टॉपिक्स पर बात नहीं करना चाहते। लेकिन ये गलत है घर पर आपको महिलाओं से जुड़ी चीजों पर खुल कर बात करनी चाहिए। इससे ये चीजे सभी के लिए नॉर्मल हो जाती है। और महिलाओं से जुड़ी चीजों का नॉर्मल होना, पितृसत्ता को चुनौती देता है।